हरियाणा के जवान और किसान के बाद आज खिलाड़ी भी हरियाणा के नाम कर रहे रोशन – उपराष्ट्रपति

सर्वप्रथम दीनबंधु सर छोटूराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भाव- विभोर हुए उपराष्ट्रपति

बाबा मस्तनाथ विश्विद्यालय में उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां

शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए के भाव से जीवन में आगे बढ़ें विद्यार्थी – मुख्यमंत्री

नई शिक्षा नीति को 2025 तक पूर्ण रूप से हरियाणा में करेंगे लागू – मनोहर लाल

बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य विधेयम्-जन सेवम् प्रेरणादायी- मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 8 नवंबर – भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति बनने के बाद आज अपने पहले दौरे की शुरुआत किसानों के मसीहा दीनबंधु सर छोटू राम के गांव गढ़ी सांपला से कर स्वयं को सौभाग्यशाली माना और हरियाणा आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया। अपने दौरे की शुरुआत हरियाणा से होने पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा चाहे वह अन्न की या सीमाओं की सुरक्षा की बात हो, हरियाणा के युवाओं में सदैव राष्ट्रभक्ति सर्वोपरी रही है और वे अपना सर्वोच्च बलिदान देने में भी पीछे नहीं हटते हैं। 

उपराष्ट्रपति आज रोहतक जिले में अस्थल बोहर में स्थित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे। उनके साथ भारत की सेकंड लेडी डॉ सुदेश धनखड भी विद्यार्थियों को अपना आर्शिवाद देने पहुंची। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल भी उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह में 2145 विद्यार्थियों को उपराष्ट्रपति ने डिग्रियां और मेडल प्रदान किए।

श्री जगदीप धनखड़ ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा में ट्रांसर्फोमेशन की शक्ति होती है। दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन में बहुत अहम पल होता है, जिसे उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए। आज के बाद यहां से निकल कर विद्यार्थियों को राष्ट्र व समाज को सर्वोपरी रखते हुए सेवा भाव से समाज के लिए कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बाबा मस्त नाथ विश्वविद्यालय देश के लिए संस्कारवान और देशभक्ति से परिपूर्ण युवाओं को शिक्षित कर रहा है और उन्हें खुशी है कि कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी ने जानकारी दी है कि जल्द ही यहां सैनिक स्कूल भी खोला जा रहा है। 

हरियाणा के पहले दौरे से गौरवान्वित हुए जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा में आकर उन्हें बेहद गौरवान्वित महसूस हो रहा है, क्योंकि हरियाणा के किसान और जवान राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आगे रहे हैं। आज हरियाणा के खिलाड़ी भी प्रदेश व देश का नाम रौशन कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा दौर की शुरुआत दीन बंधु सर छोटू राम के जन्म स्थान से हुई है और दीन बंधु को श्रद्धासुमन अर्पित कर वे गौरवान्वित और प्रेरणादायी महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में आने के लिए वे काफी उत्साहित थे और समय से पहले एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका तो सड़क मार्ग से आने में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग तो क्या, यदि पैदल भी आना पड़ता तो आज मैं हरियाणा अवश्य आता। 

उपराष्ट्रपति ने की हरियाणा की खेल नीति की सराहना

श्री जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार की खेल नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले अगर बच्चे खेल में रूचि रखते थे तो उनके अभिभावक खेलने की बजाय उन्हें पढ़ाई करने के लिए डांटते थे। लेकिन आज हरियाणा के खिलाड़ियों ने खेल क्षे़त्र में जो मुकाम हासिल किया है, उससे आज अभिभावक खेल को एक कैरियर के रूप में देखते हैं। 

