सुरेश गोयल धूप वाला, मीडिया प्रभारी , निकाय मंत्री, डॉ कमल गुप्ता,

24 अक्टूबर शुभ दीपावली के दिन दोपहर बाद जब टीवी चैनलों और सोशल मीडिया में यह समाचार आना शुरू हुआ कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बन रहे हैं, तो देश भर से सोशल मीडिया के माध्यम से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई, जिसमें देश भर के लोगो मे खुशिया मनाई जानी शुरू हो चुकी थी । कंही कंही लड्डू बाटने के समाचार भी आ रहे थे। भारतवासी खुशी से झूम उठे थे।

वास्तव में यह समाचार भारतीयों व विश्व मे प्रवासी भारतीयों के लिए उल्लास भरा व प्रफुलित करने वाला ही था। एक भारतवंशी व साथ ही भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों में विश्वास व आस्था रखने वाले हिन्दू विचार धारा के व्यक्ति का ब्रिटेन जैसे देश जिसके विशाल साम्राज्य जिसका कभी सूर्यास्त ही नही होता था का प्रधान मंत्री बनना भारतीयों के लिए इससे ओर गौरान्वित करने वाली बात और क्या हो सकती थी।

ऋषि सुनक की भारतीय जीवन मूल्यों में गहन आस्था इस बात से पूरी तरह सिद्ध होती है कि उन्होंने 2015 में सांसद निर्वाचित होने पर मद्द्भागवत गीता पर हाथ रख कर शपथ ग्रहण की थी। उन्होंने प्रधान मंत्री नियुक्त होने पर 10 डानिंग स्ट्रीट पर अपने पहले भाषण के दौरान पवित्र लाल धागा कलावा-मोली पहने हुए थे। यह लाल धागा हिंदुओ के किसी शुभ अवसर पूजा अनुष्ठान के समय पहना जाता है। कहा जाता है कि उनका हिन्दू मंदिरों में परिवार सहित जाकर ईश आराधना करना नित्य का क्रम है। जहाँ अपने देश के राजनेता राजनीतिक कारणों से हिन्दू होने पर भी अपने आपको हिन्दू प्रदर्शित करने में संकोच करते हैं वहीं ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री अपने आपको हिन्दू कहने में गर्व की अनुभति करते हैं।

पाकिस्तानी दावा:पाकिस्तान भी ऋषि सुनक के पाकिस्तानी होने का दावा कर रहा है । उसे इस तरह के दावा करने का अधिकार भी है , परंतु जिस समय ऋषि सुनक के दादा-पड़दादा वहां रहे होंगे उस समय पाकिस्तान भारत का ही एक भाग था इसी कारण उन्हें भारतीय मूल का कहना अधिक उचित होगा । ऋषि सुनक का हिसार के गांव पाबड़ा से भो बताया जा रहा है संबंध:

हिसार जिला का गांव नहला के ग्रामवासी भी ऋषि सुनक के गांव नहला के ब्राह्मण परिवार से होने का दावा कर रहे हैं गांव नहला के दया नंद शर्मा (पूर्वपार्षद) का कहना है कि वे हमारे परिवार से संबंध रखते हैं सोनक गोत्र के काफी घर आज भी गांव में है। कालांतर में सोनक शब्द से बिगड़कर सुनक शब्द हो गया था। बाद में वे पंजाब के गांव लाड़ बंजारा चले गए थे । उसके बाद उनके दादा अफ्रीका और बाद में यूके जाकर बस गए।

भारतीयों के लिए यह गर्व करने वाली बात ही है कि सयुंक्त राज्य अमेरिका से लेकर पुर्तगाल तक बहुत से देशों में भारतीय मूल के व्यक्ति उन देशों की राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान है । इन महत्व पूर्ण पदों पर आसीन होने वालो में ऋषि सुनक का नाम प्रथम रूप से जुड़ गया है। भारतीय मूल के कमला हैरिश अमेरिका के उपराष्ट्रपति है। मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविन्द जगगन्नाथ है। पुर्तगाल के प्रधानमंत्री इंटिनियो कोस्टा है जिनका संबंध भारत के गोवा प्रान्त से है । सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब है जिनके पूर्वजो का इतिहास भारत से जुड़ा है। सूरीनाम के राष्ट्र पति संतोखी जिनका सीधा संबंध भी भारत से ही है। सेरोल के राष्ट्रपति बलेव राम कालयवन भी बिहार के गोपाल गंज से है। भारत के प्रधान मंत्री मोदी ने उन्हें भारत पुत्र कह कर संबोधित किया था ।

भारत कुछ राजनेता इस बात से नाखुश नजर आ रहे है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधान मंत्री क्यों बन गए। वे उन पर मनगढंत आरोप भी मढ़ने से नही चूक रहे । उन पर आरएसएस की विचार धारा से संबध होने का भी शक जाहिर कर रहे हैं।उन्हें अपनी नकारात्मक सोच पालने की बजाय देश के प्रति अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए देश की जनता के उत्साह को प्रोत्साहन देना चाहिए।

यह ठीक है कि उन्हें अपने देश के संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व अपने देश और जनता के हितों को प्राथमिकता देनी होगी, यह उनका अपने देश के प्रति धर्म भी है, परंतु यह भी सत्य है कि उनको अपने आपको भारत वंशी होने का अहसास हमेशा रहेगा । वे कोई भी ऐसा कदम नही उठाएंगे जिससे भारत को कंही भी थोड़ा सा भी नुकसान पहुंचे।

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