· भाजपा ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो दे दिया, लेकिन माता-पिता पूछ रहे हैं कि वो बेटियों को पढ़ाएं कहां, क्योंकि सरकार तो स्कूल बंद कर रही है – दीपेंद्र हुड्डा
· मौजूदा सरकार न केवल शिक्षा की दुश्मन है, बल्कि गरीबों की भी दुश्मन है – दीपेंद्र हुड्डा
· बीजेपी सरकार शिक्षा को प्राईवेट हाथों में देना चाहती है जिससे शिक्षा गरीब की पहुंच से बाहर हो जाए – दीपेंद्र हुड्डा
· सरकार द्वारा ताज़ा बंद किए 105 स्कूलों में 61 हुड्डा सरकार के समय खोले गये थे- दीपेंद्र हुड्डा
· प्रदेश के स्कूलों पर ताले लगाने की बजाय सरकार अध्यापकों के खाली पड़े पदों पर नियमित भर्ती करे- दीपेंद्र हुड्डा
· सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा नेत्री स्व. सोनाली फोगाट के गाँव ढंढूर पहुँचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार से मिलकर शोक प्रकट किया

हिसार, 13 सितम्बर। मनमोहन शर्मा

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज आदमपुर हलके में राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला-खैरमपुर, राजकीय उच्च विद्यालय-गांव मोहब्बतपुर ढाणी, राजकीय हाईस्कूल-गांव चूली कलां और राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला-गांव चूली बागड़ियान में चल रहे विभिन्न धरनों पर पहुंचकर छात्र-छात्राओं व धरनारत ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो दे दिया, लेकिन बेटियों के माता-पिता पूछ रहे हैं कि वो बेटियों को पढ़ाएं कहां क्योंकि सरकार तो स्कूल बंद करती जा रही है। ये सरकार गरीब विरोधी है, वो नहीं चाहती कि गरीबों के बच्चे शिक्षित हों। प्रदेश में जगह-जगह सरकारी स्कूल बंद करने, शिक्षकों की पोस्ट ख़त्म करने और तबादला नीति के विरोध में धरने चल रहे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा ताज़ा बंद किए 105 स्कूलों में 61 हुड्डा सरकार के समय खोले गये थे। दीपेंद्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार प्रदेश के स्कूलों पर ताले लगाने की बजाय सरकार उनमें अध्यापकों के खाली पड़े पदों पर नियमित भर्ती करे। उन्होंने धरने पर बैठे ग्रामीणों और विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कलम से इन स्कूलों को दोबारा खोलेंगे और जितनी जरुरत होगी पूरा स्टाफ व अध्यापक देंगे। आज आदमपुर दौरे के दौरान सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा नेत्री स्व. सोनाली फोगाट के पैतृक गाँव ढंढूर पहुँचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार से मिलकर शोक प्रकट किया।

स्कूलों के बाहर धरनारत लोगों को संबोधित करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश में बेटियों-बेटों को अपनी शिक्षा के लिये धरना देना पड़ रहा है, इससे ज्यादा दुःख की बात नहीं हो सकती। हरियाणा में किसान, जवान, कर्मचारी, व्यापारी समेत हर वर्ग को इस सरकार ने सड़क पर लाकर धरना-प्रदर्शन को मजबूर कर दिया है। सरकार तुरंत स्कूलों में टीचर और अन्य स्टाफ भेजे। उन्होंने यह भी कहा कि जब संसद का आगामी सत्र शुरु होगा तो प्रदेश की एक-एक छात्रा की आवाज़ देश की सबसे बड़ी पंचायत में रखकर वो पूरे देश के सामने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को शर्मसार करने का काम करेंगे।

