-हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस का खर्च सीधा 4 से 40 लाख ; 10 गुना बढ़ाया-डॉ एनपीएस वर्मा

– गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे मेडिकल शिक्षा से वंचित रह जाएंगे-डॉ सारिका वर्मा 

गुरुग्राम 4 नवंबर – हरियाणा के 8 मेडिकल कॉलेज के छात्र कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैंl हरियाणा सरकार ने नया कानून बनाया जिसमें हरियाणा के मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को 10 लाख सालाना का बॉन्ड भरवाया जा रहा हैl अगर एमबीबीएस के बाद 7 वर्ष हरियाणा सरकार के अस्पताल में नौकरी नहीं की तो छात्र से 40 लाख रुपए हरियाणा सरकार बरामद करेगीl छात्रों ने इसका पुरजोर विरोध किया है और सभी मेडिकल कॉलेजों में विरोध प्रदर्शन चल रहा हैl नए कानून में कोई स्पष्टता नहीं है की नौकरी ना मिली तो डॉक्टर क्या करेगाl नौकरी मिलने की कोई गारंटी हरियाणा सरकार नहीं दे रही हैl नौकरी ना मिलने पर यह बच्चे कहां जाएंगे और बॉन्ड के पैसे कैसे चुकाएंगे ? कोई छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए कैसे इम्तिहान दे पाएगा इसकी भी साफ नीति नहीं बनाई गई हैl

आईएम गुड़गांव अध्यक्ष डॉ एनपीएस वर्मा ने कहा इतनी भारी रकम की फीस और बॉन्ड रखकर हरियाणा सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मेडिकल शिक्षा से वंचित कर देगीl इतने ज्यादा पैसे देना मध्यम वर्ग या गरीब परिवार के लिए नामुमकिन हैl इस कानून के लागू होने से केवल अमीर लोगों के बच्चे ही एमबीबीएस कॉलेज में दाखिला ले पाएंगेl इससे अच्छा होता हरियाणा सरकार अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा करे और नौकरी देकर एमबीबीएस डॉक्टरों को प्रोत्साहन करेl इस तरह बॉन्ड का डंडा हमें बिल्कुल मंजूर नहीं हैl

गुडगांव आईएमए सचिव डॉ सारिका वर्मा ने कहा तुगलकी फरमान की तरह सरकार कानून तो बना लेती है लेकिन ना उस पर कोई विचार विमर्श किया जाता है और ना कानून के दायरे में आने वाले लोगों से सुझाव लिया जाता हैl बिना सोचे समझे हजारों छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ करना कहां की समझदारी हैl कोई भी पॉलिसी बनने से पहले उसका विश्लेषण अनिवार्य हैl 

हरियाणा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 3 साल से लागू किया गया हैl गुडगांव में 500 से अधिक अस्पताल और क्लिनिको ने पंजीकरण भी करा लिया है, लेकिन आज तक इसकी कोई पॉलिसी नहीं बनी, कोई रूल रेगुलेशन नहीं है और गुडगांव प्रशासन केवल डॉक्टरों पर दबाव डालकर हर साल दोबारा फीस लेकर पंजीकरण करा लेता हैl हरियाणा सरकार केवल कानून बनाकर पैसे लेने की पॉलिसी घोषित तो कर देती है लेकिन पॉलिसी के डिटेल कई वर्षों तक किसी को पता नहीं होतेl

जूनियर डॉक्टर नेटवर्क के राष्ट्रीय सचिव डॉ करण जुनेजा ने कहा हम उम्मीद कर रहे हैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज छात्रों की बात सुनेंगे और  बॉन्ड वाली पॉलिसी वापस ले लेंगेl शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही राज्य सरकार की जिम्मेदारी हैl उम्मीद करते हैं हरियाणा सरकार अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएगी और बच्चों को हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए प्रोत्साहित करेगीl

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