नैतिकता, नीतिशास्त्र और भारतीय संस्कृति को सदैव सर्वोपरि रखें – मुख्य सचिवलगभग 600 से अधिक योजनाओं व सेवाओं को पीपीपी से जोड़ा – संजीव कौशल राज्य सरकार द्वारा न्यायालयों में हिन्दी भाषा पर बल देने के लिए न्यायाधीशों के साथ शुरू किए गए प्रयास चंडीगढ़, 16 नवंबर – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), रोहतक के 14वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और छात्रों के साथ सीधे संवाद करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए परिवार को एक इकाई मानकर परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) बनाया है, जिसमें प्रत्येक सदस्य की जानकारी दर्ज है। लगभग 600 से अधिक योजनाओं व सेवाओं को इससे जोड़ा जा चुका है। छात्रों के प्रश्नों का जवाब देते हुए श्री कौशल ने कहा कि पीपीपी बनने से अब नागरिकों को जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और राशन कार्ड बनवाने का केवल एक क्लिक के माध्यम से ऑनलाइन हो रहा है। इतना ही नहीं, सभी सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ भी पात्र लाभार्थियों को बड़ी सरलता से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक केंद्रित योजनाओं का समयबद्ध वितरण सुनिश्चित करने के लिए सेवा का अधिकार आयोग बनाया है। इसके अलावा, नागरिकों की सुविधा के लिए ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (आस) भी विकसित किया है, जिसमें समयबद्ध तरीके से सेवा न मिलने पर स्वतः ही अपील अगले प्राधिकारी के पास चली जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अदालतों में हिन्दी भाषा पर बल देने के लिए भी न्यायाधीशों के साथ प्रयास शुरू किए हैं, ताकि प्रदेश के नागरिकों को अदालतों के आदेश हिन्दी भाषा में मिल सकें। राज्य सरकार सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए कर रही है पहल सांस्कृतिक विरासत को संजोने के संबंध में एक छात्र द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए श्री कौशल ने कहा कि राज्य सरकार सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रबंधन के छात्रों के लिए अपार अवसर हैं। प्रदेश सरकार गीता की धरा कुरुक्षेत्र में कृष्णा सर्किट विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, राखीगढ़ी को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के इस प्रयास में युवा सुझाव व प्रबंधकीय इनपुट प्रदान कर सकते हैं। नैतिकता, नीतिशास्त्र और भारतीय संस्कृति को सदैव सर्वोपरि रखें श्री कौशल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शासन, न्यायिक प्रणाली और प्रशासनिक प्रणाली में प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भविष्य में आप सभी जिस भी क्षेत्र, चाहे सरकारी या निजी क्षेत्र में अपनी सेवाएं देंगे, तो नैतिकता, नीतिशास्त्र और भारतीय संस्कृति को सदैव सर्वोपरि रखें। शासन, न्यायिक प्रणाली और प्रशासनिक प्रणाली में प्रबंधन की भूमिका का अहम महत्व श्री कौशल ने छात्रों को शासन, न्यायिक प्रणाली और प्रशासनिक प्रणाली में प्रबंधन की भूमिका के महत्व को समझाते हुए कहा कि आईएएस अधिकारियों, अखिल भारतीय सेवा, और हरियाणा सिविल सर्विस अधिकारियों को भी सेवा में आने से पूर्व सर्वप्रथम प्रबंधन के गुण सिखाए जाते हैं, ताकि वे प्रशासनिक व्यवस्था का विवेकपूर्ण संचालन कर सकें। राज्य में हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान के माध्यम से अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई पहल मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी (सीएमजीजीए) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक अनूठा कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से युवाओं को राज-काज के संबंध में करीब से जानने का मौका मिलता है। इतना ही नहीं, सरकारी योजनाओं व उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए युवाओं के सुझाव और प्रबंधन के गुणों व अनुभवों को शामिल किया जाता है। इसी तरह, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों में भी विभिन्न कार्यों व नीति निर्माण के लिए भी निजी कंसलटेंट की सेवाएं ली जाती हैं। उन्होंने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि भविष्य में जब वे पेशेवर तौर पर आगे बढ़ेंगे, तो सेवा का भाव अवश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में ब्रिटिश उपनिवेशवादी शासन की सोच बदलने की आवश्यकता है। इस अवसर पर आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा सहित अन्य फैकल्टी मेंबर व छात्र उपस्थित थे। Post navigation डीसीसीबी तथा पैक्स के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को जल्द मिलेगा पदौन्नति का तोहफा : बराला अकादमी भवन में डॉ. चन्द्र त्रिखा द्वारा डॉ. सुमन व डॉ. ओमप्रकाश कादयान की पुस्तकों का लोकार्पण