सोहना/बाबू सिंगला 

सोहना कस्बे की अनाज मंडी में बाजरे की खरीद को बन्द कर दिया था। जो एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नही खुली है। एजेंसी ने फसल की खरीद बन्द करके मुहँ मोड़ लिया है। जिसने 18 दिनों में मात्र 217 क्विंटल बाजरे की खरीद की है। जबकि मंडी में कुल आवक 10 हजार 212 क्विंटल की हुई है। वहीं किसान खरीद बन्द किये जाने से गुस्से में हैं जो अपनी फसल को औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। 

विदित है कि सरकार ने बाजरे की फसल की खरीदारी एक अक्टूबर से शुरू करने के फरमान जारी किए थे। जिसकी खरीद के लिए हैफेड एजेंसी को नियुक्त किया था। जिसका समर्थन मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया था। किंतु एजेंसी ने मात्र 217 क्विंटल ही बाजरा खरीदा है। तथा एजेंसी ने 12 अक्टूबर से खरीद पर रोक लगा दी थी। जो आज तक भी नहीं खुली है। मंडी में 11 अक्टूबर तक कुल 7 हजार 315 क्विंटल बाजरा किसानों द्वारा बिक्री के लिए लाया गया था। जिसको अधिकांशतः आढ़तियों द्वारा औने पौने दामों पर खरीद लिया गया है। 

क्या कहते हैं किसान

किसान महेश का कहना है कि सरकार ने बाजरे की खरीद के आदेश देकर मात्र दिखावा किया है। बारिश से फसल खराब हो गई है। एजेंसी खरीद से हिचकिचा रही है। इसके अलावा किसान प्रभु सिंह कहते हैं कि सरकारी खरीद न होने से बाजरे की कीमत घट गई है। किसान आर्थिक तंगी के कारण औने पौने दामों पर फसल को बेचने पर मजबूर हैं। 

क्या कहते हैं एजेंसी इंस्पेक्टर

हैफेड एजेंसी इंस्पेक्टर ओमप्रकाश बताते हैं कि बाजरे की खरीद सरकारी माप दंड के अनुसार की है। करीब 70 फीसदी बाजरा नियमों को पूरा नहीं कर सका है। सरकार ने खरीद को बंद करने के फरमान दिए है। इसके अलावा किसानों को 450 रुपए भावंतर भी प्रदान किया जा रहा है।

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