प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे लिट्टे आतंकवादियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत बरी करने के आदेश की कडी आलोचना करते हुए इसे एक बहुत गलत व खतरनाक परम्परा बताया : विद्रोही
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को जेल से छुड़वाने में केन्द्र की मोदी सरकार की अप्रत्यक्ष भूमिका : विद्रोही

12 नवम्बर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे लिट्टे आतंकवादियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत बरी करने के आदेश की कडी आलोचना करते हुए इसे एक बहुत गलत व खतरनाक परम्परा बताया जिसके दूरगामी दुष्परिणाम ना केवल आतंकवादियों के खिलाफ लडी जा रही लड़ाई को कमजोर करेंगे अपितु देश की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे आतंकवादियों की रिहाई का रास्ता भी खुलेगा। विद्रोही ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को जेल से छुड़वाने में केन्द्र की मोदी सरकार की अप्रत्यक्ष भूमिका रही व उसके ढुलमुल रवैये के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इन आतंकवादियों को बरी किया। तमिलनाडू के संघी राज्यपालों ने चार साल तक लिट्टे आतंकवादियों के रिहा करने के तमिलनाडू एआईएमडीके सरकार के केबिनेट फैसले पर कोई निर्णय न लेकर न्यायपालिका को इस मामले में हस्ताक्षेप करने का जान-बूझकर अवसर दिया ताकि मोदी-भाजपा-संघी सरकार गांधी परिवार व कांग्रेस के प्रति अपनी घृणा का प्रदर्शन करके राजीव गांधी के हत्यारों को जेल से बाहर निकालने का रास्ता साफ कर सके। 

विद्रोही ने प्रधानमंत्री मोदी जी से पूछा कि क्या आतंकवाद के खिलाफ उनकी यही जीरो टोलरेंस नीति है? राजीव गांधी की हत्या एक व्यक्ति की हत्या न होकर लिट्टे आतंकवादियों का भारत पर ऐसा आतंकी हमला था जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नही किया जा सकता। जब आज की मोदी सरकार का देश के पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने वाले आतंकवादियों के प्रति ऐसा लचीला रवैया हो तो सरकार आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी ढंग से लडेगी, यह सोचना भी बेमानी है। मोदी-भाजपा-संघ ने सत्ता दुरूपयोग से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आतंकवादी हत्यारों को जेल से बाहर निकालने का रास्ता देकर साबित कर दिया कि उनकी कथनी और करनी में कितना अंतर है और वे आतंकवादियों के खिलाफ लडने के प्रति कितने गंभीर है। विद्रोही ने कहा कि अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के खालिस्तानी आतंकवादियों को रिहा करने की मांग भी वोट बैंक की औच्छी व गंदी राजनीति के लिए उठना तय है। यदि वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति व राजनीतिक स्वार्थो के लिए इसी तरह आतंकवादी हत्यारों की सजा माफ होती रही तो आतंकवाद की घटनाएं रूकेगी या बढ़ेगी, यह तो बताने की जरूरत नही। विद्रोही ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिट्टे आतंकवादी हत्यारों को जेल से बाहर निकालने के रवैये को ऐसी घटना बताया कि जो भविष्य में भारत की आतंकवाद के खिलाफ लडाई को कमजोर करेगी। 

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