‘विरासत’ की लुप्त होती लोककला व हस्तकला की प्रदर्शनी ने किया आकर्षित

-कमलेश भारतीय

फ्लेमिगो पर्यटन परिसर में आज से तीन दिवसीय लोककला, हस्तकला और हरियाणवी चित्रकारी का उत्सव धूमधाम से शुरू हुआ । इसमें जहां लोककलाकार झूमते नाचते और गाते हुए आने वालों का स्वागत् करते हैं , वहीं कुरुक्षेत्र से ‘विरासत’ की ओर से डाॅ महासिंह पूनिया ने लगभग बीस स्टाल लगाये हैं तो प्रसिद्ध कलाकार डाॅ राजेश जांगड़ा ने भी अपने छात्रों व युवा कलाकारों के साथ पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई है । इस उत्सव में हर कलाकार का उत्साह देखते ही बनता है ।

डाॅ महासिंह पूनिया ने बताया कि हिसार में संभवतः पहली बार इस तरह लुप्त होती हस्तकला व लोककला का भव्य स्तर पर प्रदर्शन हुआ है । इन अठारह स्टालों में पगड़ी, गुड़िया , फुलझड़ी, वंदनवार और हस्तकला के अनेक सामान प्रदर्शित किये गये हैं जिनमें पुरानी खूबसूरत डिजाइन वाली चारपाइयां और चौकियां भी हैं । यही नहीं बीस ग्रामीण महिलाओं का दल है जो पारंपरिक वेशभूषा में भात, बन्नड़े और कार्तिक के गीत नाचतीं झूमती गाती हैं ! पर्वतारोही रीना भट्टी भी आकर्षण का केंद्र बनी रही ।

डाॅ पूनिया ने बताया कि सन् 2016 से सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में भी भागीदारी कर रहे हैं । वहां पगड़ी सर्वाधिक लोकप्रिय हुई है । सन् 2016 से पहले गुजराती और राजस्थानी संस्कृति की ही धूम थी !

डाॅ राजेश जांगड़ा ने बताया कि पेंटिग प्रदर्शनी में नये कलाकारों के बनाये चित्र भी प्रदर्शित किये गये हैं जिससे उन्हें एक सुअवसर मिला है । पर्यटन विभाग की ओर से इस उत्सव का विधिवत उद्घाटन शाम को होगा । उत्सव में डाॅ संध्या शर्मा , प्रवीण , केलापति , सतीश बलमिया आदि कलाकार भी मौजूद रहे !

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