·       हमारी सरकार के समय इसे मंजूर कराकर 31.07.2013 को तत्कालीन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा शिलान्यास कराकर काम शुरु कराया था – दीपेन्द्र हुड्डा

·         अब चींटी की चाल से चल रहा रोहतक-महम-हांसी रेल लाइन का काम – दीपेन्द्र हुड्डा

·         मौजूदा बीजेपी सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना 10 साल में भी पूरी नहीं हो सकी – दीपेन्द्र हुड्डा

·         बेवजह देरी होने से ₹287 करोड़ लागत वाली रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना की लागत 211.31% बढ़कर ₹893.45 करोड़ हो गई – दीपेन्द्र हुड्डा

·         सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल क्षेत्र के सांसदों की बैठक में हरियाणा से जुड़ी महत्त्वपूर्ण मांगें उठाई

·         दीपेन्द्र हुड्डा ने मौजूदा रेल अन्डरपासों की ऊंचाई-चौड़ाई बढ़ाने, अन्डरपासों में जल भराव की समस्या से निजात दिलाने एवं नये अन्डरपास का निर्माण कराए जाने के लिये व्यापक सर्वे की मांग की

चंडीगढ़, 17 नवंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के सांसदों की बैठक में हरियाणा के आम जनहित से जुड़े महत्त्वपूर्ण विषयों पर सुझाव दिए और कई महत्त्वपूर्ण मांगें उठाई। इसमें उन्होंने प्रमुख रूप से रोहतक-महम-हांसी रेलवे लाइन का मुद्दा उठाया और इसे जल्द पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय 2013 में इसे मंजूर कराकर 31  जुलाई, 2013 को तत्कालीन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा शिलान्यास कराकर काम शुरु कराया था। लेकिन, अब रोहतक-महम-हांसी रेल लाइन का काम चींटी की चाल से चल रहा है। बेवजह देरी होने से ₹287 करोड़ लागत वाली रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना की लागत 211.31% बढ़कर ₹893.45 करोड़ हो गई।उन्होंने विगत कई वर्षों से कोसली रेलवे स्टेशन पर भारी जाम की समस्या से जूझ रहे स्थानीय लोगों की परेशानी बताते हुए कहा कि उन्होंने यहाँ रेल अन्डर पास की मांग पहले रखी थी जिसे मंजूर भी किया गया; लेकिन अब तक इसका काम शुरू नहीं हो पाया। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि कोसली रेलवे स्टेशन के मार्केट के व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए जल्द रेल अन्डर पास बनाया जाए और कोसली के लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाई जाए। इसके अलावा किशनगढ़ में रेलवे अंडर पास की ऊंचाई और चौड़ाई विभिन्न कृषि मशीनरी और ट्रैक्टरों के आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं होने के कारण महम कस्बे और आसपास के गांवों के लोगों को हो रही भारी परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए RUB की ऊंचाई और चौड़ाई क्रमशः 5.5 मीटर और 6 मीटर तक बढ़ाने के मांग की। मोखरा गांव और आसपास के अन्य गांवों के निवासियों के हित में अंडरपास के निर्माण की स्वीकृति देने की मांग के साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा अन्डरपासों की ऊंचाई-चौड़ाई बढ़ाने, अन्डरपासों में जल भराव की समस्या से निजात दिलाने एवं नये अन्डरपास का निर्माण कराए जाने के लिये व्यापक सर्वे कराया जाए, ताकि स्थान चिन्हित कर योजनाबद्ध तरीके से आगे की कार्रवाई की जा सके।

रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना के बारे में विस्तार से बताते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यूपीए सरकार के समय इसका शिलान्यास तत्कालीन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा 31.07.2013 को किया गया था। उस वक्त इस परियोजना की लागत सिर्फ ₹287 करोड़ आंकी गई थी। लेकिन, मौजूदा प्रदेश सरकार की उदासीनता की वजह से परियोजना में देरी होती चली गई और इस अनावश्यक देरी के चलते अनुमानित लागत 211.31% बढ़कर ₹893.45 करोड़ हो गई। उन्होंने कहा कि पहले 4 साल तक इस परियोजना की फाइल न मिलने और गुम जाने का बहाना बनाया गया। इस पर उन्होंने खुद मुख्यमंत्री जी को इस परियोजना की फाइल भेजी। 4 साल से बिना बात के लंबित पड़ी इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाले जाने के विरोध में उन्होंने हांसी में और महम में धरना भी दिया था। जनदबाव में भाजपा सरकार ने नवम्बर 2017 में इसके काम का श्रेय लेने के लिए फिर से भूमि पूजन भी कराया, लेकिन, तमाम दिखावेबाजी के बावजूद रोहतक-महम-हांसी रेलवे लाइन परियोजना का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार के नकारेपन का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने स्वयं रोहतक-महम-हांसी नयी रेलवे लाईन परियोजना को यूपीए सरकार के समय सर्वप्रथम 09-नवम्बर-2011 को योजना आयोग से, फिर 15-नवम्बर-2011 को हरियाणा सरकार से और वर्ष 2012-13 के रेल बजट में केन्द्र सरकार से मंजूरी दिलवाई थी और उसके बाद 385 करोड़ रुपया आवंटित कराकर 31.07.2013 को इस परियोजना का तत्कालीन केन्द्रीय रेल मंत्री श्री मल्लिकार्जुन खड़गे से हांसी में शिलान्यास कराकर प्रारम्भिक काम शुरु करा दिया था। इस संबंध में कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने 07-अक्टूबर-2013 एवं 20-दिसंबर-2013 को भूमि अधिग्रहण की धारा 4 तथा 26-जून-2014 को भूमि अधिग्रहण की धारा 6 के अन्तर्गत कार्रवाई शुरु कर दी थी। दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल उठाया कि करीब 10 साल बीतने को हैं लेकिन इस महत्वपूर्ण परियोजना के काम में देरी और भारी-भरकम बढ़ी लागत का बोझ आम जनता पर डालने के लिए कौन जिम्मेदार है?

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