-प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी केके गांधी का रहा विशेष सहयोग
-स्कूल प्राचार्या ने इस नेक कार्य के लिए जताया आभार

गुरुग्राम। जिले के गांव दौलताबाद के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों के लिए काफी समय से कुर्सियों की किल्लत थी, जिसे गुरुवार को एनसीआर मीडिया क्लब ने प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी केके गांधी के सहयोग से दूर कर दिया। विद्यालय को 20 कुर्सियां दी गई। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संजय मेहरा, इंद्रजीत, दिनेश समेत कई पत्रकार, कैमरामैन मौजूद रहे।

शिक्षा के मंदिर में सभी सुविधाएं होना जरूरी है, तभी शिक्षक भी अच्छी शिक्षा दे पाएंगे। सुविधाओं के अभाव के बीच भी अगर शिक्षक स्कूल में अपना बेहतर प्रदर्शन करता है, बच्चों की पढ़ाई को बाधित नहीं होने देता तो यह उस शिक्षक का समर्पण है। बच्चों और स्कूल के प्रति यह उनकी सकारात्मक सोच है। जिले के गांव दौलताबाद के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी सभी शिक्षक सकारात्मक सोच के साथ सभी सुविधाएं ना होने के बाद भी निष्ठा से ड्यूटी दे रहे हैं। स्कूल में शिक्षकों के लिए कुर्सियां नहीं थी। एनसीआर मीडिया क्लब को यह जानकारी मिली। क्लब के अध्यक्ष अमित नेहरा व अन्य सदस्यों ने स्कूल का सहयोग करने का बीड़ा उठाया। एनसीआर मीडिया क्लब की ओर से इस नेक कार्य में प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी केके गांधी का सहयोग लिया गया। गुरुवार को शिक्षकों के लिए 20 कुर्सियां दी गई। स्कूल में नई कुर्सियों को देखकर स्टाफ की भी खुशी का ठिकाना नहीं था।

इस अवसर स्कूल की प्राचार्या अंजू परूथी ने कहा कि स्कूल में बिना कुर्सियों के स्टाफ को बहुत दिक्कत हो रही थी। वे धन्यवादी हैं एनसीआर मीडिया क्लब और उद्योगपति केके गांधी की, जिन्होंने इस कार्य के लिए पहल की और यहां कुर्सियां दी। उन्होंने कहा कि एनसीआर मीडिया क्लब ने पत्रकारिता के साथ-साथ समाजसेवा का जो बीड़ा उठा रखा है, वह काबिले तारीफ है। प्राचार्या ने कहा कि भविष्य में भी अगर किसी चीज की जरूरत होगी तो वे क्लब से संपर्क करेंगी।
एनसीआर मीडिया क्लब के अध्यक्ष अमित नेहरा ने कहा कि क्लब पत्रकारों के हितों के साथ सामाजिक दायित्वों की भी पूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि हम सब एक समाज से जुड़े हैं। एक-दूसरे के सहयोग से ही कार्य पूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि दान देने की परम्परा हमारी संस्कृति से जुड़े हैं। पहले लोग कुएं खुदवाते थे, बावड़ी, धर्मशालाएं बनवाते थे। चाहे इंसान को या पशु, सभी की चिंता होती थी। ऐसा सब-कुछ आज भी है, लेकिन अपने स्वार्थवश कुछ चीजों का दुरुपयोग होने लगा है। उन्होंने कहा कि अच्छी सोच के साथ काम करें। स्वयंसेवी संस्थाओं को यह जिम्मेदारी उठानी चाहिए। गांव, कस्बा, कालोनी आदि में रहने वाले लोग ऐसी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करके अपने क्षेत्र के शिक्षा के मंदिरों में सुधार करवा सकते हैं। वहां हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित है। अमित नेहरा ने इस योगदान के लिए केके गांधी व सभी सदस्यों का आभार जताया है। दौलताबाद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सभी स्टाफ सदस्यों ने इस नेक कार्य के लिए उद्योगपति केके गांधी समेत सभी का आभार जताया।

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