भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम नगर निगम मेयर टीम का कार्यकाल आगामी 2 नवंबर को समाप्त होने जा रहा है। अत: आगामी चुनाव लडऩे के लिए अनेक महत्वकांक्षी नेता तैयारियों में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में गुरुग्राम में भाजपा का मुकाबला भाजपा से ही होगा। ऐसा राजनैतिक चर्चाकारों का कहना है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस गुरुग्राम में अपनी आपसी फूट के कारण जनता से कट चुकी है, जिसका प्रमाण गत दिनों हुए सोहना नगर परिषद के चुनाव में ही देखने को मिला, क्योंकि सोहना के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज हैं और फिर भी सोहना परिषद में कांग्रेस की ओर से किसी को समर्थन नहीं दिया गया।

दूसरी राजनैतिक पार्टी आप जो गुरुग्राम में अपने पांव जमाने की बात कर रही है, उसकी स्थिति भी कुछ अच्छी नजर आ नहीं रही। संगठन में  आपस में तालमेल की कमी स्पष्ट नजर आती है। ऐसा लगता है कि कुछ महत्वकांक्षी व्यक्ति जिन्हें लगता है कि किसी अन्य पार्टी से हमें टिकट नहीं मिलेगा, वह टिकट की चाह में आप में सम्मिलित हुए हैं। कुछ यह भी देखा गया है कि आप में शामिल हुए कुछ लोग निष्क्रिय नजर आने लगे हैं। फिर दूसरी बड़ी बात कि आप का संगठन भी कांग्रेस की तरह नहीं बन पा रहा है। हरियाणा में आप पार्टी को दिल्ली के नेता चला रहे हैं। अब ऐसे में कैसे माना जाए कि राजधानी दिल्ली की जनता की पसंद ही गुरुग्राम की जनता की पसंद होगी। 

इन सभी बातों को समझते हुए ही हमारा कथन है कि भाजपा का मुकाबला भाजपा से ही होगा, क्योंकि अनेक व्यक्ति ऐसे मिले हैं जिनका कहना है कि हमने चुनाव अवश्य लडऩा है चाहे भाजपा से टिकट मिले या न मिले। यह पूछने पर कि इससे आप पार्टी से निष्कासित हो जाओगे तो उनका कथन है कि हम जीत हासिल करेंगे तो पार्टी फिर अपने में मिला लेगी। भाजपा के निष्कासन का परिणाम 2017 के निगम चुनाव से देखने को मिलता है कि जो व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लडक़र जीत गए, भाजपा ने उन्हें फिर अपना लिया और इसी प्रकार जो हार गए थे, उनको भी फिर पार्टी में पद दे दिए। तो कह सकते हैं कि इन बातों से कोई फर्क नहीं पडऩे वाला।

यह सब होने के पश्चात भी भाजपाई टिकट के जुगाड़ में हैं और अपनी टिकट के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं की चापलूसी करनी आरंभ कर दी है, जिसका जिससे जहां संपर्क हुआ।

इनमें कोई मुख्यमंत्री से आशांवित है तो किसी को ओमप्रकाश धनखड़ पर विश्वास है और कुछ तो संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। और राव इंद्रजीत का नाम न लिया जाए तो शायद बात पूरी नहीं होगी। इतना ही नहीं, इसके अतिरिक्त भी भाजपाई मेयर और  पार्षद पद के लिए केंद्रीय मंत्रियों तक से संपर्क में हैं।

ऐसे में कुछ संभावित उम्मीदवार निगम के भ्रष्टाचारों को ढूंढ जनता में अपनी पैंठ बनाना चाहते हैं। गुरुग्राम में अवैध कॉलोनियों का धंधा खूब फल-फूल रहा है। हालांकि सरकार का दावा है कि हम कोई अवैध कॉलोनी नहीं बनने देंगे। वर्तमान में एक सूत्र से ज्ञात हुआ कि चकरपुर में तीन-साढ़े तीन एकड़ में एक कॉलोनी काटी जा रही है, जिसे निगम ने कुछ माह पूर्व ही झुग्गी-झोपडिय़ों से खाली कराया था। सूत्रों के अनुसार वहां की रजिस्ट्रियां भी हो रही हैं और उसमें निगम के असरदार पार्षद और मुख्यमंत्री के कृपा पात्र नेता का आशीर्वाद है।

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