-गांववासियों को मिठाई खिलाकर दिपावली की शुभकामनाएं दी
-मोरनी को पर्यटन की दृष्टि से किया जा रहा है विकसित-मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज पहाड़ी क्षेत्र मोरनी के भोज नायटा के गांव मरोग में गांववासियों को मिठाई खिलाकर दिवाली मनाई। इस अवसर पर उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को दीपो के त्योहर दीपावली की शुभकामनायें दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें आज मोरनी के इस दुर्गम गांव में गांववासियों के साथ दिवाली मनाकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। मुख्यमंत्री के गांव मरोग पंहुचने पर गांववासी काफी उत्साहित थे और उन्होंने मुख्यमंत्री को मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। श्री मनोहर लाल संभवत ऐसे पहले मुख्यमंत्री है जो पहाड़ी क्षेत्र के इस दुर्गंम इलाके में आये है।

राजकीय प्राथमिक पाठशाला मरोग में उपस्थित गांववासियों को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी हरियाणा का एक पहाड़ी इलाका है और संगठन मंत्री होने के नाते वे कई बार इस क्षेत्र में आये है। यहां के लोगों से उनका विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें वर्ष 2015 में मई माह में भी मोरनी के मांधना स्थित स्कूल में आयोजित एक इसी प्रकार के कार्यक्रम में लोगों के बीच आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गांव के वरिष्ठ नागरिक बलदेव सिंह को शाॅल और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति देकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गंम क्षेत्र होने के कारण गांव मरोग सहित मोरनी में राज्य सरकार द्वारा लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा और सड़क सपंर्क जैसी सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि यहां के लोगों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। उन्होंने कहा कि मोरनी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। मोरनी के टिक्करताल में साहसिक गतिविधियां शुरू की गई है। इसके अलावा मोरनी में होम स्टे पाॅलिसी लागू की गई है, जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के नये अवसर सजृत हुये है। उन्होंने कहा कि मोरनी हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा पहाड़ी क्षेत्र है और यहां पर्यटन की आपार संभावनायें है। राज्य सरकार द्वारा यहां आने वाले पर्यटको को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि इस क्षेत्र में पर्यटकों का आवागमन बढ़े।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम परिवार पहचान पत्र शुरू किया गया है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, बुढ़ापा पेंशन व अन्य सुविधाओं को सीधे जोड़ा गया है ताकि परिवारों की आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें सभी सुविधायें उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र बनने से अब वृद्ध सम्मान भत्ता के पात्र व्यक्ति को सरकारी कार्यालय में नहीं जान पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 60 वर्ष है और वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है घर बैठे वृद्ध सम्मान भत्ता प्राप्त कर सकते है।

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी आलोक मित्तल, उपायुक्त महावीर कौशिक, पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र पाल सिंह,  कालका की पूर्व विधायिका  लतिका शर्मा,  गांववासियों सहित अन्य विभागों के  अधिकारी उपस्थित थे।

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