वर्ग विशेष नें लगाया आरोप इबादत के समय किया गया हमला

प्रतिपक्ष का दावा किराए की जगह पर बनाई गई  इबादत गाह

पक्ष और प्रतिपक्ष के द्वारा बिलासपुर थाना में दी गई शिकायतें

कुछ वर्ष पहले भी इबादत गाह को लेकर हो चुका है विवाद

फतह सिंह उजाला

बोहड़ाकला/पटौदी । पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव और केंद्र में मंत्री जनरल वीके सिंह की ननिहाल बोहड़ाकला जोकि 1857 के शहीद अब्बू सिंह का पैतृक गांव भी है । यहां पर इबादतगाह-कथित मस्जिद का विवाद एक बार फिर से सुर्खियां बन गया । इस मामले में वर्ग विशेष के द्वारा इबादत के समय इबादतगाह में तथा वर्ग विशेष की पुरुष और महिलाओं पर हमला करने के आरोप लगाते हुए बिलासपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई है । दूसरी ओर इसी मामले में प्रतिपक्ष के द्वारा थाना बिलासपुर में दी गई शिकायत में दावा किया गया है कि वर्ग विशेष के लोगों के द्वारा किराए पर दी गई जगह पर कथित जबरन इबादत गाह बनाकर इबादत की जा रही है ।

इस संबंध में भी प्रतिपक्ष के द्वारा थाना बिलासपुर में अपनी शिकायत लिखित में दी गई है । प्रतिवादी के दावे के मुताबिक जिस स्थान को वर्ग विशेष के द्वारा कथित रूप से अपनी और इबादत गाह -थित मस्जिद की जगह बताया जा रहा है, उस जमीन से संबंधित पैतृक कब्जे की दावेदारी वर्ग विशेष के लोग अदालत में हार चुके हैं । इस पूरे प्रकरण में एसीपी पटौदी हरिंदर शर्मा का कहना है की जो भी शिकायत पुलिस को दी गई है , उस पर जांच के उपरांत जो भी कानून के मुताबिक कार्यवाही संभव होगी वह अवश्य अमल में लाई जाएगी । सूत्रों के मुताबिक कुछ वर्ष पहले भी रोजे के दौरान मुख्य नमाज अदा किया जाने के दिन गांव बोहड़ाकला में संबंधित इबादत गाह पर उस समय विवाद हो गया था , जब गांव के रहने वाले वर्ग विशेष के लोगों के द्वारा बाहर से वर्ग विशेष के लोगों को इबादत के लिए बुलाकर यहां इबादत पढ़ाने का काम किया गया । उस समय भी ग्रामीणों के द्वारा बाहर से आने वाले वर्ग विशेष के लोगों और उनके द्वारा पढ़ी जाने वाली इबादत का जबरदस्त तरीके से विरोध किया गया था ।

अब इस पूरे मामले में गांव बोहड़ाकला के ही सूबेदार नजर मोहम्मद पुत्र जफर मोहम्मद निवासी पट्टी लाल सिंह के द्वारा बिलासपुर पुलिस में दी गई शिकायत में कहा गया है कि बुधवार शाम के समय इबादत गाह में नमाज अदा की जा रही थी। उसी समय करीब 200 लोगों के द्वारा घेर लिया गया और जबरदस्ती इबादत गाह में प्रवेश कर गए । पुलिस में दर्ज मामले के मुताबिक गांव में कुल 4 मुस्लिम परिवार बताए गए हैं । आरोप है कि गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा उनको परेशान किया जाता आ रहा है । पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक इबादत गांह‘थित मस्जिद में मौजूद वर्ग विशेष के लोगों सहित महिलाओं के साथ भी मारपीट की गई । इस संदर्भ में 3 व्यक्तियों के नाम पुलिस को स्पष्ट तौर से बताए गए हैं , इसके अलावा 200 लोग और शामिल बताए गए हैं । आरोप है कि इबादत गांह में मारपीट करने के साथ ही वहां पर तोड़फोड़ भी की गई और उसके बाद में जबरदस्ती ताला लगा दिया गया था।

