मरीजों को देखने से अधिक सोशल मीडिया पर हुए अधिक एक्टिव
मान्यता प्राप्त पत्रकारों को फर्जी पत्रकार, झोलाछाप, धंधेबाज कहा
दिमागी-मानसिक प्रताड़ित कर सार्वजनिक रूप से किया अपमानित

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 सितंबर माह के आरंभ होते ही पटौदी मंडी नगर परिषद का पटौदी नागरिक अस्पताल यहां के निवर्तमान सीनियर मेडिकल ऑफिसर की कथित कार्यप्रणाली और मनमानी को लेकर सुर्खियां बनता चला जा रहा है । इसी बीच में बीते शुक्रवार को और शनिवार को पटौदी नागरिक अस्पताल में जो कुछ भी घटना घटित हुई, वह भी प्रमुखता से मीडिया में सुर्खियां बनी ।

इसके बाद सोमवार को सीएमओ गुरुग्राम डॉ वीरेंद्र यादव सरप्राइज विजिट पर पटौदी नागरिक अस्पताल में पहुंचे । यहां उन्होंने अस्पताल मैं पहुंच कर पूरे हालात सहित ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ के विषय में जानकारी एकत्रित की। बताया गया है कि इसी दौरान उन्होंने अस्पताल में मौजूद विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ में बैठकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए रोगियों और पीड़ितों को हो रही परेशानी को ध्यान में रख कुछ आवश्यक  दिशा निर्देश भी दिए। हालांकि इस दौरान शुक्रवार और शनिवार को बेहद गंभीर तथा संवेदनशील घटना को लेकर पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से भी बचते दिखाई दिए।

लेकिन सोमवार को सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव की विजिट के साइड इफेक्ट भी निकल आ रहे है। पटौदी नागरिक अस्पताल में ही कार्यरत डॉक्टर अपने काम को छोड़ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर , फेसबुक पर कुछ अधिक ही अचानक से सक्रिय हो गए हैं । यह बात कहने में कोई गुरेज नहीं की जिस प्रकार से पटौदी नागरिक अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा सोशल मीडिया पर, फेसबुक पर पोस्ट पर पोस्ट पत्रकारों को टारगेट कर पोस्ट की जा रही है , उस अनुपात में शायद मरीजों को भी नहीं देखा होगा ? तेजी और चपलता के साथ पटौदी नागरिक अस्पताल के डॉक्टर अचानक फेसबुक ,सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय हुए, उसे देखते हुए कथित रूप से लगता है कि कहीं सोशल मीडिया फोबिया तो नहीं हो गया या फिर बैठक के बाद सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव  से सोशल मीडिया पर एक्टिव होने की विशेष अनुमति प्राप्त कर ली गई है ?

ऐसे में यह भी गंभीर जांच का विषय बन गया है कि जिस गिनती-तेजी के साथ में सोशल मीडिया प्लेटफार्म , फेसबुक पर संबंधित डॉक्टर के द्वारा पत्रकारों को टारगेट कर पोस्ट पर पोस्ट डाली गई , कमेंट किए गए । वह सब कथित रूप से अस्पताल परिसर में ही ड्यूटी समय के दौरान ही किया गया । इस बात की भी जिला के सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव को जांच के बिना देरी किए निर्देश दे देने चाहिए। शुक्रवार और शनिवार को जो कुछ भी पटौदी नागरिक अस्पताल में घटित हुआ यह मामला मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद संबंधित डॉक्टर कुछ अधिक ही एक्टिव हुए दिखाई दे रहे हैं ।

संबंधित डॉ महोदय के द्वारा पत्रकारों को फर्जी पत्रकार, झोलाछाप पत्रकार और यहां तक की धंधेबाज पत्रकार कहकर और लिख कर सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर मानसिक और दिमागी रूप से प्रताड़ित करते हुए सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ भी खिलवाड़ किया गया है । जबकि ऐसा संबंधित डॉक्टर के पास लिखा जाने के संबंध में कोई भी प्रमाणिक दस्तावेज है तो वह भी पोस्ट करना चाहिये। सोशल मीडिया फोबिया की चपेट में आए डॉ महोदय को यह नहीं मालूम कि जिन पत्रकारों के विषय में इनके द्वारा जी भर कर अभद्र भाषा और संसदीय शब्दावली और फर्जी, झोलाछाप, धंधेबाज बताया गया , वह पत्रकार हरियाणा सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार भी रहे हैं । लगभग बीते तीन दशक से पत्रकारिता जगत में सक्रिय रहते हुए देश के बड़े राष्ट्रीय समाचार पत्रों में काम करते हुए पत्रकारिता की गरिमा को कायम रखे हुए हैं ।

जिस प्रकार से पत्रकारों के लिए व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक रूप से दिमागी और मानसिक प्रताड़ना वाली शब्दावली का इस्तेमाल कर सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ गया है।  पत्रकारों के द्वारा संबंधित डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच किया जाने के लिए जिला के सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव, हरियाणा के हेल्थ एवं होम मिनिस्टर अनिल विज, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, जिला गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव और पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को स्वयं संज्ञान लेकर कोई ना कोई एक्शन अवश्य लिया जाना चाहिए । वही पत्रकारों के द्वारा अनुरोध भी किया गया है कि जिस प्रकार से संबंधित डॉक्टर के द्वारा पत्रकारों को दिमागी और मानसिक प्रताड़ना देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बदनाम किया गया, इसकी भी जांच जनहित में बहुत जरूरी है।

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