सीएमओ डॉ योगेंद्र सिंह अपनी जवाबदेही से कब तक बचते रहेगे
ऑपरेशन टेबल पर सिजेरियन प्रसूता छोड़ गायब हुआ नर्सिंग स्टाफ
इन हालात में जच्चा और बच्चा दोनों की जान को बन गया खतरा
तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी सूझबूझ-सयंम से ऑपरेशन किया पूरा
मरीज को बेहोश करने वाले विशेषज्ञ डॉ को जान से मारने की धमकी
डॉ सुमित के द्वारा पटौदी पुलिस चौकी में दी गई लिखित शिकायत

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी अस्पताल का मुद्दा जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीएमओ डा बिरेंद्र सिंह,  हरियाणा के सेहत मंत्री अनिल विज, गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव, पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता सहित अन्य संबंधित चिकित्सा अधिकारियों और हरियाणा सरकार के लिए गंभीर चुनौती बन, रोगियों और पीड़ितों के हित में जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं ।

शनिवार को जिस समय पटौदी नागरिक अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन किए जा रहे थे और प्रसूता ऑपरेशन टेबल पर थी । उसी दौरान अचानक ऑपरेशन करने वाले एनेस्थिया विशेषज्ञ डॉक्टर को नर्सिंग स्टाफ ने टका सा जवाब दे दिया की नर्सिंग स्टाफ स्ट्राइक पर है, इसके बाद ऑपरेशन थिएटर से निकल गई। जानकारी के मुताबिक सिजेरियन ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर में गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर ज्योति डबास, बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरबीर सिंह और मरीज को बेहोश करने वाले एनेस्थिया विशेषज्ञ डॉक्टर सुमित मल्होत्रा ऑपरेशन की प्रक्रिया को जारी रखे हुए थे। इस पूरे प्रकरण को लेकर पटौदी पुलिस चौकी में डॉ सुमित मल्होत्रा जो कि अपनी सेवाएं सिजेरियन ऑपरेशन के लिए बतौर एनेस्थिया विशेषज्ञ बीते करीब 2 महीने से पटौदी सिविल अस्पताल में उपलब्ध करवा रहे हैं, उनके द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक सिजेरियन ऑपरेशन की प्रक्रिया को बीच में ही नर्सिंग स्टाफ सुनील, कांट्रैक्ट बेस पर कार्यरत संजय और सुनीता यह कहते हुए ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकल गए कि हम सभी हड़ताल पर हैं ।

अब ऐसे में लाख टके का सवाल यही है कि जब मरीज को ऑपरेशन टेबल पर ऑपरेशन की प्रक्रिया के बीच में ही छोड़कर हड़ताल का हवाला देते हुए बाहर निकलने वाले इन स्वास्थ्य कर्मियों ने अन्य आउट सोर्स कर्मचारियों को बुलाकर क्यों और किसके इशारे पर हंगामा करते हुए ऑपरेशन थिएटर में घुसकर व्यवधान डाला ? क्या इन लोगों के द्वारा पटौदी के एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह, गुरुग्राम के सीएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह या अन्य संबंधित शासन-प्रशासन के अधिकारी को पहले से अपनी हड़ताल के विषय में नोटिस किया था या फिर सुनियोजित तरीके से कथित रूप से किसी अन्य चिकित्सा अधिकारी के कहने पर ऑपरेशन टेबल पर मरीज को बीच में छोड़कर अपनी हड़ताल की बात कहकर ऑपरेशन थिएटर से गायब हो गए ।

इस विषय में पटौदी शहर पुलिस चौकी में दी गई शिकायत के मुताबिक डॉ सुमित मल्होत्रा के द्वारा कहां गया है कि वह बीते दो-तीन महीने से पटौदी सिविल अस्पताल में एनेस्थिया विशेषज्ञ सर्विस के लिए आते हैं , अभी तक लगभग 2 दर्जन से अधिक ऑपरेशन उनके सहयोग से यहां पर किए जा चुके हैं । शनिवार को सुबह 7.18 बजे पटौदी अस्पताल की गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर ज्योति डबास के अनुरोध पर वह प्रसूता का सिजेरियन ऑपरेशन कराने के लिए पहुंचे । यहां पर जब नर्सिंग स्टाफ सुनील से आवश्यक सेफ्टी किट मांगी गई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया । इसी दौरान डॉ ज्योति डबास ने बताया कि नवजात की दिल की धड़कन कम हो रही है, कृपया करके जल्दी से जल्दी आवश्यक मेडिसन दी जाए । ऐसे में सीजेरियन ऑपरेशन के दौरान होने वाली इमरजेंसी में दवाइयों के विषय में पूछा गया तो नर्सिंग स्टाफ ने टका सा जवाब दिया , दवाइयां नहीं है ।

