पानीपत के पाइट कॉलेज में हुई प्रतियोगिता में देशभर के 120 टीमों ने लिया हिस्सा वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 11 दिसम्बर : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पानीपत के पाइट (पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) कॉलेज में हुई नेशनल लेवल की एन आइडियॉथन स्पर्धा में स्कूल की टीम ने रनर-अप की ट्रॉफी हासिल की है। ट्रॉफी के साथ 5000 रुपए का इनाम भी दिया गया। प्रतियोगिता का आयोजन 10 दिसंबर को हुआ, जिसमें देशभर के विभिन्न सीबीएसई स्कूलों की 120 टीमों ने भाग लिया। स्कूल की ओर से गठित टीम में लक्षित सैनी, कौशल, विशाल, कृष्णा और कोमलांशु शामिल थे। मेंटर के तौर पर स्कूल अध्यापिका महिमा अरोड़ा टीम के साथ थीं। बच्चों की इस उपलब्धि पर स्कूल प्राचार्य डॉ. एमएम सिंह ने टीम के बच्चों, मेंटर महिमा अरोड़ा सहित स्कूल के सभी शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को बधाई देते हुए बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चे किसी भी विद्यालय से कम नहीं हैं और पढ़ाई से लेकर हर गतिविधि में पूरी तन्मयता से न केवल भाग लेते हैं, बल्कि अपनी मेहनत से उसे सफल बनाते हैं। प्राचार्य ने कहा कि टीम के बच्चों का सोमवार को स्कूल में आयोजित समारोह में स्वागत किया जाएगा और सम्मानित भी किया जाएगा। सुबह से शाम तक चली प्रतियोगिता।देशभर से आए विभिन्न स्कूलों के बच्चों के बीच टफ कंपीटिशन रहा और प्रतियोगिता के फाइनल परिणाम शाम तक ही घोषित हो पाए। महिमा अरोड़ा ने बताया कि प्रतियोगिता के परिणाम निकालने के लिए जज कमेटी सदस्यों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। शॉर्टलिस्ट करने के बाद अंत में 15 टीमों को रखा गया। इन टीमों के सदस्यों से उनके मॉडल के बारे में फिर से सवाल-जवाब किए गए। इसके बाद प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई, जिसमें स्कूल की टीम ने रनरअप ट्रॉफी जीतकर स्कूल का नाम रोशन किया। यह था मॉडल।टीम लीडर लक्षित सैनी ने बताया कि उन्होंने अपने मॉडल का नाम राफ्टी (रोड सेफ्टी) रखा, जो सडक़ सुरक्षा, सुदृढ़ पार्किंग व्यवस्था के साथ-साथ एनर्जी सेविंग पर आधारित था। इसमें पार्किंग में रश होने के कारण दूर से यह पता नहीं चलता कि पार्किंग में खाली स्पेस कहां हैं। उन्होंने मॉडल में लेजर लाइट के जरिए यह बताया कि दूर खड़े रहने पर भी आसानी से पता चलेगा कि पार्किंग में खाली स्पेस कहां है। इससे समय और फ्यूल की भी बचत होगी। लक्षित ने बताया कि इसके साथ-साथ ईवी व्हीकल के लिए अलग से चार्जिंग लेन बनाकर गाड़ी चलते-चलते चार्ज होना भी मॉडल में प्रदर्शित किया गया। ट्रैफिक सिग्नल के पूरे पोल को ही रेड, ग्रीन, येलो में कन्वर्ट करना भी दर्शाया ताकि दूर से ही वाहन चालकों को सिग्नल के बारे में आसानी से पता चल सके। इसके साथ-साथ एक्सीडेंट डिटेक्टर का प्रदर्शन किया। दुर्घटना की स्थिति में गाड़ी सैटेलाइट के माध्यम से एमरजेंसी सेवाओं को स्वयं ही मैसेज पहुंचा देगी। Post navigation हरियाणा की संस्कृति का इतिहास हजारों साल पुराना : डॉ. महासिंह पूनिया भारत के युवा देश की आर्थिक प्रगति के सबसे बड़े इंजन : सतीश कुमार