उन्होंने आगे बताया कि हुड्डा सरकार के समय 2004 से 2014 तक कुल 2332 नये स्कूल (अपग्रेड$नये बने) स्थापित किए थे। अकेले शिक्षा से जुड़े महकमे में एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई। हर सरकार में स्कूल बढ़े। लेकिन बीजेपी सरकार ने बीते 8 वर्षों मे 301 सरकारी स्कूलो को पूर्ण रूप से व 4800 स्कूलों को मर्ज करने के नाम पर बंद कर दिया। इस सरकार ने हजारों स्कूलों को मर्ज कर टीचर्स के 38,476 खाली पड़े पदों में से लगभग 25,000 को बिना किसी भर्ती के ही खत्म कर दिया। बीजेपी सरकार सरकारी क्षेत्र से रोजगार खत्म कर प्राईवेटाइजेशन करने की राह पर चल रही है। शिक्षा क्षेत्र में चिराग योजना और रेशनलाईजेशन पॉलिसी के तहत सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है। इसमें सबसे बड़ा नुकसान गरीब परिवारों, ग्रामीण आंचल में रहने वाले छात्र-छात्राओं को होगा। पिछले साढ़े 8 साल में हरियाणा में एक भी सरकारी शिक्षक की भर्ती नहीं की गयी। यह प्रदेश की इकलौती ऐसी सरकार है जिसका सारा जोर स्कूलों को बंद करने पर है। अगर इसी गति से प्रदेश में स्कूल बंद होते रहे तो आने वाले समय में दूर-दूर तक ढूंढने पर भी सरकारी स्कूल नहीं मिलेगा।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इस सरकार का मकसद शिक्षा की बजाय नशे को बढ़ावा देना है। इस सरकार ने 8 साल में मात्र 8 स्कूल खोले। सरकार की शिक्षा विरोधी नीति के कारण गांव के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक तक नहीं है। कन्या पाठशाला खैरमपुर में 126 छात्राओं पर केवल 2 शिक्षक हैं, वहीं 163 बच्चों वाले ढाणी मोहब्बतपुर के स्कूल में 8 अध्यापकों में से 6 के तबादले कर दिए। गांव चूली कलां में 10 में से 7 अध्यापकों का तबादला कर दिया गया है और यही हाल पूरे प्रदेश में बना दिया गया है। सरकार कहीं बच्चों की संख्या कम बताकर, तो कहीं अध्यापकों की संख्या घटाकर स्कूलों को खत्म करने में लगी हुई है।

उन्होंने कहा कि नए स्कूल स्थापित करने, स्कूलों को अपग्रेड करने और शिक्षा महकमे में नौकरियां देने के मामले में मौजूदा सरकार कांग्रेस के सामने कहीं नहीं टिकती। दीपेंद्र हुड्डा ने याद दिलाया कि हुड्डा सरकार ने प्रदेश को शिक्षा का हब बनाने के लिए आरोही, संस्कृति मॉडल, किसान मॉडल समेत सैंकड़ों स्कूलों की स्थापना की। साथ ही प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय, डिफेंस यूनिवर्सिटी समेत 15 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए। कांग्रेस सरकार के दौरान ही प्रदेश में 5 नये मेडिकल कॉलेज, 12 नये राजकीय विश्वविद्यालय, 22 निजी विश्वविद्यालय, कुल 34 नये विश्वविद्यालय, 45 राजकीय महाविद्यालय, 503 तकनीकी संस्थान, 140 नयी सरकारी आईटीआई की स्थापना की गई। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सिटी का निर्माण भी कांग्रेस कार्यकाल में हुआ।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुभाष गोयत, पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, पूर्व विधायक रामभगत शर्मा, पूर्व विधायक कुलबीर बेनीवाल, गौरव संपत सिंह, तेलूराम जांगड़ा, हनुमान वर्मा, धर्मबीर गोयत, पूर्व चेयरमैन सुखबीर डूडी, जस्सी पेटवाड़, भूपेंद्र कासनिया, करण सिंह, छत्रपाल सोनी, अनिल मान, तेजबीर समेत स्थानीय ग्रामीण व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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