कांग्रेस द्वारा पिछडे, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सके, उनके लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति शुरू की थी जिसे अब भाजपा सरकार ने बंद करने का फैसला करके इन वर्गो के बच्चों को सुलभता से शिक्षा पाने में रोडा अटकाया है : विद्रोही
पिछडे, दलित व आदिवासी वर्ग के इन मंत्रीयों का होना या न होना बेमानी है। जब उक्त सभी मंत्री अपने वर्गो के हितों की रक्षा तक नही कर सकते है : विद्रोही

2 दिसम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पिछडे, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के बच्चों को प्रभावी शिक्षा पाने के लिए कांग्रेस सरकारों द्वारा शुरू की गई प्री मैट्रिक छात्रवृति योजना को भाजपा सरकार द्वारा बंद करने की कठोर आलोचना करते हुए इसे इन कमजोर तबके के बच्चों को शिक्षा पाने के रास्ते में रोड़ा अटकाने का कुप्रयास बताया। विद्रोही ने कहा कि चाहे केन्द्र की मोदी-भाजपा सरकार हो या हरियाणा की भाजपा खट्टर सरकार हो, उन्होंने विगत आठ सालों में पिछडे, दलितों, आदिवासियों के हित में मगरमच्छी आंसू बहाकर दावे तो बड़े-बड़े किये है, लेकिन जमीनी धरातल पर इन वर्गो के संवैद्यानिक अधिकारों को कुचलने व दबाने और उन्हे वर्षो से दी जा रही सरकारी सामाजिक सुरक्षा में कटौती करने का कोई मौको नही छोडा है। अब कांग्रेस द्वारा पिछडे, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सके, उनके लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति शुरू की थी जिसे अब भाजपा सरकार ने बंद करने का फैसला करके इन वर्गो के बच्चों को सुलभता से शिक्षा पाने में रोडा अटकाया है।

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा व केन्द्र की भाजपा सरकार ने विगत 8 सालों में कांग्रेस राज में शुरू की गई इन वर्गो की सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं को क्या तो खत्म किया है या उनके बजट में भारी कटौती की है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोटी जैसी मूलभूत आवश्यकताएं है जिनको हर वर्ग तक सुलभता से पहुंचाना हर लोकतांत्रिक सरकार को नैतिक व संवैद्यानिक दायित्य है। लेकिन भाजपा सरकार अपने इस नैतिक व संवैद्यानिक दायित्व को पूरा करने मं असफल रही है। प्रधानमंत्री मोदीजी व उनके मंत्री-संतरी, भाजपाई-संघी पिछडे, दलित व आदिवासी वर्ग के इतने मंत्री हमने सरकार में बनाये है, ऐसा राग अलापकर वोट बैंक की राजनीति तो करते है, पर भाजपा सरकारों में इन वर्गो के मंत्रीयों की स्थिति क्या है, यह इसी से पता चलता है कि उनके वर्गो के संवैद्यानिक अधिकारों पर संघी सरकार बार-बार हथौडा चलाती है और वे चूं तक नही करते। मोदी-भाजपा-संघ के इशारे पर कठपुतली की तरह नाचते रहते है। 

विद्रोही ने कहा कि पिछडे, दलित व आदिवासी वर्ग के इन मंत्रीयों का होना या न होना बेमानी है। जब उक्त सभी मंत्री अपने वर्गो के हितों की रक्षा तक नही कर सकते है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि उनकीे हैसियत केवल सजावटी मोहरो की है। जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी, तब प्रदेश कांग्रेस सरकार ने पहली से दसवीं कक्षा तक पिछडे व दलित वर्ग के छात्रों को शिक्षा दिलाने 100 से 400 रूपये मासिक छात्रवृति देने की योजना प्रारंभ की थी जो भाजपा खटटर सरकार ने बंद कर दी। जो थोडी बहुत छात्रवृति इन वर्गो को दी गई, उसको भी संघी सत्ता दुरूपयोग से घोटाला करके हडप गए। हरियाणा भाजपा खट्टर राज में 120 से 150 करोड़ रूपये का पिछडेे, दलित वर्ग का छात्रवृति घोटाला हुआ और आज तक इन गरीब बच्चों की छात्रवृति हडपने वालों को दंडित करना तो दूर, उनके चेहरे तक बेनकाब नही हुए। छात्रवृति घोटाले को खट्टर सरकार ने प्रदेश में अरबो रूपये के हुए अन्य घोटालों की तरह सत्ता दुरूपयोग से रफा-दफा कर दिया।

विद्रोही ने प्रदेश के पिछडे, दलितों वर्ग से पूछा कि वे कब तक भाजपा को वोट देकर संघीयों की ताकत बढाकर अपने पैरों पर कुल्हाडी मारते रहेंगे। यदि उन्होंने अपने पैदायशी वर्ग शत्रु संघीयों को वोट की चोट से सत्ता से बाहर नही किया तो भाजपा-संघ सरकार धीरे-धीरे उनके सभी संवैद्यानिक अधिकारों को छीन लेगी और उनके लिए कांग्रेस राज में बनीे सामाजिक सुरक्षा की सभी योजनाओं को खत्म कर देगी। 

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