भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। 26 नवंबर को हमने लिखा था कि भाजपा ही जीतेगी और भाजपा हारेगी। वही बात चरितार्थ हो रही है। भाजपा के 4 जिला पार्षद चुनाव जीते हैं लेकिन गुरुग्राम की जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ का कहना है कि जिला परिषद में भाजपा का ही वर्चस्व रहेगा, क्योंकि चुनाव चिन्ह पर नहीं जीते हैं वे भी भाजपा की विचारधारा के ही हैं और उनकी बात को बल इस बात से भी मिलता है कि इन चुनाव में दल-बदल नियम लागू नहीं है। कोई भी किसी भी पार्टी के साथ जुड़ सकता है। अत: गार्गी कक्कड़ का यह कहना कि कम से कम 9 पार्षद उनके होंगे, अनुचित नहीं लगता, बल्कि हम तो यह कहेंगे कि 9 नहीं अपितु दसों पार्षद भाजपा के होंगे। अधिक बात तो हमारी जिला अध्यक्ष से हो नहीं पाई, क्योंकि शायद वह व्यस्त होंगी कि किस प्रकार सिंबल पर न लड़े जीते हुए उम्मीदवारां को भाजपा का पट्टा पहनाया जाए। जिस एक पर उन्हें संदेह है, वह शायद वार्ड 9 की विजयी उम्मीदवार दीपाली की ओर होगा लेकिन दीपाली के विजय जुलूस में राव इंद्रजीत के नारे स्पष्ट लग रहे थे। अत: वह भाजपा की ही हुई। यूं तो यह भी कहा जा रहा है कि वह जजपा की सदस्य हैं परंतु जजपा कौन-सी भाजपा से अलग है। जिला परिषद वार्ड 9 के चुनाव में जबरदस्त खेला हुआ। विधायक सत्यप्रकाश जरावता उस खेले के नायक नजर आए, क्योंकि भाजपा की उम्मीदवार मधु सारवान को उन्होंने तभी आशीर्वाद दे दिया था, जब वह भाजपा की सदस्य भी नहीं थी और उसे जिताने के लिए उन्होंने अपनी जी-जान लगा दी। पूर्व मंत्री राव नरबीर को भी उन्होंने प्रचार में उतारा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील मधु के पक्ष में कराने का वीडियो भी वायरल किया। उनकी मधु सारवान को जिताने की कोशिशें इतनी थी, उसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि हमने उनसे पूछा था कि आदमपुर चुनाव में प्रचार के लिए आप कब जाएंगे तो उनका कथन था कि मेरी कन्या का विवाह है इसलिए मैं वहां नहीं जा पाउंगा। उनकी कन्या का विवाह 4 नवंबर को था और वह 3 नवंबर और 5 नवंबर को भी मधु सारवान के पक्ष में दर्जनों गांवों में प्रचार कराकर आए। वर्तमान में भाजपा गुरुग्राम ही नहीं अपितु भाजपा हरियाणा में भी इस सीट पर हुई हार की चर्चा है और मंथन किया जा रहा है कि इस हार का जिम्मेदार आखिर है कौन? इस हार से तो प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया। बहरहाल कह सकते हैं कि गुरुग्राम जिला परिषद में जिला प्रधान गार्गी कक्कड़ के अनुसार भाजपा का ही वर्चस्व रहेगा। यह दूसरी बात है कि चुनाव चिन्ह पर लडऩे के बारे में उम्मीदवारों को किस प्रकार टिकट दिए गए और भाजपा के उम्मीदवार ही भाजपा के विरूद्ध चुनाव क्यों लड़ रहे थे? इनकी जांच भी अवश्य की जाएगी। यह भाजपा के लिए विचारने की बात है कि अनुशासन भंग करने वालों को सजा मिलेगी या फिर जो जीता वही सिकंदर की बात की तरह विजयी पार्षदों को पार्टी में मान-सम्मान मिलेगा।– Post navigation रहेजा मॉल का 82 लाख बिजली बिल बकाया, कटा कनेक्शन भेड़बकरी ,मछली तथा मुर्गीपालन आदि में आय व रोजगार की अपार संभावनाएं: कृषि मंत्री जेपी दलाल