शाम 6 बजे के बाद परिणाम आने के साथ कहीं खुशी कहीं गम

पटौदी क्षेत्र में कुल 65 सरपंचों के लिए शनिवार को हुआ मतदान  

आधा दर्जन अनुसूचित वर्ग की महिलाएं ग्रामीण सरकार की मुखिया

पटौदी के आरओ प्रदीप कुमार के द्वारा दी गई विजेताओं की जानकारी

फतह सिंह उजाला

पटौदी । लोकतंत्र का त्यौहार वास्तव में चुनाव ही होता है और माना गया है। लोकतंत्र में ग्रामीण अथवा आम नागरिक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हुए अपनी अपनी पसंद के जनप्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं । हरियाणा में पहली बार महिलाओं को पंचायती राज व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। यही कारण रहा कि पटौदी खंड की 65 में से 33 विभिन्न पंचायतों के लिए महिलाएं पहली बार मुखिया बनने का सपना साकार करने में सफल रही है । हालांकि इस सपने को साकार करने के पीछे समर्थकों सहित परिजनों के सहयोग और समर्थन को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है । गौरतलब है कि पटौदी खंड में आधा दर्जन पंचायतें अनुसूचित वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई और 5 पंचायतें बीसीए वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित रही। इसके अलावा अन्य पंचायतों में सामान्य पुरुष सहित बीसीए वर्ग के पुरुष के द्वारा गांव की सरकार की मुखिया के लिए किस्मत आजमाई गई ।

शनिवार को शाम 6 बजने के साथ जैसे ही देहात की सरकार के मुखिया ओं के चयन के लिए किए गए मतगणना का सिलसिला आरंभ हुआ , उसके तुरंत बाद ही जैसे-जैसे विजेता उम्मीदवार या फिर गांव की सरकार के मुखिया के नाम की घोषणा होने लगी । तो जहां समर्थकों में खुशी की लहर की उमंग दिखाई दी, वही बेहद नजदीकी या अपनी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त प्रतिद्वंद्वियों के चेहरों सहित उनके समर्थकों में गहरी निराशा भी महसूस की गई । शनिवार को पंचायती राज व्यवस्था के लिए हुए चुनाव में गांव के सरपंच के लिए मतदान ईवीएम के माध्यम से करवाया गया तो दूसरी तरफ पंचों के लिए मतदान वैलेट पेपर के द्वारा किया गया। ऐसे में सरपंचों के अलावा निर्वाचित होने वाले पंचों के चुनाव परिणाम आने में अतिरिक्त समय लगने से भी इनकार नहीं किया जा सकता । दूसरी ओर पटौदी क्षेत्र के ही सबसे बड़े राजपूत बहुल गांव बोहड़ाकला सहित गांव नानू कला में भी यहां की संवेदनशीलता को देखते हुए पटौदी क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारियों सहित पुलिस प्रशासन के द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था सहित अन्य प्रकार के प्रबंध पहले से ही करके रखे गए। यह दोनों ही गांव चुनाव के दृष्टिगत अतिसंवेदनशील श्रेणी में शामिल माने गए ।

गांव बोहड़ाकला में निवर्तमान सरपंच यादवेंद्र शर्मा गोगली, बोहड़ाकला भावनी के प्रधान युवा समाजसेवी राजेश चौहान बब्बू , पूर्व सरपंच स्वर्गीय जंग बहादुर के पुत्र उदयभान चौहान छोटू , अतीत में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके मनवीर सिंह के अलावा चार अन्य प्रतिद्वंदी भी अपनी-अपनी किस्मत आजमाने वालों में शामिल रहे। इसी सिलसिले में राजनीतिक घराने के दृष्टिकोण से राव जगमाल सिंह जिनका की अहीरवाल क्षेत्र की राजनीति में अपना ही एक अलग प्रभाव रहा है, उनके पौत्र कौशल चंद राव,  गांव राजपुरा से सरपंच चुने गए हैं । देर शाम जैसे-जैसे चुनाव परिणाम आने आरंभ हुए उसी कड़ी में पटौदी के रिटर्निंग अधिकारी एसडीएम प्रदीप कुमार के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि शनिवार को देहात की सरकार के मुखिया और पंच प्रतिनिधियों के लिए चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए । कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की जानकारी नहीं आई है । कुछ स्थानों पर मामूली सी कहासुनी जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है , इसी बात की ही जानकारी मिली जिसे कि स्थानीय प्रशासन के द्वारा मौके पर मौजूद लोगों को समझा कर चुनाव को भाईचारे से संपन्न करने में सहयोग देने के लिए राजी किया गया।

पटौदी के रिटर्निंग अधिकारी एसडीएम प्रदीप कुमार के द्वारा समाचार लिखे जाने तक जो जानकारी विजेता सरपंचों के विषय में दी गई । उसके मुताबिक गांव नानूकला से लता देवी को गांव की सरकार की लगाम अपने हाथ में संभालने का मौका ग्रामीणों के द्वारा दिया गया । इसी प्रकार गांव नूरगढ़ से राजकुमार सरपंच बने । गांव रणसीका से दीपक चुनाव जीतने में सफल रहे । ब्राह्मण वास गांव से श्रीमती रेनू सरपंच चुनी गई है । गांव जोड़ी से योगेंद्र कुमार को ग्रामीणों के द्वारा अपने गांव की सरकार की लगाम सौंपी गई है। सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में मुख्य मुकाबला निवर्तमान सरपंच यादवेंद्र शर्मा गोगली , बोहड़ाकला बावनी के प्रधान युवा समाजसेवी राजेश चौहान बब्बू, निवर्तमान स्वर्गीय सरपंच जंग बहादुर के पुत्र उदयभान छोटू तथा मनवीर के बीच में ही बना हुआ था।  लेकिन जिस प्रकार से मनवीर सिह चौहान मौजूदा समय में गांव के लोगों का समर्थन और विश्वास प्राप्त कर सरपंच बनने में कामयाब रहे, वह अन्य मुकाबिल उम्मीदवारों के लिए कहीं ना कहीं चौंकाने वाला ही रहा है ।

इसी कड़ी में पटौदी के चुनाव अधिकारी के द्वारा समाचार लिखे जाने तक उपलब्ध करवाई गई जानकारी के मुताबिक गांव पथरेड़ी से ज्योति सरपंच चुनी गई। बिलासपुर कला से जीत का श्रेय प्रमिला को मिला है । गांव तुर्कापुर से देहात की सरकार की लगाम बबली के हाथों में ग्रामीणों के द्वारा सौंपी गई । गांव मंदपुरा से प्रवीण कुमार का ग्रामीणों के द्वारा सरपंच पद के लिए चुनाव किया गया । गांव जट शाहपुर से मुनीता को ग्रामीणों के द्वारा अपने गांव की सरकार की मुखिया चुना गया है। शनिवार को देहात की सरकार के चुनाव में सबसे अधिक चौंकाने वाला चुनाव परिणाम सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला  का सामने आया है, यहां से पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के बेहद नजदीकी पूर्व निवर्तमान सरपंच यादवेंद्र शर्मा को मनवीर सिंह चौहान ने शिकस्त देकर सरपंची अपने नाम की । इसके अलावा गांव पथरेड़ी से ज्योति सरपंच चुनी गई । बिलासपुर कला से प्रमिला सरपंच चुनी गई । गांव तुर्कापुर से जीत का श्रेय बबली के खाते में गया है । गांव मुजफ्फरा मंदपुरा से प्रवीण कुमार को ग्रामीणों ने अपने गांव की सरकार का मुखिया बनाया है।

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