शिक्षक ही बदल सकते हैं – देश की दिशा और दशा
शिक्षक दिवस के उपलक्ष में हुआ विशेष कार्यक्रम
ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन

4 सितंबर 2022, गुरुग्राम – शिक्षक देश के भविष्य के निर्माता हैं। शिक्षक एक ऐसी आधारशिला हैं, जो देश की दिशा और दशा बदल सकते हैं। सामाजिक परिवर्तन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उक्त विचार ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में “राष्ट्र का भविष्य – मेरी जिम्मेवारी” विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अनगढ़ पत्थर को बेहतर रूप से तराशने का कार्य एक शिक्षक ही कर सकता है। शिक्षा में मूल्यों के समावेश से ही सामाजिक बदलाव संभव है। मात-पिता के बाद शिक्षक ही बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई शिक्षक उसका आदर्श रहा है। इसलिए देश की उन्नति में शिक्षकों की बहुत बड़ी जिम्मेवारी है। शिक्षक केवल शिक्षा ही प्रदान नहीं करते बल्कि उनके जीवन से भी छात्र प्रेरणा लेते हैं। शिक्षा के साथ आध्यात्मिक ज्ञान बहुत जरूरी है।

कार्यक्रम में ओआरसी की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सुनैना ने राजयोग का अभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि योग से ही संस्कार परिवर्तन की शक्ति आती है। योग मनोबल को बढ़ाता है। संकल्पों में दृढ़ता लाता है।

कार्यक्रम के शुरुआत में सभी को ओआरसी की सेवाओं पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। संस्था द्वारा चलाए जा रहे करुणा और दया अभियान के तहत सभी से संकल्प पत्र भी भरवाए गए। एक दूसरे के प्रति स्नेह और सम्मान की भावना कैसे पैदा हो? इसके लिए बीके मोनिका ने एक्टिविटीज द्वारा भी समझाया। कार्यक्रम का संचालन बीके ईशु ने किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में शिक्षकों ने शिरकत की।

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