हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कुवि में राज्य स्तरीय 35 वें रत्नावली महोत्सव का किया शुभारंभ। कुवि में 4 दिवसीय रत्नावली महोत्सव में प्रदेशभर से 32 विधाओं में भाग ले रहे हैं 3000 से ज्यादा कलाकार। राज्यपाल ने किया हरियाणवी लोक कला प्रदर्शनी का अवलोकन। राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पोस्टर और रत्नावली बुलेटिन का किया विमोचन। बॉलीवुड फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक ने हरियाणा की नई फिल्म पालिसी की जमकर की प्रशंसा। कुरुक्षेत्र, 28 अक्टूबर : हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा की संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रत्नावली महोत्सव का अहम योगदान रहा है। इस रत्नावली महोत्सव से युवाओं को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात करने का एक अवसर मिलता है और अच्छी शिक्षा और संस्कार भी मिलते हैं। यह महोत्सव निश्चित रूप से प्रदेश सरकार की हरियाणवी संस्कृति के प्रति सोच को अमलीजामा पहनाने का काम कर रहा है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में युवा सांस्कृतिक एवं कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, मशहूर अभिनेता सतीश कौशिक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, डॉ. ममता सचदेवा, प्रो. मंजूला चौधरी, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, उप-निदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने हरियाणवी लोककला प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया और सभागार में दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर 4 दिवसीय रत्नावली महोत्सव का शुभारंभ किया। इस लोककला प्रदर्शनी में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के द्वारा निर्मित लूर नृत्य पोस्टर व जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा तैयार किए गए रत्नावली बुलेटिन का विमोचन किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने रत्नावली महोत्सव के शानदार आयोजन पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि 8 विधाओं और 300 कलाकारों से शुरू होने वाले रत्नावली महोत्सव ने एक बड़ा स्वरूप ले लिया है। यह महोत्सव पूरे विश्व में हरियाणवी संस्कृति का परचम फहरा रहा है। इस महाकुंभ में अब 32 विधाओं में 3000 से ज्यादा कलाकार अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इस महोत्सव में युवा पीढ़ी के उत्साह को देखकर एक सुखद अहसास भी होता है कि आज की युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति से दूर हटकर हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ा रही है। इतना ही नहीं इस महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी हरियाणवी संस्कृति को सहेजने का काम भी कर रही है। उन्होंने हरियाणवी लोककला प्रर्दशनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण आंचल में लोककला को प्रदर्शित करने वाली यह प्रर्दशनी युवा पीढ़ी को अहसास करवा रही है कि हरियाणवी संस्कृति दुनिया में सबसे अव्वल है और आज प्राचीन संस्कृति और संस्कारों को अपनाने की जरूरत है। यह महोत्सव नैतिक मूल्यों का भी अहसास युवा पीढ़ी को करवा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने आर्थिक विकास, कानुन व्यवस्था व सुशासन के मामले में नई छाप कायम की है। प्रदेश कृषि, शिक्षा, सुरक्षा, सेवा, स्वास्थ्य, सुशासन, खेल, आटो उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है। शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की की है। उच्च शिक्षा के लिए वर्तमान में चार दर्जन राज्य व निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय हैं। यह और भी विशेष बात है कि हमारे सभी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरी तरह लागु करने के लिए तैयार हैं। आपके विश्वविद्यालय ने तो कई मानदंडों को लागू भी किया है। इसके लिए विश्वविद्यालय परिवार बधाई का पात्र है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तैयार यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक युग प्रवर्तक नीति है। इसे युवाओं की आधुनिक वैश्विक मांग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं लोक संस्कृति, शिक्षा, खेल सहित अन्य सभी क्षेत्रों में बहुत आगे निकल चुकी हैं। इस प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर चुकी हैं। बॉलीवुड के फिल्म अभिनेता एवं निदेशक सतीश कौशिक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से बनाई गई नई फिल्म पालिसी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पॉलिसी के जरिए फिल्में बनाने पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इससे हरियाणवी सिनेमा जगत को एक नया मुकाम मिलेगा। इस रत्नावली महोत्सव के मंच पर बेहतरीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखकर मन गदगद हो गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मेहमानों और प्रदेश के कोने-कोने से आए कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पिछले कई वर्षाे से रत्नावली महोत्सव का आयोजन कर रहा है। प्रदेशभर से युवा कलाकार इस सांस्कृतिक महाकुंभ में भाग ले रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का यह सांस्कृतिक उत्सव हरियाणा प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को यहां मंचित करने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत की है और वर्ष 2025 तक इसे विश्वविद्यालय में पूर्णतया लागू कर दिया जाएगा। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने मेहमानों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि रत्नावली हरियाणा की संस्कृति का एक ऐसा महोत्सव है जिसके लिए प्रदेश के सभी लोक कलाकार वर्ष भर इंतजार करते हैं। मैं ऐसे सभी कलाकारों को उत्साह, जोश व उनकी ऊर्जा के लिए उनका अभिनंदन करता हूं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग लगभग 3 दशकों से छात्रों में युवा प्रतिभा का मंचन, हरियाणा की संस्कृति के पोषण एवं मंचन हेतु अनेक कार्यक्रम आयोजित करता आया है। रत्नावली हरियाणा के जन-जन तक पहुंचे इसके लिए प्रयास किया गया है। यूनिवर्सिटी सांस्कृतिक परिषद् के अध्यक्ष डॉ. रामपाल सैनी ने सभी मेहमानों का आभार प्रकट किया। रत्नावली के मुख्य मंच का संचालन डॉ. विवेक चावला ने किया। इस उद्घाटन सत्र में लूर नृत्य की प्रस्तुति देकर कलाकारों ने दर्शकों की खूब वाह-वाह लूटी। इस मौके पर पूर्व मंत्री कर्ण देव कम्बोज, उपायुक्त शांतनु शर्मा, पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र भौरिया, डॉ. ममता सचदेवा, प्रो. मंजूला चौधरी, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन, प्रो. एसएम गुप्ता, डॉ. संगीता गुप्ता, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. संजीव अग्रवाल, प्रो. सुनील ढींगडा, प्रो. डीएस राणा, प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. अमित लूदरी, प्रो. परमेश कुमार, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. जितेन्द्र जांगडा सहित डीन, डायरेक्टर, अधिकारी, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी, वॉलिंटियर, विद्यार्थियों सहित अन्य लोग मौजूद थे। Post navigation फिल्म निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता सतीश कौशिक कुवि में आयोजित 35 वें रत्नावली समारोह में युवाओं से हुए रूबरू हरियाणवी संस्कृति एवं विरासत को लेकर आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के पहले चरण में 7 टीमों ने बनाई जगह