भारत अवसरों और निवेश के मामले में आज ग्लोबल लैंड बना

श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारत तेज गति से विकास कर रहा है। भारत में अवसरों की कोई कमी नहीं है। भारत अवसरों और निवेश के मामले में आज ग्लोबल लैंड बन गया है। भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिन्होंने भारत पर राज किया है, उनको भी हमने पीछे छोड़ दिया है। अगर भारत इसी तेजी से विकास करता रहा तो भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी देश का भविष्य हैं। विद्यार्थियों को कभी भी अपनी प्रतिभा को कम नहीं आंकना चाहिए और नवाचारों से संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि सैनिक स्कूल, चितौड़गढ़ में अगर उन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिली होती तो वे कानून की अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि वकालत के लिए लाइब्रेरी खोलने के लिए जब वे बैंक से 6 हजार रुपये का ऋण लेने गए तो बैंक मैनेजर ने मदद की, लेकिन आज केंद्र सरकार के द्वारा किए गए कार्याें की बदौलत युवाओं को स्टार्ट-अप खोलने के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि 1989 में जब वे सांसद बने थे, तो उस समय सांसद के नाते 50 गैस कनेक्शन हर वर्ष मिलते थे। आज 18 करोड़ गैस कनेक्शन फ्री देकर केंद्र सरकार ने एक नया आयाम स्थापित किया है, जो कभी किसी ने नहीं सोचा था। इतना ही नहीं, 1 अप्रैल, 2020 से 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 138 करोड़ जनसंख्या को कोरोना की वैक्सीन की दोनों डोज के साथ-साथ बूस्टर डोज लगाने का जो कीर्तिमान स्थापित किया है, ऐसी उपलब्धी दुनिया के किसी देश ने हासिल नहीं की होगी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में इतना विकास हो रहा है, फिर भी कुछ लोग उसका आनंद लेना नहीं चाहते। युवा देश का भविष्य है और उन्हें यह चिंतन करने की आवश्यकता है कि देश के लिए कौन सही है। उन्होंने कहा कि 34 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति – 2020 बनाकर जो बदलाव लाने का काम किया है, वह अपने आप किसी क्रांति से कम नहीं है। 

मौलिक कर्तव्यों का पालन करना युवाओं की जिम्मेवारी

श्री जगदीप धनखड़ ने युवाओं से अपील की कि वे आज शपथ लें कि संविधान में लिखित मौलिक कर्तव्यों पर भी उतना ही बल देंगे, जितना मौलिक अधिकारों को दिया जाता है। मौलिक कर्तव्यों का पालन करना आवश्यक है, इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने माता-पिता, गुरुजनों और वृद्धजनों का सदा आदर करें और राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। 

उपराष्ट्रपति युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत – मुख्यमंत्री मनोहर लाल

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आप केवल राजनेता नहीं बल्कि अर्थशास़्त्री भी हैं और युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। हर समस्या को एक अनुभवी व्यक्ति के रूप में सुलझाने की उनकी कला से वे स्वयं भी प्रभावित हैं। श्री मनोहर लाल ने कहा कि बंगाल के राज्यपाल रहते हुए वहां की समस्याओं को जिस प्रकार से श्री जगदीप धनखड़ ने सुलझाया, शायद ही कोई ओर व्यक्ति ऐसा कर पाता। उनकी इसी काबिलियत पर आज वे उपराष्ट्रपति के पद पर हैं।

शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए के भाव से जीवन में आगे बढ़ें विद्यार्थी

मुख्यमंत्री ने डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के बाद अपने जीवन में विद्यार्थी एक नई सीढ़ी चढ़ने जा रहे हैं और समाज के लिए सेवा भाव से कार्य करने के बाद ही वास्तविक सफलता का आनंद मिलेगा। 

उन्होंने कहा कि शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए के भाव से विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। आज का क्षण वे कभी न भूलें, क्योंकि डिग्री हासिल करने के बाद वे समाज व राष्ट्र के लिए कार्य करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महंत बालक नाथ योगी ने इस संस्थान को बड़े परिश्रम से सींचा है और यह संस्थान इसी प्रकार दिन दौगुनी रात चौगुनी उन्नति करता रहे, यही कामना है। 

हरियाणा में नई शिक्षा नीति को 2025 तक करेंगे लागू

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे कार्यकाल के दौरान हरियाणा में शिक्षा क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। केंद्र सरकार द्वारा लागू नई शिक्षा नीति को वर्ष 2030 तक राज्यों में लागू करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन हमने इसे वर्ष 2025 तक लागू करेंगे। 

उन्होंने कहा कि आर्युवेद में मानव शरीर को निरोगी रखने की कला है, जबकि एलोपैथी में बिमारी होने के बाद ईलाज होता है। इसलिए एलोपैथी, आर्युवेद, युनानी इत्यादि पद्धतियों में एक ही डिग्री मिले, इसके लिए प्रयास किए जांएगे। 

हरियाणा में बढ़ेंगी एमबीबीएस की 3050 सीटें

श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2014 में हरियाणा में एमबीबीएस की केवल 750 सीटें थी जो आज बढ़कर 1700 हो गई हैं। हम हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोल रहे हैं और हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने से एमबीबीएस की सीटें 3050 हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंचकूला में आयुर्वेद का ऐम्स भी खोला जा रहा है। इसके अलावा, गांव में आयुर्वेद के केंद्र भी खोले जाएंगे।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी ने भी दोनों अतिथियों का विशेष आभार प्रकट किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल, राज्यसभा सांसद श्री कृष्ण लाल पंवार व श्री रामचंद्र जांगड़ा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री ओपी धनखड़ सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। 

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