नारा प्रधानमंत्री का एक राष्ट्र-एक उर्वरक….कभी भी किसान को समय पर पर्याप्त खाद नही मिलता : विद्रोही

हरियाणा के कृषि मंत्री दमगज्जा मारते है कि प्रदेश में सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद की कमी नही है, लेकिन जमीनी हालत यह है कि किसानों को सरसों की बिजाई के लिए बाजार में पर्याप्त मात्रा मेें खाद नही मिल रहा। विद्रोही

8 अक्टूबर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री एक राष्ट्र-एक उर्वरक का नारा देकर पूरे देश के किसानों को भारत यूरिया देने की बात कहते है, वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री दमगज्जा मारते है कि प्रदेश में सरसों की बिजाई के लिए डीएपी खाद की कमी नही है, लेकिन जमीनी हालत यह है कि किसानों को सरसों की बिजाई के लिए बाजार में पर्याप्त मात्रा मेें खाद नही मिल रहा। विद्रोही ने हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल से पूछा कि यदि प्रदेश में सरसों, गेंहू बिजाई के लिए डीएपी खाद की कोई कमी नही है तो जमीन पर किसानों को डीएपी खाद मिल क्यों नही रहा? 1350 रूपये प्रति कट्टा के हिसाब से मिलने वाला डीएपी खाद की कालाबाजारी होकर 1500-1600 रूपये प्रति कट्टा क्यों मिल रहा है? कृषि मंत्री के दावे के अनुसार यदि प्रदेश सरकार ने पर्याप्त खाद की व्यवस्था कर रखी है तो डीएपी खाद बाजार से गायब क्यों है? क्या डीएपी खाद की कालाबाजारी सत्तारूढ़ संघी नही कर रहे? और यदि संघी खाद की कालाबाजारी नही कर रहे तो किसान को यह मिल क्यों नही रहा? 

विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी एक रष्ट्र-एक उर्वरक का नारा देते है, पर विगत 8 सालों में चाहे खरीफ फसल सीजन हो या रबी फसल सीजन, कभी भी किसान को समय पर पर्याप्त खाद नही मिलता। हर बार खाद की कालाबाजारी होती है और प्रधानमंत्री देशभर के किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध करवाने की बजाय जुमलेबाजी करके चलते बनते है। वहीं विद्रोही ने कहा कि हर चाह माह बाद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर इवेंट करके किसानों को 2 हजार रूपये की किस्त जारी करते है और किसानों को सत्ता दुरूपयोग से ऐसा एहसास कराते है कि मानों किसान सम्मान निधि कोई नई योजना हो। किसानों के साथ हर चार माह बाद ऐसी इवेंट करके वोट बैंक की राजनीति करना बताता है कि प्रधानमंत्री की सोच किसान हित की बजाय किसान सहायता के नाम पर उसे भावनात्मक रूप से ठगकर वोट बटोरने की ज्यादा है। विद्रोही ने कहा कि जब प्रधानमंत्री की ऐसी सोच हो तो ऐसी सरकार किसान हित के नाम पर इवेंट करके, जुमलेबाजी करके किसानों को ठगने का ही काम करेगी। 

You May Have Missed

error: Content is protected !!