भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। जैसा कि हम पहले भी कहते आ रहे हैं कि आदमपुर उपचुनाव उत्सुकता से भरा रहेगा, नए-नए आयाम स्थापित करेगा। हरियाणा की राजनीति में उथल-पुथल मचाएगा। कुछ ऐसा ही दिखाई दे रहा है।

राजनीति में हर व्यक्ति चुनाव लडऩे की अभिलाषा लेकर आता है लेकिन इस चुनाव में सभी पार्टियों ने नई रीत चलाई है कि अपनों को नकारो-गैरों को अपनाओ। अर्थात जो अपने कार्यकर्ता बरसों से पार्टी के लिए कार्य कर रहे थे, उन्हें नकार कर बाहर से आयातित उम्मीदवार को टिकट दे दो। आईए डालते हैं नजर।

सर्वप्रथम भाजपा को देखिए, चंद माह पूर्व जो कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई वर्तमान भाजपा सरकार की बुराई करते नहीं थकते थे, उसी को भाजपा ने उपचुनाव की टिकट दे दी। और जो कार्यकर्ता बरसों से लगे हुए थे, सोनाली फौगाट का परिवार जो मान रहा था कि टिकट के हकदार हम हैं, उन सबको धता बता भव्य बिश्नोई को टिकट थमा दी।

अब बात करें आप पार्टी की तो आप पार्टी ने सतेंद्र सिंह को टिकट दिया। यही सतेंद्र सिंह अगस्त माह में कांग्रेस की टिकट की गुहार पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा और दीपेंद्र से लगा रहे थे। और अब वह आप पार्टी की टिकट के उम्मीदवार बन गए। बाकी जो कार्यकर्ता बरसों से पार्टी के लिए हिसार में काम कर रहे थे, उनके अरमानों पर हिमपात हो गया। और प्रमाण देखने को भी मिल रहा है कि आप के कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं। 

अब बात करें इनेलो की तो हमने कल भी लिखा था कि इनेलो की टिकट कुरडा राम नंबरदार को मिल सकती है और आज उसकी घोषणा हो गई। अर्थात आधे घंटे पूर्व पार्टी ज्वाइन करने वाले कार्यकर्ता को टिकट मिल गई और बरसों से पार्टी के वफादार देखते रह गए। खैर इस मामले में यह कहा जा सकता है कि कुरडा राम को अनेक गांव की पंचायतों का समर्थन प्राप्त था। परंतु बात सिद्धांत की है। पार्टी तो आधा घंटा पहले ज्वाइन की थी।

चलिए कांग्रेस के उम्मीदवार की भी बात कर लें तो कांग्रेस ने पूर्व मंत्री जयप्रकाश उर्फ जेपी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह माना कि पुराने कांग्रेसी हैं लेकिन उनका निवास आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में तो नहीं है। और आदमपुर के कांग्रेसियों का यही कहना था कि टिकट स्थानीय कार्यकर्ता को दी जाए और उसी के परिणामस्वरूप कुरडा राम नंबरदार अनेक कांग्रेसियों के साथ इनेलो में मिल गए। 

इस प्रकार आपने देखा कि तीन मुख्य पार्टियों ने तो नए नवेले आए लोगों के पार्टी का टिकट दे दिया और कांग्रेस ने क्षेत्र के बाहर के व्यक्ति को टिकट दिया। तात्पर्य यह कि वर्तमान राजनीति में समर्थन, निष्ठा, आदर्श, वफादारी का स्थान ईष्र्या, प्रतिद्वंद्वता, स्वार्थ, लालच आदि ने ले लिया है। विचारनीय यह है कि प्रजातंत्र क्या इसी का नाम है?

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