·        हरियाणा में टीचर्स के खाली पड़े 38 हजार पद तुरंत भरे सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा

·        भर्ती के इंतजार में 1 लाख से ज्यादा HTET पास युवाओ के सर्टिफिकेट रद्दी के टुकड़े बन गये हैं – दीपेन्द्र हुड्डा

·        8 साल के पूरे कार्यकाल में खट्टर सरकार ने एक भी JBT भर्ती नही निकाली, भर्ती की आस लगाए लाखों युवा ओवरएज हुए – दीपेन्द्र हुड्डा

·        आदमपुर उपचुनाव के पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा एचटेट सर्टिफिकेट आजीवन मान्य करने की घोषणा चुनावी जुमला साबित हुई – दीपेन्द्र हुड्डा

·        इस बेतुके फैसले का एक ही कारण है कि सरकार नौकरी देने से बचना चाहती है – दीपेन्द्र हुड्डा

·        हरियाणा में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है ये सरकार, युवाओं को डर है कि अगर ऐसे ही तुगलकी फरमान जारी करती रही तो उनकी B.Ed, M.Ed की डिग्री भी 7 साल बाद रद्द न कर दे – दीपेन्द्र हुड्डा 

चंडीगढ़, 24 नवंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के खाली पड़े 38 हजार पद तुरंत भरे जाएँ। उन्होंने मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 8 साल के पूरे कार्यकाल में खट्टर सरकार ने एक भी JBT भर्ती नही निकाली। आज तक खुद के विज्ञापन पर एक भी टीचर भर्ती नहीं की। 8 साल में युवाओं को भर्तियों के नाम पर पेपर लीक, परीक्षा रद्द, फर्जीवाड़ा और घूसखोरी मिली है। इसके चलते भर्ती की आस लगाए लाखों युवा ओवरएज हो गये। सरकार के फैसले से 1 लाख से ज्यादा HTET पास युवाओ के सर्टिफिकेट रद्दी कागज के टुकड़े बन जाएंगे। इस बेतुके फैसले का एक ही कारण है कि सरकार नौकरी देने से बचना चाहती है।प्रदेश में बेरोजगारी इसलिए चरम पर है क्योंकि सरकार नौकरी देने की बजाए नौकरी से निकालने पर जोर दे रही है। मौजूदा सरकार ने 1983 पीटीआई और ड्राइंग टीचर को नौकरी से निकालने का काम किया। जबकि हुड्डा सरकार के समय अकेले शिक्षा महकमे में TGT, PGT, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर समेत एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई थी।

उन्होंने कहा कि जब 2020 में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से केंद्र के सीटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन कर की जा सकती है तो फिर हरियाणा की शिक्षक भर्ती में युवाओं के व्यापक हित को देखते हुए प्रदेश सरकार एचटेट प्रमाण पत्र को 7 साल की बजाय आजीवन वैधता क्यों नहीं देना चाहती। उन्होंने सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल भी केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट की वैधता आजीवन करने की घोषणा की थी और फिर आदमपुर उपचुनाव से दो माह पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने एचटेट सर्टिफिकेट आजीवन मान्य करने की घोषणा कर जल्द नोटिफिकेशन जारी करने की बात कही थी। लेकिन चुनाव खत्म होते ही तकनीकी और कानूनी अड़चनों का बहाना कर सरकार अब अपने ही ऐलान से पीछे हट रही है और बाकी वादों की तरह ही इसे भी चुनावी जुमला साबित कर युवाओं को ठगने का काम कर रही है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार के इस फैसले प्रदेश के एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। क्योंकि, 2011 से 2014 तक एचटेट पास 50 हजार युवाओं के सर्टिफिकेट रद्द माने जाएंगे और 2015 में एचटेट पास करने वाले 50 हजार से ज्यादा युवाओं को 31 दिसंबर के बाद अपने एचटेट सर्टिफिकेट रद्दी की टोकरी में फेंकने पड़ जाएंगे। सरकार हरियाणा में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। अगर सरकार ऐसे ही तुगलकी फरमान जारी करती रही तो युवाओं को डर है कि उनकी B.Ed, M.Ed की डिग्री भी 7 साल बाद रद्द न कर दे। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में टीचर्स का टोटा है, बावजूद इसके सरकार भर्तियां करने के लिए तैयार नहीं है। इतना ही नहीं, मौजूदा सरकार ने टीजीटी और पीजीटी भर्तियों को लटकाया और बार-बार कैंसिल किया। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार ने पीजीटी संस्कृत और टीजीटी इंग्लिश जैसी भर्तियों को रद्द करके अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का भी काम किया।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि लगता है कि हरियाणा के युवाओं से सरकार का रिश्ता केवल झूठे सब्जबाग दिखाकर वोट लेने तक सीमित रह गया है। जब नौकरी देने की बात आती है तो सरकार ऐसे नियम व क्राईटेरिया तय करती है कि दूसरे प्रदेशों के युवाओं को नौकरी मिले। जो थोड़े बहुत रोजगार निकलते हैं वो दूसरे प्रदेशों के युवा ले जा रहे हैं जैसे 70 में से 68 जेई-एसडीओ दूसरे राज्यों के लगाये गये थे।

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