बीती रात को अचानक इबादत गांह में नमाजियों पर किए गए हमले सहित की गई तोड़फोड़ की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई । तब तक यहां हंगामा करने वालों के द्वारा ताला भी लगा दिया गया था । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ताला तुड़वा कर घटनास्थल का जायजा लिया । इस संबंध में नजर मोहम्मद पुत्र जफरू मोहम्मद निवासी बोहड़ाकला पट्टी लाल सिंह थाना बिलासपुर के द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर से इबादत गाह -कथित मस्जिद का जो यह मामला अचानक से एक बार फिर विवाद सही सुर्खियां बन गया । इसको कथित पंचायती चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है । क्योंकि पुलिस में जो रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है उसमें ऐसे लोगों के नाम दर्ज हैं , जो कि बोहड़ाकला ग्राम पंचायत चुनाव के लिए अपना चुनाव प्रचार आरंभ कर चुके हैं । इसी प्रकरण में थाना बिलासपुर में ही रवि कुमार व अशोक कुमार पुत्र मांगेलाल गुप्ता निवासी पट्टी लाल सिंह गांव बोहड़ाकला के द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि वर्ग विशेष के लोग सुल्तान, असगर अली, अब्दुल हमीद पुत्र मेहरबान व जफर पुत्र दिनू यह सभी बतौर किराएदार बीते काफी समय से रह रहे हैं । बिलासपुर थाना पुलिस में संबंधित जमीन के तमाम साक्ष्य और राजस्व विभाग के दस्तावेज सौंपते हुए बताया गया है कि संबंधित जमीन वर्ग विशेष के पूर्वजों को मौखिक तौर पर किराए पर दी गई थी । वादी एवं प्रतिवादी दोनों के पूर्वजों का देहांत हो चुका है । प्रतिवादी द्वारा वादी के वारिसान को 12 अक्टूबर 2022 को संबंधित जमीन अथवा जगह को खाली करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद वर्ग विशेष लोगों  के द्वारा कथित नाराजगी और गुस्से में आकर जान से मारने की धमकी दी गई । इसके साथ ही प्रतिवादी को उसकी अपनी पूर्वजों की जमीन अथवा जायदाद पर जाने से भी जबरदस्ती रोका गया ।

रवि कुमार अशोक कुमार पुत्र मांगीलाल के मुताबिक जो बिलासपुर पुलिस में शिकायत दी गई है , उसके मुताबिक संबंधित जगह के जो भी राजस्व रिकॉर्ड के दस्तावेज हैं , वह अदालत के द्वारा प्रमाणित है । उपरोक्त कथित विवादित इबादत गाह जिसे की वर्ग विशेष के द्वारा मस्जिद भी कहा जा रहा है । वह जमीन और जायजा प्रतिवादी पक्ष की है । इस जमीन जायदाद पर वर्ग विशेष की मौजूदगी में ही ताला भी लगाया गया था । शिकायत में बताया गया है कि प्रतिपक्ष के लगभग 20 घर गांव में मौजूद हैं । अक्सर यह लोग बाहरी वर्ग विशेष के लोगों को बुलाकर यहां संख्या बल अधिक दिखाने के प्रयास में इबादत सहित नमाज अदा करने का भी काम करते आ रहे हैं।

इसे पूरे प्रकरण में इस प्रकार की चर्चाएं भी गर्म होती जा रही हैं कि इबादत गांह सहित कथित मस्जिद का जो यह मामला एक बार फिर से सुर्खियां बना है , इसके पीछे प्रस्तावित पंचायती चुनाव एक मुख्य कारण होने से इनकार नहीं किया जा सकता है । चर्चा यहां तक है कि कुछ बाहरी लोगों के द्वारा गांव में वर्षों से रह रहे सौहार्दपूर्ण माहौल में लोगों को बरगला कर एक बार फिर से कथित तौर पर विवाद सहित हंगामा किया जाने का प्रपंच रचा गया । इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होना जरूरी है ।

अब यह तो आने वाला समय और जो भी अधिकारिक राजस्व विभाग के मालिकाना हक के दस्तावेज हैं, उनके मुताबिक ही इस पूरे विवाद का पटाक्षेप संभव हो सकेगा। क्योंकि जिस प्रकार से रवि कुमार वं अशोक कुमार पुत्र मांगेलाल गुप्ता के द्वारा दावा किया गया है कि वर्ग विशेष के लोग इबादत गांह सहित मस्जिद की जमीन के मामले को अदालत में हार चुके हैं । लेकिन फिर भी आपसी भाईचारा और सौहार्द को ध्यान में रखते हुए वर्ग विशेष के लोगों को यहां केवल और केवल इबादत करने की ही सहमति प्रदान की हुई है । इस बात से इंकार नहीं की आने वाले दिनों में इस पूरे मामले को लेकर पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े और ऐतिहासिक गांव बोहड़ाकला में इबादत गाह और कथित मस्जिद सहित प्रतिपक्ष के द्वारा संबंधित जमीन पर अपनी दावेदारी को लेकर पंचायतों का दौर भी आरंभ हो सकता है । इसी पूरे प्रकरण में सूत्रों के मुताबिक यह भी दावा किया गया है कि इबादत गाह सहित मस्जिद होने की दावेदारी को लेकर जो मामला , मुस्लिम वर्ग कोर्ट हार चुका है और जो भी राजस्व विभाग के कागजात अथवा दस्तावेज हैं , उस में कहीं भी कथित रूप से मस्जिद का कोई जिक्र भी नहीं किया गया है।  अब आने वाले दिनों में इस पूरे प्रकरण को लेकर इसका किस प्रकार से कानून के दायरे से बाहर समाधान हो सकेगा इसी बात पर सभी की नजरें टिकी हुई है।

error: Content is protected !!