-देश की अर्थव्यवस्था में इंडस्ट्रीज का अहम योगदान: डॉ. बिवास चौधरी, अपर महानिदेशक, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार -राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय चंडीगढ़ (क्षेत्र संकार्य प्रभाग) द्वारा आयोजित था कार्यक्रम गुरुग्राम, 10 नवंबर। औद्योगिक इकाइयों द्वारा वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण रिटर्न को तैयार करने मे होने वाली असुविधाओं व शंकाओं को दूर करने के लिए गुरुग्राम में आज देश की पहली प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन व राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय चंडीगढ़ (क्षेत्र संकार्य प्रभाग) के तत्वावधान में यह कार्यक्रम गुरुग्राम के सेक्टर 14 स्थित जीआईए हाउस में आयोजित किया गया था जिसमें गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, गुडगांव चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज, हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, मानेसर इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन व आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. बिवास चौधरी (अपर महानिदेशक, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ करने उपरान्त अपने संबोधन में उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में भविष्य की बेहतर आर्थिक नीतियों के निर्माण के लिए भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से संबंधित क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों का वार्षिक सर्वेक्षण डेटा एकत्रित किया जाता है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा भेजे जाने वाला डेटा पूर्ण रूप से त्रुटि रहित हो। डॉ चौधरी ने कहा कि देश की प्रगति व तरक्की को मापने के लिए जिन आंकड़ों की आवश्यकता होती है उसमें हमारे देश की औद्योगिक इकाइयों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि “इंडस्ट्रीज आर दा मेकर ऑफ नेशन” विचार को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने गुरुग्राम में औद्योगिक इकाइयों के लिए यहां देश का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है।इसे गति प्रदान करते हुए जल्द ही देश के विभिन्न हिस्सों में इसी क्रम में प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महानिदेशके कैलाश शर्मा ने विश्वसनीय और सटीक डेटा के समय पर संग्रह की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदान किया गया विश्वसनीय डेटा देश के विकास व भविष्य की बेहतर योजनाओं और नीति निर्माण का एक लंबा रास्ता तय करता है। कार्यशाला में गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष जगन्नाथ मंगला ने मुख्य वक्ताओं को वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को तैयार करने में होने वाली असुविधाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विभिन्न स्रोतों से प्राप्त डेटा के आधार पर नीतियां बनाई जाती है। ऐसे में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार को देश की उन्नति के प्रमुख घटक यानी औद्योगिक इकाइयों की शंकाओं को दूर करने सहित डेटा संकलन की प्रक्रिया को और सरल व सुगम बनाने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय(फील्ड आपरेशन प्रभाग) नई दिल्ली की उप महानिदेशक (वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण) श्रीमती रीना सिंह ने भी औद्योगिक सर्वेक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। कार्यशाला में तीन तकनीकी सेशन भी आयोजित किए गए जिसमें सर्वेक्षण की विभिन्न अवधारणा,परिभाषाओं और प्रक्रियात्मक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान सीएसओ(आईएस विंग) के उप महानिदेशक सौम्य चटर्जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। Post navigation हरियाणा को मिला सर्वश्रेष्ठ राज्य कृषि व्यवसाय पुरस्कार-2022 गुरुग्राम विश्वविद्यालय पहुंची ‘दादा लखमी’ फिल्म की स्टार कास्ट, फिल्म का किया प्रमोशन