अपने ग्रामीण विकास और भविष्य के लिए करें मतदान: पर्ल चौधरी

जो पगड़ी ग्रामींणों ने बांधी, अब इस की इज्जत वोट देकर ही बढ़ाये

ग्रामीणों के हर विश्वास-कसौटी पर खरा उतरने का दिया आश्वासन

सरकार ने महिलाओं को चुनाव में दिया आरक्षण, भाजपा नेता परेशान

प्रत्येक गांव में ही लगवाए जाएंगे खुले दरबार और मेडिकल जाच कैंप

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । जिला परिषद प्रमुख पद के लिए सबसे महत्वपूर्ण और हॉट सीट बन चुके वार्ड नंबर 9 में राजनीतिक पारा गर्म होता जा रहा है । लेकिन इस बीच जैसे-जैसे मतदान में समय कम हो रहा है , मुकाबला उम्मीदवारों के बीच टक्कर का बनता चला जा रहा है ।

इसी टक्कर की कड़ी में शनिवार को पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पर्ल चौधरी ने अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान ग्रामीण बुजुर्गों और महिलाओं के द्वारा पगड़ी पहनाकर किए गए सम्मान से अभिभूत होते हुए कहा कि जो पगड़ी मेरे सिर पर बांधी, यह अपने आप में बहुत बड़ी जिम्मेदारी और ग्रामीणों के विश्वास का प्रतीक है । लेकिन इस पगड़ी की इज्जत को बरकरार रखना भी अब पगड़ी बांधने वाले ग्रामीणों के कंधों पर आ चुकी है । उन्होंने कहा विश्वास की जो पगड़ी ग्रामीणों के द्वारा बांधी गई , उस विश्वास और भरोसे की हर कसौटी पर खरा उतरूंगी।  शनिवार को पर्ल चौधरी ने गांव  घीलनावास, महनियावास, डाडावास,  बलेवा, बपास ,खेतीयावास , छिल्लरकी , शेरपुर सहित अन्य गांवों में पहुंचकर नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए अपना चुनाव चिन्ह पतंग को ग्रामीणों के बीच प्रदर्शित करते हुए समर्थन का आह्वान किया ।

इस मौके पर पर्ल चौधरी ने कहा जिस प्रकार से उनके पिता पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी के द्वारा पटौदी क्षेत्र के लिए विकास के कार्य किए गए , विशेष रुप से ग्रामीण अंचल में जिस प्रकार की ग्रामीणों की जरूरत के मुताबिक सड़क बनवाना, स्कूल अपग्रेड करवाना , पीने के पानी की व्यवस्था करवाना, पशु चिकित्सालय बनवाना जैसे विभिन्न कार्य आज भी ग्रामीणों के द्वारा एक मिसाल के तौर पर याद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा एक पढ़ा लिखा शिक्षित और योग्य उम्मीदवार ही बेहतर तरीके से जानता है कि पंचायती राज व्यवस्था और एक्ट में ग्रामीण विकास सहित ग्रामीणों को किस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बात लिखी हुई है । जो भी पंचायती एक्ट में ग्रामीण विकास और ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए लिखा गया है , उसी के मुताबिक प्रत्येक गांव का ग्रामीणों की सलाह से सामूहिक विकास कार्य किया जाएगा ।

इस मौके पर उन्होंने कहा एक तरफ तो सरकार के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा देकर आगे लाया जा रहा है । लेकिन दुख इस बात का है कि सरकार में शामिल कुछ नेताओं के द्वारा महिला आरक्षित वार्ड में महिलाओं के चुनाव लड़ने पर इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जोकि किसी महिला उम्मीदवार का नहीं बल्कि समस्त महिला वर्ग का अपमान कहा जा सकता है । चुनाव लड़ना संवैधानिक और मौलिक अधिकार है, बेटी, बहन बहू, मां, सभी के घर में हैं । आज के दौर में जब देश की राष्ट्रपति एक महिला बन सकती है तो फिर जिला पार्षद और जिला परिषद प्रमुख किसी भी परिवार की महिला क्यों नहीं बन सकती ? राष्ट्रपति पद के लिए अति पिछड़े क्षेत्र की उच्च शिक्षित और गरीब घराने की महिला का भाजपा ने तो समर्थन किया , लेकिन जब बात जिला परिषद प्रमुख और जिला पार्षद चुनाव के लिए हो रही है तो यहां पर भाजपा के ही नेताओं के द्वारा महिला उम्मीदवारों के लिए जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया गया, वह भाजपा नेताओं की मानसिकता सहित उनकी हताशा को जाहिर करने के लिए पर्याप्त है ।

उन्होंने कहा जिस प्रकार से भाजपा नेताओं के द्वारा अपनी पार्टी के अलावा अन्य महिला उम्मीदवारों के लिए कटाक्ष किए जा रहे हैं , इसका एकमात्र जवाब आने वाली 9 तारीख को पतंग के निशान पर अपना वोट देकर उसकी चोट से देने का काम करें। उन्होंने विभिन्न गांवों में अपने संबोधन के मौके पर मौजूद गांव के बुजुर्ग, युवा वर्ग , महिलाओं को आश्वासन दिलाया की महिलाओं के सम्मान को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाएगी और महिलाओं के शिक्षा सहित स्वास्थ्य के लिए ही सबसे अधिक काम भी किए जाएंगे । ग्रामीणों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रत्येक गांव में मेडिकल कैंप सहित संबंधित अधिकारियों को बुलाकर खुले दरबार लगा मौके पर ही समस्याओं का भी समाधान करवाया जाएगा। 

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