गीले, सूखे व घरेलू हानिकारक कचरे को अलग-अलग करना अनिवार्य

– नगर निगम गुरूग्राम द्वारा 20 अक्तुबर से नहीं स्वीकार किया जाएगा मिक्स कचरा
– वार्ड वाईज टीमें रखेंगी कचरा कलैक्शन प्रणाली पर नजर, अवहेलना पर किए जाएंगे चालान

गुरूग्राम, 14 अक्तुबर। नगर निगम गुरूग्राम के संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) डा.नरेश कुमार ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक नागरिक, आरडब्ल्यूए, बल्क वेस्ट जनरेटर, होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, उद्योग, संस्थान व धार्मिक स्थलों सहित सभी प्रकार के कचरा उत्पादकों को प्राथमिक स्तर पर ही कचरे को तीन श्रेणियों में अलग-अलग करना अनिवार्य है। इसमें गीले, सूखे व घरेलू हानिकारक श्रेणी का कचरा शामिल है, जिसे प्राथमिक स्तर पर ही अलग-अलग करके नगर निगम गुरूग्राम द्वारा अधिकृत एजेंसी को देना अनिवार्य है।

इसके अलावा, ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की धारा-4 के अनुसार प्रतिदिन 50 किलोग्राम या इससे अधिक कचरा उत्पादन करने वालों को बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है। इनके लिए अपने परिसर के अंदर ही जैविक कचरे को खाद या जैव-मिथेनेशन के माध्यम से प्रोसैसिंग, उपचारित या निपटान करना अनिवार्य है। साथ ही शेष बचे कचरे को अधिकृत एजेंसी को सौंपा जाए। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत कचरे की अनाधिकृत डंपिंग की अनुमति नहीं होगी। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा 20 अक्तुबर से केवल अलग-अलग कचरा ही उठाया जाएगा, मिश्रित कचरा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा उसका चालान किया जाएगा। इसके लिए वार्ड वाईज टीमें कचरा उठान प्रणाली की निगरानी करेंगी।

उल्लेखनीय है कि एनजीटी द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि बंधवाड़ी में कोई भी ताजा कचरा नहीं डाला जाएगा और ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के अनुसार विकेन्द्रीकृत तरीके से अन्य वैकल्पिक स्थानों पर प्रोसैसिंग किया जाएगा। नगर निगम गुुरूग्राम की ओर से गुरूग्राम के सभी नागरिकों, आरडब्ल्यूए, बल्क वेस्ट जनरेटर, होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, उद्योग, संस्थान व धार्मिक स्थलों सहित सभी प्रकार के कचरा उत्पादकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने यहां से निकलने वाले कचरे को तीन श्रेणियों में विभाजित करके ही कचरा उठान गाडिय़ों में डालें। इस प्रकार एक ओर जहां हम अपने शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देंगे, वहीं दूसरी ओर अलग-अलग किए गए कचरे का निपटान भी सही तरीके से होगा।

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