हरियाणवी संस्कृति एवं लोकगीत हरियाणा की विशिष्ट पहचानः सतीश कौशिक।हरियाणवी माटी, हरियाणवी संस्कृति की विश्व में अपनी पहचानः सतीश कौशिक। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 28 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित रत्नावली राज्य स्तरीय समारोह के उद्घाटन अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे बॉलीवुड फिल्म निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता कलाकार सतीश कौशिक ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति एवं लोकगीत हरियाणा की विशिष्ट पहचान है। हरियाणवी संस्कृति ने हरियाणवी फिल्मों, हरियाणवी पॉप सहित बॉलीवुड के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। हरियाणवी माटी, हरियाणवी संस्कृति की विश्व में अपनी पहचान है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की मिट्टी में गजब की ताकत है तथा युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति एवं विरासत को संजोये रखने के लिए आगे आना होगा। जिन्दगी में सफलता मील का पत्थर नहीं है बल्कि असफलता ही हमें सिखाती है। उन्होंने कहा कि कभी भी अपना मील का पत्थर फाइनल मत करो बल्कि उसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। उनकी फिल्म राजा जी में हरियाणवी डॉयलाग ने अलग पहचान दिलाई। हरियाणवी बोली के दम पर दंगल, सुल्तान, तन्नु वेडस मन्नु, संतरंगी, म्हारियां छोरियां छोरो से कम हैं के आदि फिल्मों ने सफलता का नया इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि रत्नावली के मंच पर कलाकारों द्वारा 20 मिनट की डांस प्रस्तुति सराहनीय है। उन्होंने रत्नावली में प्रदर्शित कला प्रदर्शनी, कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे यहां के छात्रों को निर्देशन, अभिनय एवं फिल्म स्क्रिप्ट लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार है। उन्होंने हरियाणवी संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए युवाओं को हरियाणवी फिल्में देखने का भी आह्वान किया। बॉलीवुड के फिल्म अभिनेता एवं निदेशक सतीश कौशिक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से बनाई गई नई फिल्म पालिसी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पॉलिसी के जरिए फिल्में बनाने पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इससे हरियाणवी सिनेमा जगत को एक नया मुकाम मिलेगा। इस रत्नावली महोत्सव के मंच पर बेहतरीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखकर मन गदगद हो गया। Post navigation रत्नावली के आगाज के लिए केयू तैयार, दुल्हन की तरह सजा ऑडिटोरियम हॉल हरियाणवी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में रत्नावली का अहम् योगदान : दत्तात्रेय।