मुख्यमंत्री ने रेवाडी में राजकीय ब्वाईज कालेज बनाने की घोषणा की वर्ष 2017 में अब नॉन फिजिबल :

सरकार ने इस कालेज भवन निर्माण के लिए रेवाडी के सैक्टर 5 में एक एकड़ जमीन आवंटित करने की नौटंकी की थी, उसे भी कालेज प्रशासन को दिये बिना लगभग दो साल से आवंटित जमीन को रद्द करके हुडा विभाग को वापिस दे दी। आश्चर्य है कि इस कालेज के लिए कागजों में जमीन दी गई और कागजों में ही वापिस ले ही गई,

16 अक्टूबर 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पांच साल पूर्व रेवाडी में शुरू किये गए राजकीय ब्याईज महावि़द्यालय के भवन निर्मण के लिए भाजपा सरकार द्वारा जमीन अलॉट करने की बजाय इस कालेज को नॉन फिजिबल जोन में डालकर बंद करने के षडयंत्र की कठोर आलोचना करते हुए इसे अहीरवाल के साथ विकास कार्यो में भाजपा सरकार के किये जा रहे भेदभाव का एक और उदाहरण बताया। विद्रोही ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल के मतदाताओं के एकतरफा जनसमर्थन की बदौलत बनी हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार इस क्षेत्र के साथ विकास व सामाजिक कल्याण के कार्यो में सौतेला व्यवहार करने का कोई मौका नही चूकती। खट्टर सरकार के 8 साल के अहीरवाल के साथ विकास कार्यो में किये जा रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार के चलते यहां के कांग्रेस जमाने से लेकर वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा घोषित सभी महत्वपूर्ण विकास योजना क्या तो आधी-अधूरी पडी हैै या बजट अभाव में कछुआ गति से चल रही है। आश्चर्य है कि यहां के भाजपा से निर्वाचित सांसद व विधायक खुलेआम हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार के प्रति निजी स्वार्थो के कारण आंखे मूंदे पड़े है। 

विद्रोही ने कहा कि 2015 में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने जिला मुख्यालय रेवाडी में राजकीय ब्वाईज कालेज बनाने की घोषणा की थी और वर्ष 2017 में राजकीय माध्यमिक स्कूल रेवाडी के भवन में कालेज की अस्थाई कक्षाएं शुरू की थी। विगत पांच सालों से राजकीय माध्यमिक विद्यालय के कंडम घोषित भवन के पांच कमरों में 456 विद्यार्थी बदहाल हालत में कालेज शिक्षा लेने की औपचारिकता पूरी कर रहे है। कंडम भवन के जर्जर पांच कमरों में बिना आधारभूत ढांचे की सुविधाओं के 456 विद्यार्थी कैसी कालेज शिक्षा विगत पांच सालों से प्राप्त कर रहे है, यह बताना भी बेमानी है।

विद्रोही ने कहा कि सरकार ने इस कालेज भवन निर्माण के लिए रेवाडी के सैक्टर 5 में एक एकड़ जमीन आवंटित करने की नौटंकी की थी, उसे भी कालेज प्रशासन को दिये बिना लगभग दो साल से आवंटित जमीन को रद्द करके हुडा विभाग को वापिस दे दी। आश्चर्य है कि इस कालेज के लिए कागजों में जमीन दी गई और कागजों में ही वापिस ले ही गई, लेकिन सच्चाई यही है कि कभी भी कालेज भवन निर्माण के लिए जमीन नही दी गई। रेवाडी के जागरूक नागरिक, राजनीतिक व सामाजिक संगठन, कालेज छात्र विगत पांच सालों से लगातार मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहे है कि कालेज के लिए आवश्यक जमीन आवंटित करके भवन निर्माण करवाये। भाजपा खट्टर सरकार ने विगत सात सालों में इस कालेज के भवन निर्माण के लिए जमीन तो आवंटित नही की, अपितु अब इस कालेज को नॉन फिजिबल योजना में डालकर बंद करने की तिडकमे जरूर शुरू कर दी।

भाजपा सरकार के इस भेदभावपूर्ण व्यवहार पर भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधि दड़ मारे पड़े है। यहां के निर्वाचित भाजपा सांसद व विधायक निजी स्वार्थपूर्ति में लगे रहते है। क्षेत्र का विकास व जनहित उनके लिए कोई मायने नही रखता। विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से आग्रह किया कि राजकीय महाविद्यालय रेवाडी को बंद करने का षडयंत्र करने की बजाय इस कालेज के लिए 12 एकड़ जमीन आवंटित करे ताकि तेजी से विस्तारित रेवाडी शहर व जिले की भविष्य की आवश्यकता के अनुसार एक विशाल भवन बनकर राजकीय ब्याईज कालेज को उसी भावना के अनुरूप विकसित किया जा सके जिससे इस क्षेत्र के बच्चों को अच्छी, गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध हो सके। वहीं विद्रोही ने सीएम खट्टर से अहीरवाल के प्रति विकास कार्यो में सौतेला व भेदभावपूर्ण व्यवहार भी छोडने की अपील की। 

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