मुख्य सचिव ने कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा बैठक के दौरान दिए निर्देश चण्डीगढ़, 7 नवम्बर – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि हरियाणा सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, उनके आश्रितों और कुछ अतिरिक्त श्रेणियों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना का आरएफपी भविष्य को ध्यान में रखकर निश्चित समय सीमा में तैयार किया जाए। श्री कौशल आज यहां कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा बैठक ले रहे थे और उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एम्पैनल्ड निजी अस्पतालों की भौगोलिक दृष्टि से मैपिंग की जाए, ताकि सरकार के पास सभी जिलों में स्थित ऐसे अस्पतालों का रियल टाईम डाटा उपलब्ध हो सके और आपात स्थिति में त्वरित मदद पहुंचाई जा सके। साथ ही, इस बीमा योजना के लिए अधिकारियों व कर्मचारी संघो से भी सुझाव लेकर मसौदा तैयार किया जाए ताकि इसे और अधिक बेहतर बनाया जा सके। सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, उनके आश्रितों और अतिरिक्त श्रेणियों को किया जाएगा शामिल श्री कौशल ने बताया कि इस योजना के तहत 6 लाख 51 हजार से अधिक कर्मचारियों के परिवार लाभान्वित होंगे। इनमें श्रेणी-1 के तहत हरियाणा के सरकारी व निगम कर्मचारियों के 3 लाख 43 हजार 746 परिवार, पेंशनर्स के 3 लाख 5 हजार परिवारों को यह लाभ मिलेगा। इसी प्रकार, इस कैशलैस स्वास्थ्य बीमा योजना में श्रेणी-2 में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के 1200 परिवार, आजाद हिंद फौज के सैनिकों के 424 परिवार, आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे व्यक्तियों के 555 परिवार, हिंदी आंदोलन से जुड़े व्यक्तियों के 186 परिवार, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जेल में बंद व्यक्तियों के 614 परिवार भी शामिल किए जाऐंगे। मुख्य सचिव को बैठक में बताया गया कि कैशलेस बीमा योजना के तहत सभी इनडोर उपचार डायलिसिस, मोतियाबिंद, कीमोथेरेपी, रक्त आधान आदि जैसी सभी डे केयर बीमारियाँ, 18 पुरानी बीमारियों की जांच और दवाओं का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत जिन परिवारों का बीमा 3 लाख से अधिक का होगा, वे ओपीडी सेवाओं के लिए प्रति वर्ष 25 हजार रुपये तक कैशलेस स्वास्थ्य का लाभ ले सकेंगे। इसमें परामर्श शुल्क (वास्तविक आधार पर 1000 रुपये की ऊपरी सीमा के साथ), जांच शुल्क और दवाएं शामिल होंगी। श्री कौशल को बताया गया कि कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और आश्रितों के लिए उनकी पात्रता के अनुसार (वर्तमान प्रतिपूर्ति नीति के अनुसार) पैनल में शामिल अस्पतालों में असीमित कैशलेस उपचार हो सकेगा। श्रेणी 2 के लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज दिया जाएगा। 3 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष के दावों का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा किया जाएगा। इससे अधिक के राशि के दावों के भुगतान की प्रकिया बीमा कम्पनियों द्वारा पूर्ण की जाएगी और आयुष्मान भारत के तहत पैनल अस्पतालों द्वारा इसका भुगतान किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि गैर-सूचीबद्ध अस्पतालों में आपातकालीन स्थितियों में उपचार की अनुमति वर्तमान अभ्यास के अनुसार ही दी जाएगी। पैन इंडिया के पैनल पर वर्तमान में हरियाणा, ट्राईसिटी, एनसीआर में सूचीबद्ध सभी पैनल अस्पतालों में सेवाएं उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत राज्य की राजधानियों/मेट्रो शहरों के पैनल में शामिल अस्पतालों को भी हरियाणा सरकार की बीमा कंपनी द्वारा सूचीबद्ध किया जा सकता है। बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त श्री वी.एस कुंडू, वित विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक खेमका, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी. अनुपमा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें। Post navigation मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई भ्रष्टाचार के मामलों पर गठित हाई पावर कमेटी की दूसरी बैठक आदमपुर के नतीजों ने खोलकर रख दी बीजेपी और बिश्नोई की कलई- उदयभान