संस्कारों से ही होती है परिवार की पहचान: देवर्षि सचान

गुरुग्राम। संस्कार एवं नैतिक शिक्षा ही युवाओं को समाज से जोड़ता है। संस्कार के कारण ही युवाओं के परिवार की पहचान होती है। यह बात देवर्षि सचान ने राजकीय कन्या महाविद्यालय सेक्टर-14 में रेडक्रॉस सोसायटी फरीदाबाद एवं राजकीय कन्या महाविद्यालय सेक्टर-14 गुरुग्राम द्वारा सयुंक्त रूप से उपायुक्त गुरुग्राम निशांत कुमार यादव के दिशा-निर्देशन व रेडक्रॉस सोसायटी गुरुग्राम के सचिव विकास कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित पांच दिवसीय यूथ रेडक्रॉस शिविर के दूसरे दिन कही। 

उन्होंने कहा कि जब तक हम स्वयं अपने आप को नहीं बदलेगें, तब तक हम समाज को नही बदल सकते। हर व्यक्ति कही ना कही अक्षम होता है जो अपने योग्यता से सक्षम हो जाता है। इस अवसर पर जिलें के राजकीय कन्या महाविघालय के अतिरिक्त गुरु द्रोणाचार्य महाविघालय, राजकीय महाविघालय सेक्टर-9, सेक्टर-52, राजकीय विघालय सिधरावली, राजकीय महिला महाविघालय मानेसर, राजकीय महाविद्यालय रिठौज, डीपीजी महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय जाटौली सहित 9 कालेजों के 80 प्रतिभागी उपस्थित थे। 

इस अवसर पर विजया लक्ष्मी द्वारा आत्म रक्षा के तरीके, सिविल अस्पताल की परामर्शदाता शिखा गर्ग द्वारा एच आई वी एडस, सिविल अस्पताल के रक्तकोष की परामर्शदाता सुलक्षणा एवं रितु मलिक द्वारा रक्तदान के महत्व, डा. एके शर्मा द्वारा व्यवहार, डा. ललित गोला ने इलेक्टेपैथी, सुषमा सिंह ने क्षय रोग के बारे मे प्रतिभागियों को जागरुक किया। प्राथमिक चिकित्सा के प्रवक्ता विक्रम भटनागर ने सीपीआर, प्राथमिक चिकित्सा पर अपने विचार रखे। इनके अतिरिक्त अग्रवाल कालेज के प्रवक्ता एवं यूथ रेडक्रास संयोजक डा. जय पाल सिंह ने रेडक्रास के इतिहास, जगत सिहं तेवतिया ने नशे की बुराईयों, पुरुषोत्तम सैनी ने रेडक्रास की गतिविधियों, आशा सिंह ने घरेलू हिंसा एवं डा. बीना सेठी ने पोलीथीन से होने वाली बुराईयों के बारे मे बताया। इस अवसर पर रेडक्रास के आजीवन सदस्य कल्याणी सचान, रामबरन सिंह, जिला प्रशिक्षण अधिकारी एवं शिविर निदेशक जितिन शर्मा, डा. स्नेह लता, डा. शालिनी, डा. इंदु राठी, आकांक्षा, श्यामा राजपूत, कुणाल मंगला, अतुल पाराशर, रजनी कटारिया, कामकाजी महिला आवास की वार्डन कविता सरकार,  का विशेष रुप से सहयोग मिला।

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