फसल अवशेष प्रबंधन में हरियाणा ने किया सराहनीय कार्य – कृषि मंत्री

हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में 31 प्रतिशत तक की आई कमी, जबकि पंजाब में 18 प्रतिशत मामले बढ़े – जे पी दलाल

पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार किसानों को दे रही कई प्रकार के वित्तीय प्रोत्साहन

चंडीगढ़, 4 नवंबर – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन के मामले में ठोस कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरुप पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 31 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है ।

कृषि मंत्री ने आज अपने निवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में हरियाणा में पराली जलाने की 15,686 घटनाएं, 2017 में 13,085, 2018 में 9225, 2019 में 6364, 2020 में 4202 घटनाएं हुई थी। लेकिन सरकार के अथक प्रयासों के फलस्वरूप 2022 में केवल 2377 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जबकि इस बार पंजाब में 24,146 घटनाएं हुई हैं। इस प्रकार, हरियाणा में पंजाब के मुकाबले 10 प्रतिशत से भी कम मामले दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने किसानों को पराली न जलाने के लिए निरंतर जागरूक किया है। हालांकि, जहां किसानों ने पराली जलाई, उन पर सख्ती भी की गई। 1601 चालान करते हुए 37.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

श्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाली मशीनरी पर किसानों को अनुदान दे रही है। वर्ष 2018 से 2021 तक 72,777 मशीन 584 करोड़ रुपये के अनुदान पर दी गई, जिसमें 1261 बेलर शामिल हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2022 में 7146 मशीनों पर 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया, जिसमें 600 बेलर शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पराली के समुचित प्रबंधन के लिए पराली को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी खरीदने की योजना बना रही है। इसके लिए कृषि महानिदेशक, निदेशक, टेस्टिंग संस्थान हिसार, महानिदेशक, हरेडा, डीन इजनियरिंग कालेज व संयुक्त निदेशक को शामिल कर कमेटी का गठन किया गया है।

कृषि मंत्री ने बताया कि 25 लाख एकड़ भूमि के प्रबंधन हेतू किसानों को नि:शुल्क डी कम्पोजर किट उपलब्ध करवाई गई हैं । किसान पराली न जलाएं, इसके लिए इन सीटू व एक्स सीटू प्रबंधन के लिए राज्य की योजना के तहत किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी गई है। वर्ष 2020 में 8 करोड़ रुपये व 2021 में 25 करोड़ रुपये किसानों को प्रोत्साहन राशि स्वरूप दिए गए।

उन्होंने बताया कि पानीपत में इंडियन ऑयल के 2जी इथोनॉल प्लांट में पराली की पहुंच सुनिश्चित करने हेतू किसानों को 2000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस प्लांट में वार्षिक 2 लाख टन पराली की खपत होगी। धान की पराली की खपत करने पर गोशालाओं को अधिकतम 15000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

श्री जे पी दलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के विजन के अनुरूप मेरा पानी – मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण हेतू धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 7000 रुपये प्रति एकड़ की राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत वर्ष 2020 में 44.77 करोड़ रुपये व वर्ष 2021 में 30.96 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए।

इतना ही नहीं, वर्ष 2021 में 4 लाख टन फसल अवशेषों का उद्योगों में प्रयोग सुनिश्चित किया गया। इस वर्ष में 13 लाख टन फसल अवशेषों की इथेनॉल, सीबीजी, कार्ड बोर्ड एवं बायोमास प्लांटों द्वारा खपत का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष जीरो फसल अवशेष घटनाएं दर्ज करने वाली पंचायतें, जो पिछले वर्ष रेड व यैलो जोन में थी, उन पंचायतों को क्रमशः एक लाख व पचास हजार का ईनाम दिया गया है। पंचायत भूमि पर धान की पराली की बेलों की भंडारण की व्यवस्था की गई है।

You May Have Missed

error: Content is protected !!