हरियाणा के लिए अलग गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के बनाये जाने के उपलक्ष्य में वाहेगुरू जी का शुकराना अदा करने के लिये गुरूग्रंथ साहिब के अखण्डपाठ का किया शुभारंभ

9 अक्तूबर को अखंडपाठ के समापन अवसर पर भी मुख्यमंत्री रहेंगे उपस्थित

चंडीगढ़, 7 अक्तूबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश के लिए अलग गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के बनाये जाने के उपलक्ष्य में पंचकूला के ऐतिहासिक नाडा साहिब गुरूद्वारा में शीश नवाया और वाहेगुरू जी का शुकराना अदा करने के लियेे गुरूग्रंथ साहिब के अखण्डपाठ का शुभारंभ किया।इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिस दिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा के लिये अलग सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने के फैसले पर मुहर लगाई थी, उसी दिन उन्होंने निर्णय लिया था कि वे वाहेगुरू जी का शुकराना अदा करने के लिए अपनी ओर से गुरूग्रंथ साहिब के अखण्डपाठ का आयोजन करवाएंगे। उन्होंने कहा कि आज नाडा साहिब गुरूद्वारा में श्री गुरूग्रंथ साहिब के अखण्डपाठ का शुभारंभ हुआ है, जिसका 9 अक्तूबर को समापन होगा। इस अवसर पर वह स्वयं भी उपस्थित रहेंगे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने हरियाणा की साध संगत विशेषकर सिख समाज से अपील की है कि वे मिलजुलकर हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के माध्यम से गुरूद्वारों में लोगों की सेवा करें।

हरियाणा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के नये स्वरूप के संबंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में श्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले जो 41 सदस्यीय एडहाॅक कमेटी बनी थी, उसमें 18 महीने का समय दिया गया था। उन्होंने कहा कि अब एक्ट में इस प्रकार का प्रावधान किया जायेगा कि यदि कोर्ट के आदेशों या किसी अन्य वजह से कमेटी पूरे समय तक काम नहीं कर पाती तो नये सिरे से एडहाॅक कमेटी बनाने का अधिकार सरकार के पास रहेगा। नई एडहाॅक कमेटी का कार्यकाल उसी प्रकार 18 महीने या चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक रहेगा। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत एडहाॅक कमेटी अपना सारा कामकाज नई कमेटी को सौंप देगी।

एक प्रश्न के उत्तर में श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार  द्वारा संतो-महापुरूषों की शिक्षाओं के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिये संत महापुरूष विचार प्रसार योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संत रदिदास, संत कबीर, डाॅ. अंबेडकर व अन्य महापुरूषों की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है।

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