पटौदी के पत्रकार एक घंटा तक सांकेतिक धरने पर शांति से बैठे
शनिवार को कवरेज के दौरान हाथापाई कर मोबाइल फोन छीने
दबंगई करने वाले पैरामेडिकल व आउट सोर्स स्टाफ की हरकतें  
पत्रकारों की मांग सरकार और स्वास्थ्य विभाग जल्द जांच करें
एसएमओ ने कहा कि ऐसे यहां बैठेने से संस्थान की बदनामी

फतह सिंह उजाला

पटौदी।  शनिवार को पटोदी नागरिक अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान पैरामेडिकल स्टाफ तथा आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा ऑपरेशन थिएटर में घुसकर डॉक्टरों को धमकाने तथा अन्य व्यवधान डालने की सूचना पर कवरेज करने के लिए पहुंचे पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की हाथापाई करने और साक्ष्य मिटाने के लिए मोबाइल फोन छीने जाने की घटना कि जल्द से जल्द जांच आरंभ किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को सांकेतिक धरना दिया गया।  इस दौरान अस्पताल परिसर में पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्षद विनोद शर्मा की नजर जब पत्रकारो के द्वारा गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्वक सांकेतिक धरने पर पहुंची, तो उन्होंने भी पत्रकारों के साथ ही बैठकर मामले की जानकारी प्राप्त की ।

पत्रकारों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग को समय रहते अपने इस सांकेतिक धरने के विषय में सूचना भेज दी गई थी । गुरुवार को पटोदी नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर गुरिंदर सिंह को इस विषय में जानकारी मिली तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सरकारी संस्थान परिसर में इस प्रकार बैठने से सरकारी संस्थान की बदनामी होते हुए छवि भी खराब होती है । इस पर उन्हें अवगत कराया गया कि सांकेतिक धरने के विषय में स्वास्थ विभाग और सरकार के अन्य खुफिया विभाग तंत्र को पहले से ही सूचित किया हुआ है । पत्रकार का पूरी तरह शांति के अपना सांकेतिक धरना कुछ समय के लिए ही है , लंबे समय तक धरने पर बैठने का कोई कार्यक्रम नहीं है। क्योंकि पत्रकारों को फील्ड में जाकर समाचार कलेक्ट कर अपना काम भी करना है।

इसके बाद एसएसओ डॉक्टर गुरिंदर अस्पताल में लौट गए तथा कुछ देर के बाद फिर पहुंचकर पत्रकारों से कहा कि उनके इस सांकेतिक धरने के विषय में सीएमओ साहब को अवगत करवा दिया गया है । जो कुछ भी मांग या अस्पताल परिसर में पैरामेडिकल स्टाफ और आउटसोर्स कर्मचारियों के द्वारा हंगामा किया गया, उसकी जांच स्वास्थ्य विभाग की हाई लेवल कमेटी के द्वारा की जा रही है । इसी दौरान मौका पर स्थानीय पुलिस भी बुला ली गई , उस समय पत्रकार पूरी करें शांति से बैठे हुए थे । न किसी मरीज को रोका गया और न ही किसी प्रकार से सरकारी कार्य में बाधा डाली गई । पत्रकारों ने स्वयं ही अपने इस कार्यक्रम के विषय में सरकार के खुफिया तंत्र को जानकारी सांकेतिक धरने के दौरान ही उपलब्ध करवा दी गई।

इस पूरे प्रकरण में पत्रकारों की मांग है कि हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, होम एवं हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज तथा चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ संबंधित अधिकारी, अस्पताल परिसर में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान जिस प्रकार की बाधा डॉक्टर के कार्य में डाली तथा पत्रकारों को कवरेज करने के दौरान साक्ष्य मिटाने के लिए हाथापाई मारपीट करते हुए मोबाइल छीने गए। उसकी जल्द से जल्द जांच आरंभ करवाई जाए ।

इसी सिलसिले में पटौदी नागरिक अस्पताल के ही एक डॉक्टर के द्वारा जो कि पहले से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पत्रकारों के विषय में तथा पटौदी के एमएलए और पटौदी के ही सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के विषय में बेहद अशोभनीय भाषा में कमेंट करता चला आ रहा है । इस डॉक्टर की हरकतें गुरुवार को पत्रकारों के शांतिपूर्वक सांकेतिक धरने के बाद भी बंद नहीं हुई । संबंधित डॉक्टर जो कि अपने आप को पटौदी नागरिक अस्पताल में फिजियोथैरेपिस्ट बताता है, उसके द्वारा जो कुछ भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणियां की गई , वह भी यहां सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव, पटौदी के एमएलए सत्य प्रकाश जरावता, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के होम एवं हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज तथा गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव सहित चंडीगढ़ और पंचकूला में बैठे एसीएस हेल्थ अधिकारियों के ध्यानार्थ ज्यों की त्यों प्रकाशन की जा रही हैं। अब ऐसे में जो कुछ भी फैसला करना है व हरियाणा सरकार, संबंधित विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों को ही करना है । एक सरकारी कर्मचारी जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि एमएलए के लिए भी अभद्र टिप्पणियां करने से नहीं चूक रहा । तो ऐसे में यह बात कहने से कतई भी गुरेज नहीं की स्वास्थ्य विभाग के इस प्रकार के कर्मचारी हरियाणा सरकार की छवि और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को पूरी तरह से ध्वस्त करने में हीं अपना सारा ध्यान लगाए हुए हैं।

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