मुख्यमंत्री हठधर्मिता के कारण मेडिकल छात्रों का भविष्य खराब ना करे : वर्मा

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बॉन्ड पॉलिसी पर नाखुशी जताई है
बाॅन्ड के नाम पर गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बन्द करें सरकार : वर्मा

हिसार 03 दिसंबर– कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हनुमान वर्मा ने प्रैस में जारी बयान मे खट्टर सरकार द्वारा प्रदेश के मेडिकल छात्रों पर थोपा जा रहा बॉन्ड हकीकत में चोर दरवाज़े से बढ़ाई गई फीस है। बॉन्ड के नाम पर लूट का यह खेल केवल मेडिकल एजुकेशन तक ही रुकने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में शिक्षा माफिया के नुमाईंदे जिस तरह छात्रों से मोल-भाव कर रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसे यहीं तक सीमित रखने वाले नहीं हैं।

वर्मा ने कहा हरियाणा में किसी को भी यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि बॉन्ड के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये लूटने की यह नीति चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित रहेगी। मेडिकल छात्रों को लूटने के बाद यह आग इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ को भी अपनी चपेट में ले लेगी। हकीकत में यह गरीब-मजदूर, किसान व आम जनों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की भाजपा साज़िश है । जिसे केन्द्र सरकार के आदेश पर मुख्यमंत्री खट्टर आगे बढ़ा रहे हैं।

वर्मा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के लिए इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और क्या होगी कि 7 डिग्री तापमान में एक महीने से प्रदेश के मेधावी मेडिकल छात्र खुले आसमान के नीचे इस प्रदेश की मेडिकल शिक्षा को व्यापारीकरण से बचाने के लिए तरह-तरह की यातनाएं झेल रहे हैं, और खट्टर साहब बार-बार मोलभाव की शैली में उनसे तीन-तीन राउंड की बातचीत का ड्रामा कर रहे हैं। खट्टर साहब अगर ईमानदार थे तो उन्हें इन भावी डाक्टरों से बात करने का समय एक महीने बाद क्यों मिला? यह इतनी बेगैरत सरकार है कि इन पढ़ने-लिखने वाले 20-22 साल के बच्चों को यातनाएं देते हुए इन्हें शर्म भी नहीं आती। ये सारा खेल प्रदेश के शिक्षा तंत्र को शिक्षा माफिया के हवाले करने के लिए चल रहा है , और खट्टर सरकार इस खेल की मुख्य किरदार है। खट्टर सरकार प्रदेश की जनता को बताए कि वह चुनी हुई सरकार है या शिक्षा माफिया की एजेंट ??

वर्मा ने कहा कि आज प्रदेश में हर जगह डॉक्टर्स की कमी है। अस्पतालों में 6,600 पद खाली पड़े हैं, पर खट्टर साहब इन बच्चों से बॉन्ड मांग रहे हैं, तो क्या वह खुद इन्हें डिग्री पूरी होते ही तत्काल सुनिश्चित व स्थाई रोजगार का बॉन्ड दे सकते है ??
वर्मा ने कहा कि इनके नेता बाॅडं 40 लाख से 30 लाख करने पर मुख्यमंत्री की वाहवाही कर रहे हैं । पर वो लोग कैसे भूल जाते कि गरीब कहा से 30 लाख रुपए का इंतजाम करें ।

वर्मा ने आज हम सिर्फ इस बाॅडं पॉलिसी को ग़लत नहीं बता रहे इन के नेता अनिल विज भी इस को रोकने की बात कह रहे हैं।अनिल विज का मुख्यमंत्री को लेटर – मरीज-डॉक्टर परेशान, इसे साल भर टाला जाए हरियाणा में MBBS स्टूडेंट्स की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर भाजपा में पहली बार मतभेद उजागर हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बॉन्ड पॉलिसी पर नाखुशी जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लेटर लिखा कि मरीज और डॉक्टर परेशान हैं। इस पॉलिसी को एक साल के लिए टाल दिया जाए। इसके बाद इस मसले पर फैसला करें। तब तक MBBS स्टूडेंट्स को भी समझ में आ जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार बॉन्ड पॉलिसी के फायदे गिनवा रहे हैं। पॉलिसी के खिलाफ हड़ताल पर डटे MBBS स्टूडेंट्स से वह मीटिंग भी कर चुके हैं। मीटिंग में हुए फैसले को लेकर सरकार बॉन्ड पॉलिसी की नई अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है।

बॉन्ड पॉलिसी पर पहले भी विरोध जता चुके विज
वर्ष 2020 में जब बॉन्ड पॉलिसी का प्रारूप तैयार किया जा रहा था। उस वक्त भी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 7 साल और 40 लाख रुपए की बॉन्ड पॉलिसी पर अपनी असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह मेडिकल स्टूडेंट्स के हित में नहीं है। उस समय भी विज ने फाइल पर लिखकर इसे नकार दिया था। उन्होंने लिखा था कि बॉन्ड पॉलिसी से बच्चों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, इससे मैरिट वाले बच्चे हरियाणा में नहीं आएंगे। इससे सीटें खाली रह जाएंगी। फिर मुख्यमंत्री क्यों अड़े हुए हैं ये ग़लत पॉलिसी लागू करने पर ??

वर्मा ने कहा कि हम मुख्यमंत्री से अपील करते है कि वो अपनी हठधर्मिता के कारण इन बच्चों का भविष्य खराब ना करें । ओर इस बाॅन्ड पोलिशी को खत्म करने का काम करें ।

वर्मा ने कहा कि ये देश में पहली सरकार है जो शिक्षा को बेचने पर तूली है । कभी ये सरकार स्कूल बंद करती है । कभी ये सरकार चिराग योजना लाकर सब कुछ प्राइवेट करने के लिए आमदा हो जाती है । ये कैसी सरकार है ??

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