कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सहयोग से स्थापित प्रांत रोजगार सृजन केन्द्र समय की सबसे बड़ी मांगः सांसद नायब सिंह सैनी।
सांसद नायब सिंह ने कुरुक्षेत्र रोजगार सृजन केन्द्र को 11 लाख रूपये तथा विधायक सुभाष सुधा ने 5 लाख रूपये देने की करी घोषणा।
केयू के श्री गुलजारी लाल नंदा अध्ययन केन्द्र में प्रांत व जिला रोजगार सृजन केन्द्र का हुआ शुभारंभ।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 11 दिसम्बर : प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ व स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संगठक सतीश कुमार ने कहा कि कौशल-विकास के द्वारा रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। स्वरोजगार के द्वारा हम भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं। वे रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्री गुलजारी लाल नंदा अध्ययन केन्द्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में स्वदेशी उद्यमिता दिवस के अवसर पर (कौशल, उद्यमिता व रोजगार हेतु) हरियाणा प्रांत व जिला रोजगार सृजन केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस मौके पर स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संगठक सतीश कुमार, सांसद नायब सिंह, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव धीमान, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, स्वदेशी जागरण मंच के सुधीर कुमार डॉ. मधुर की पुस्तक इंडियन इकोनॉमी का विमोचन भी किया। इससे पहले सभी अतिथियों ने केयू के श्री गुलजारी लाल नंदा अध्ययन केन्द्र में स्वावलम्बी अभियान के तहत् कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

आर्थिक विशेषज्ञ सतीश कुमार ने कहा कि भारत के युवा देश की आर्थिक प्रगति के सबसे बड़े इंजन है। हमें अपने युवाओं में कौशल विकास करना है। हरियाणा प्रांत भारत में रोजगार के सृजन करने में मदद करेगा। बेरोजगारी के समाधान का जो मॉडल हरियाणा प्रस्तुत करेगा वह मॉडल पूरे भारत वर्ष में उदाहरण बनेगा इसलिए हम पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन केन्द्र एक अह्म प्रक्रिया बनने वाली है। यह केन्द्र बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए समाज व देश को कुछ करने की भावना के लिए नींव का काम करेगी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी को लेकर सरकार एवं स्वदेशी जागरण मंच जैसी संस्थाओं द्वारा स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार एवं रोजगार सृजन के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन केन्द्र रोजगार क्रान्ति का केन्द्र बिन्दु है।

कुरुक्षेत्र लोकसभा सांसद नायब सिंह ने कहा कि बेरोजगारी हर देश की गंभीर समस्या है। हर युवा को रोजगार की आवश्यकता है। इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। परम्परागत व्यापार एवं कार्य कौशल को पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मुद्रा बैंक योजना के बारे में बताया जिसमें युवाओं को स्टार्टअप व स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने रोजगार सृजन केन्द्र के उद्घाटन पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को बधाई दी तथा केन्द्र को 11 लाख रूपये देने की घोषणा भी कीे।

थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले के ज्योतिसर और दयालपुर सहित कई गंावों में एनजीओ द्वारा दिवाली पर स्वनिर्मित दिए एवं मोमबत्ती बनाकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया। इस केन्द्र में कौशल प्रशिक्षक होने के साथ प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में भी विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने इस मौके पर केन्द्र को 5 लाख रूपये देने की घोषणा की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि युवाओं में स्वदेशी स्वावलम्बन का स्वभाव जागृत करना व गरीबी मुक्त एवं सम्पूर्ण रोजगारयुक्त भारत बनाने के लिए हमें धरातल पर कार्य करना होगा और रोजगार केन्द्रित शिक्षा एवं नीतियां बनानी होगी। हमारी नीतियों में विद्यार्थियों को रोजगार की वास्तविक स्थिति का पता होना भी जरूरी है। कुलपति ने कहा कि मार्च 2020 में कोविड की विषम परिस्थितियों में भारत के शीर्ष नेतृत्व ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर जन-जागरण का कार्य किया। भारत ने मास्क, पीपीई किट, वैक्सीन, सेनिटाईजर व वेंटीलेटर उपकरण न केवल अपने देश के लिए बनाकर समाज हित का कार्य किया बल्कि विदेशों में भी उपलब्ध करवाकर मानवता के कल्याण का कार्य किया। किसी भी चीज को प्रभावशाली बनाने के लिए समाज की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा के साथ स्वरोजगार परक बनाने का मूल मंत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित है।

मंच का संचालन केयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने किया तथा सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव धीमान, प्रो. ओमप्रकाश अरोड़ा, स्वदेश जागरण मंच से सुधीर कुमार, डॉ. कृष्ण जाटियान, प्रो. सुनील ढींगडा, प्रो. एलके गौड, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. पवन कुमार, डॉ. सुनील ढुल, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. संजय कौशिक, डॉ. अजय जांगडा, डॉ. जितेन्द्र जांगडा, डॉ. गुरविन्द्र सिंह, कपिल मदान सहित काफी संख्या में शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।

इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के छात्रों ने विभिन्न कला माध्यमों के द्वारा स्वदेशी उद्यमिता को प्रदर्शित करते हुए एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी में स्वरोजगार के विभिन्न व्यवसायों को चित्रकला, मूर्तिकला, म्यूरल, छापाकला, छायाचित्रण और व्यावसायिक कला के माध्यम से दर्शा कर आत्मनिर्भरता का संदेश दिया गया। प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा क्राफ्ट कार्य, पत्थर नक्काशी, मेटल कास्टिंग, पेपर मेकिंग, ब्लॉक प्रिंटिंग, ज्वैलरी आदि हस्तनिर्मित कलाओं का संयोजन कर दर्शकों को आकर्षित किया। इस प्रदर्शनी में विभागाध्यक्ष डॉ. पवन कुमार, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. मोनिका गुप्ता, डॉ. जया दरोंदे, डॉ. राकेश बाणी, सुशील कुमार, शोधार्थी और ललित कला विभाग के विद्यार्थियों ने सहयोग किया।

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