आदमपुर की जीत को मनोहरलाल खट्टर सरकार की नीतियों की जीत बताने वाले यह भी बता दे कि फिर आदमपुर में भाजपा उम्मीदवार व उसके परिवार ने चौ0 भजनलाल की विरासत के नाम पर वोट मांगने की बजाय भाजपा व खट्टर के नाम पर वोट क्यों नही मांगे? विद्रोही 07 नवम्बर 2022 – आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत को मनोहरलाल खट्टर सरकार की नीतियों की जीत बताकर इस जीत के बाद खट्टर के कद बढने का राग अलापने वालों से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल किया कि यदि आदमपुर की जीत से मनोहरलाल का राजनीतिक कद बढ़ा है तब बरोदा व ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की हार पर खट्टर का कद क्यों नही घटा और बरोदा-ऐलनाबाद की जीत भाजपा व खट्टर सरकार के खिलाफ जनता का फैसला कैसे नही था? विद्रोही ने खट्टर का गुणगान करके अपने राजनीतिक, आर्थिक उल्लू साधने वाले लोगो से पूछा कि एक जीत से खट्टर जी कद कैसे बढ़ गया और दो उपचुनावों में हार से कद क्यों नही घटा? आदमपुर की जीत को मनोहरलाल खट्टर सरकार की नीतियों की जीत बताने वाले यह भी बता दे कि फिर आदमपुर में भाजपा उम्मीदवार व उसके परिवार ने चौ0 भजनलाल की विरासत के नाम पर वोट मांगने की बजाय भाजपा व मनोहरलाल खट्टर के नाम पर वोट क्यों नही मांगे? विद्रोही ने कहा कि विगत 54 साल से आदमपुर की जनता लगातार चौ0 भजनलाल परिवार को जीताकर आदमपुर की विधायक गिरदावरी बिश्नोई परिवार के नाम करती आ रही है। जिस सीट पर विगत 54 सालों से एक ही परिवार का कब्जा है, उस सीट को सत्ता बल पर फिर से जीतकर भाजपा व मनोहरलाल खट्टर ने कौनसा ऐसा महान कारनामा कर दिया जिससे उनका राजनीतिक कद बढ़ गया? भाजपा व मनोहरलाल खट्टर को अपनी सरकार व नीतियों पर इतना ही विश्वास व गर्व था तो बिश्नोई परिवार से अलग किसी संघी को उम्मीदवार बनाने की हिम्मत करके और उसे जीताकर भाजपा-मनोहरलाल के गुण गाते। विद्रोही ने कहा कि 54 साल के भजनलाल परिवार का कब्जा, हरियाणा सरकार की सत्ता का दुरूपयोग व पानी की तरह कालाधन बहाकर और बिश्नोई परिवार के परम्परागत विरोधी चौ0 देवीलाल परिवार व चौ0 बिरेन्द्र सिंह डूंमरखां का साथ लेने पर भी भाजपा आदमपुर उपचुनाव केवल 15 हजार वोटों से जीती जबकि इसी सीट पर विजयी उम्मीदवार भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई 2019 में 30 हजार वोटों से कंाग्रेस की टिकट पर जीते थे और 30 हजार वोटों से यह जीत तब मिली थी जब भाजपा हरियाणा में अपनी भारी लहर बता रही थी। अब जब बिश्नोई परिवार कांग्रेस छोडकर दलबदल करके भाजपा में शामिल हो गए, तब भाजपा की सत्ता होने व आदमपुर सीट पर 54 साल का लगातार कब्जा होने पर भी भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई की जीत का अंतर आधा रह जाना भाजपा व कुलदीप बिश्नोई परिवार की नैतिक हार है या जीत, यह हरियाणा की जनता खुद तय कर ले। Post navigation भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया आदमपुर के नतीजों का स्वागत गृह मंत्री अनिल विज से प्रभावित पूर्व सरपंच गुरदयाल राम सहित दर्जनों लोगों ने भाजपा का दामन थामा