चंडीगढ़, 18 अक्तूबर – जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए फरीदाबाद को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा प्रत्यायन के दूसरा क्रम में ‘ए +’ ग्रेड और 3.32 के सीजीपीए के साथ फिर से मान्यता दी गई है। मूल्यांकन का परिणाम 18 अक्टूबर, 2022 को आयोजित एनएएसी की स्थायी समिति की 127वीं बैठक में घोषित किया गया था, और यह अगले पांच वर्षों के लिए वैध रहेगा। प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त निकाय है जो भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और मान्यता देता है। उन्होंने कहा कि 2016 में विश्वविद्यालय को प्रत्यायन के पहले चक्र में नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड से सम्मानित किया गया था। 10 से 12 अक्तूबर, 2022 तक पांच सदस्यीय नैक पीयर टीम द्वारा विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया गया था। उन्होंने बताया कि कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने हरियाणा के राज्यपाल और कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय के प्रति आभार व्यक्त किया है और विश्वविद्यालय को निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन मिलता रहता है, जिसके कारण विश्वविद्यालय ‘ए +’ ग्रेड प्राप्त करने में सक्षम रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के सपने को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय अथक प्रयास कर रहा है। तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्र विजयेंद्र कुमार और निदेशक श्री राजीव रतन ने नैक द्वारा ‘ए+’ ग्रेड प्राप्त करने पर कुलपति प्रो. तोमर को बधाई दी है। कुलपति ने निरंतर समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इस महान उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों, पूर्व छात्रों और सहायक कर्मचारियों को बधाई देते हुए कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने कहा कि जेसी बोस विश्वविद्यालय ने खुद को भारत के कुलीन और प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने विभिन्न प्रमुख राष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जो शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए गुणवत्ता मानकों को दर्शाता है। कुलसचिव डॉ. एसके गर्ग ने कहा कि नैक द्वारा विश्वविद्यालय को ‘ए+’ ग्रेड के साथ पुन: मान्यता विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों के उत्कृष्ट योगदान के लिए एक उपयुक्त पुरस्कार है। यह गुणवत्ता मानकों पर विश्वविद्यालय द्वारा एक विशिष्ट उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि डीन एकेडमिक अफेयर्स और यूनिवर्सिटी नैक कोऑर्डिनेटर प्रो. आशुतोष दीक्षित ने कहा कि सभी फैकल्टी और स्टाफ सदस्यों ने तैयारी और प्रस्तुति के लिए दिन-रात काम किया। देश में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के मूल्यांकन के सर्वोच्च निकाय ने सात बिंदु-पैमाने के मानदंडों पर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया जिसमें पाठ्यचर्या के पहलू, शिक्षण-शिक्षण और मूल्यांकन, अनुसंधान, नवाचार और विस्तार, बुनियादी ढांचे और सीखने के संसाधन, छात्र सहायता और प्रगति, नेतृत्व और प्रबंधन, और संस्थागत मूल्य और सर्वोत्तम अभ्यास।शामिल हैं। Post navigation राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शहीद मेजर अनुज राजपूत की प्रतिमा का अनावरण किया, माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि एसवाईएल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करवाए सरकार, वरना सुप्रीम कोर्ट ताला लगा ले – नवीन जयहिंद