डॉ मनोज कुमार तिवारी……….. वरिष्ठ परामर्शदाताएआरटी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू वाराणसी आज भी दुनिया के लिए मिर्गी चुनौती बनी हुई। दुनिया में मिर्गी चौथा सबसे अधिक पाए जाने वाला तंत्रकीय विकार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ऊंच्च आय वाले देशों में 100000 लोगों में से 49 लोगों तथा निम्न आय वाले देशों में 100000 लोगों में से लगभग 139 लोगों को मिर्गी होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में 50 मिलियन लोग मिर्गी से पीड़ित जिनमें से 80% विकासशील देशों में रहते हैं, विकासशील देशों में रहने वाले मिर्गी पीड़ित में से तीन चौथाई को आवश्यक उपचार प्राप्त नहीं होता है। मिर्गी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है किंतु 12 वर्ष से कम एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह अधिक होता है। यह महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक पाया जाता है। विश्व की कुल जनसंख्या का 8-10% लोगों को अपने जीवन काल में एक बार दौरा पड़ने की संभावना होती है।भारत में प्रति वर्ष लोगों में मिर्गी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनियाभर में मिर्गी के 7 करोड तथा भारत में लगभग 1करोड 20 लाख मरीज है। दुनिया में जितने मिर्गी के मरीज हैं उनमें से 16% भारत में है। मिर्गी के 90% दौरे 2 मिनट का होते हैं यदि दौरा 5 मिनट से अधिक हो तो मरीज को फौरन अस्पताल ले जाना चाहिए। लक्षण:- मिर्गी एक तंत्रिका संबंधी विकार है जिसमें मस्तिष्क की गतिविधियां असामान्य हो जाती हैं व दौरे आने लगते हैं। लक्षण व तीव्रता के आधार पर मिर्गी की अनेक श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। मिर्गी के अलग-अलग प्रकार में अलग-अलग लक्षण दिखाई पड़ते हैं। सामान्य लक्षण निम्नलिखित है:- अचानक शरीर में कंपन बेहोशी हाथ पैर में झुनझुनी पिन/सुई चुभने का एहसास हाथ /पैर /चेहरे के मांसपेशियों में अकड़न अचानक मूर्ति मत हो जाना और फिर सक्रिय हो जाना मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियां एवं वास्तविकता:- भ्रांतिः मिर्गी बुरी आत्माओं के कारण होता है।वास्तविकताः मिर्गी मस्तिष्कीय विकार है जो चिकित्सा द्वारा ठीक की जा सकता है। भ्रांतिः मिर्गी पीड़ित को शादी नहीं करनी चाहिए और न बच्चा पैदा कर सकते हैं।वास्तविकताः मिर्गी पीड़ित व्यक्ति भी सुखी वैवाहिक जीवन जी सकता है व मिर्गी पीडित महिलाएं गर्भधारण करने में सक्षम होती है उन्हें गर्भधारण से पूर्व अपने चिकित्सक से अवश्य सलाह ले लेनी चाहिए। भ्रांतिः मिर्गी बुद्धि को प्रभावित करता है।वास्तविकताः मिर्गी पीड़ित व्यक्ति की बुद्धि भी सामान्य व्यक्तियों के समान होती है किंतु अधिक बार व अधिक तीव्रता के दौरे के कारण सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। भ्रांतिः मिर्गी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।वास्तविकताः मिर्गी स्नायु विकार है जो किसी भी स्थिति में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित नहीं हो सकता है। भ्रांतिः मिर्गी एक आनुवांशिक बीमारी हैवास्तविकताः मिर्गी होने के अनेक कारण हैं उनमें से एक कारण आनुवंशिकता भी माना जाता है। भ्रांतिः दौरे के समय पीड़ित जीभ को निगल सकता है।वास्तविकताः जीभ को निगलना असंभव होता है। भ्रांतिः मिर्गी के दौरे के समय पीड़ित को कसकर पकड़ना चाहिए। वास्तविकताः मिर्गी के दौरे के समय पीड़ित को आरामदायक स्थिति में रखना चाहिए कसकर पकड़ने से मांसपेशियां या हड्डियाँ चोटिल हो सकती हैं। भ्रांतिः दौरे का अर्थ मिर्गी होता है वास्तविकताः दौरे मिर्गी के अलावा अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे शरीर के उच्च तापमान, सिर में चोट, नशे का सेवन इत्यादि। भ्रांतिः मिर्गी लाइलाज हैवास्तविकताः मिर्गी के मरीज चिकित्सा से सामान्य जीवन जी सकते हैं। भ्रांतिः दौरे के समय पीड़ित के मुह में कुछ डालना चाहिएवास्तविकताः दौरे के समय मुंह में कुछ डालने से स्थिति खतरनाक हो सकती है, पीड़ित की जान भी जा सकती है। मिर्गी पीड़ित व्यक्ति के लिए सावधानियां:- चिकित्सक की सलाह के अनुसार नियमित दवा लेना चाहिए बिना चिकित्सक के सलाह के दवाई बंद न करें भले ही दौरे आना बंद हो गया हो किसी अन्य समस्या के लिए कोई भी दवा लेने से पूर्व अपने चिकित्सक से सलाह लें नशे का सेवन कदापि न करें अपने दवा के खुराक एवं समय के बारे में अपने परिवार के सदस्यों, निकट संबंधियों एवं दोस्तों को बता के रखना चाहिए बाहर जाते समय अपने घर का फोन नंबर एवं पता अपने जेब में रखना चाहिए मिर्गी पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिए सावधानियां:- घबराए नहीं दौरा पड़ने पर पीड़ित व्यक्ति को आरामदायक स्थिति में रखें पीड़ित व्यक्ति के आसपास से धारदार /हानिकारक वस्तु हटा दें पीड़ित व्यक्ति के कपड़े ढीले कर दें पीडित व्यक्ति को एक तरफ घुमा कर लेटा दें ताकि मुंह से तरल पदार्थ बाहर निकल जाए पीड़ित के सिर के नीचे कोई नरम चीज रख दें पीडित के मुह में कुछ भी न डालें चिकित्सक या प्रशिक्षित व्यक्ति के आने तक पीड़ित के साथ रहे जूते, चमड़े या कोई भी दुर्गंध युक्त वस्तुएं न सुघाएं। मिर्गी का उपचार दवाओं से किया जा सकता है। निदान होते ही दवा शुरू करें, इलाज में देरी करने पर स्थिति अधिक बिगड़ जाने पर इलाज लंबा, जटिल एवं खर्चीला हो जाता है। मिर्गी का उपचार भी वैसे ही है जैसे अन्य शारीरिक बीमारियों का। पीडित को न बहुत अधिक सुरक्षा में रखे और न ही उसका बहिष्कार करें। Post navigation पर्यावरण को बचाने के लिए पंचामृत मंत्र मीडिया : एक पांव जमीन पर , दूजा हवा में