इसके बाद डॉक्टर सुमित मल्होत्रा ने अपनी कार से इमरजेंसी मेडिसन मंगवाई , क्योंकि यहां पर जच्चा और नवजात शिशु दोनों की जान बचाना बहुत जरूरी था । ऐसे में जब ऑपरेशन थिएटर से नर्सिंग स्टाफ सुनील, एनएचएम के संजय और सुनीता फरार हो गए । तो मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर सुमित मल्होत्रा ने ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन मनोज जोकि जमालपुर के ही रहने वाले हैं, उनको सारे हालात के विषय में जानकारी देते हुए बिना देरी किए पाटोदी ऑपरेशन थिएटर में पहुंचने और प्रसूता सहित नवजात की जान बचाने में मदद करने के लिए अनुरोध किया । इसके बाद में 5 या 7 मिनट में ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन मनोज पटौदी सिविल अस्पताल ऑपरेशन थिएटर में पहुंच गए, उस समय ऑपरेशन थिएटर में पहले से मौजूद तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा बुलाए गए ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन मनोज ही मौजूद थे । बाकी सभी पैरामेडिकल और अन्य नर्सिंग स्टाफ ऑपरेशन थिएटर के बाहर हंगामा करते रहे ।

सूत्रों के मुताबिक कथित रूप से ऑपरेशन थिएटर में ही एनएचएम कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कार्यरत संजय ने डॉक्टर सुमित मल्होत्रा के साथ में हाथापाई भी की। इसके साथ ही सुनीता भी ऑपरेशन थिएटर से फरार हो गई और आरोप के मुताबिक इन सभी ने आउट सोर्स के कार्यरत नर्सिंग स्टाफ को बुलाकर ऑपरेशन थिएटर सहित ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमकर हंगामा किया । इतने तनावपूर्ण हालात को खेलते हुए बहुत ही संयम के साथ ऑपरेशन को पूरा किया गया । यह सारा कार्य एक डॉक्टर की नैतिक जिम्मेदारी को निभाते हुए माननीय दृष्टिकोण को प्राथमिकता देकर किया गया। थोड़ी सी भी लापरवाही या फिर हंगामा करने वालों के कारण प्रसूता सहित नवजात की जान भी जा सकती थी , फिर भी बिना हिम्मत हारे बहुत ही संयम के साथ सिजेरियन ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया । जिसकी वजह से प्रसूता और नवजात शिशु की जान बचाई जा सकी ।

पुलिस में दी गई शिकायत में कहा गया है कि इस प्रकार का व्यवधान डालने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाए । इसी प्रकरण में सुमित मल्होत्रा के द्वारा पुलिस को लिखित में दिया गया है कि ऑपरेशन करने के बाद डायल 112 पर फोन कर उन्होंने पुलिस की मदद मांगी और पटौदी क्षेत्र सीमा से पुलिस सुरक्षा के बीच बाहर पहुंचे । पुलिस को दी गई शिकायत में डॉ सुमित मल्होत्रा के द्वारा साफ साफ कहा गया है कि सिजेरियन ऑपरेशन करने के दौरान उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है, जिस प्रकार से हंगामा करते हुए धमकियां दी गई है इन बातों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता । क्योंकि वह पटौदी सिविल अस्पताल में नियमित रूप से सिजेरियन ऑपरेशन के वास्ते अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं ।

गुरुवार को लिखी हड़ताल की पटकथा
इस पूरे घटनाक्रम में सूत्रों से जो जानकारी उपलब्ध हुई है, उसके मुताबिक गुरुवार को पटौदी सिविल अस्पताल में ही शुक्रवार को हड़ताल की पटकथा लिखी गई। इससे पहले एक चिकित्सा अधिकारी के कक्ष अथवा ऑफिस में लगभग 2 घंटे तक उनके बेहद विश्वसनीय और करीबी पैरामेडिकल तथा आउटसोर्स कर्मचारियों की बैठक में फुलप्रूफ रणनीति बनाई गई । यही कारण रहा कि शुक्रवार को पैरामेडिकल स्टाफ और आउट सोर्स के नर्सिंग स्टाफ अस्पताल परिसर के बाहर साढ़े 4 घंटे तक हड़ताल कर धरना पर बैठे रहे । सूत्रों का दावा है कि जितना जल्दी संभव हो सके पटौदी सिविल अस्पताल की सभी सीसीटीवी फुटेज को गुरुग्राम जिला के डीसी और पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता दखल देकर इसको पूरी तरह से सुरक्षित रखवाने की पहल करें । इस बात से इंकार नहीं की इस प्रायोजित हड़ताल का भेद खुलने के देखते हुए कहीं सीसीटीवी फुटेज की डीवीआर ही गायब ना करवा दी जाए।

कारण बताओ नोटिस जारी किया या नहीं
दूसरी ओर लाख टके का सवाल यह भी है कि पटौदी नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह के द्वारा क्या अभी तक हड़ताल करने वाले कर्मचारियों में से किसी भी एक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है या नहीं किया गया। तब कि कथित रूप से 15-20 मिनट की देरी होने पर डा योगेंद्र अपसेंट लगा देते है। कथित रूप से वहीं शुक्रवार को एटेंडेंस लगाने के बाद ही अधिकाश पैरा मेडिकल व आउस सोर्स नर्सिंग स्टाफ के द्वारा हड़ताल कर धरना दिया गया। यदि नोटिस जारी नहीं किया गया है तो ऐसे में डॉक्टर योगेंद्र यादव को ही इसका स्पष्टीकरण भी बिना देरी किए डीसी निशांत कुमार, सीएमओ डॉ वीरेंद्र सिंह सहित एसीएस हेल्थ और पटौदी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को देना ही होगा।

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