सोहना बाबू सिंगला 

सोहना में सफाई व्यवस्था पूर्ण रूप से फेल होकर रह गई है। जगह जगह गन्दी के ढेर भयंकर बीमारी को आमंत्रित कर रहे हैं। सफाई कर्मचारी कार्य करने की बजाय मटरगस्ती में लगे रहते हैं। वहीं ऐसा होने से विभाग की कार्य प्रणाली की पोल खुलने लगी है। अधिकारीगण भी सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने की बजाय आफिस में जमे रहते हैं। लोगों ने सफाई कार्य दुरुस्त न होने पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

एक ओर जहाँ सरकार सफाई को लेकर गंभीर है तथा सफाई को लेकर लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर सोहना कस्बे में सफाई जीरो है। नगरपरिषद विभाग सफाई व्यवस्था पर प्रति माह करीब 50 लाख रुपये की राशि खर्च कर रहा है परंतु फिर भी कस्बे के बाजारों, गलियों, मोहल्लों में गन्दगी के ढेर लगे पड़े हैं जिनपर हर समय मच्छर व मक्खियाँ मंडराते रहते हैं। जिससे इस भीषण गर्मी में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। नागरिक सफाई को नियमित व दुरुस्त करने के लिए कई बार अधिकारियों को भी शिकायत कर चुके हैं किंतु फिर भी उनके सिर पर आजतक भी जूं नहीं रेंगी है। 

185 कर्मचारी संभाल रहे जिम्मा

सोहना नगरपरिषद विभाग में सफाई का जिम्मा 185 कर्मचारियों पर है। इसके अलावा डोर टू डोर योजना भी शुरू की हुई है। विभाग सफाई व्यवस्था पर करीब 50 लाख रुपये प्रति माह खर्च कर रहा है। 

नालियां गन्दगी से अटी पड़ी

कस्बे में नाले व नालियाँ गन्दगी से अटी पड़ी हुई है। जिनमें गन्दगी भरी पड़ी है। परिषद लाखों रुपये नालों की सफाई पर भी खर्च कर चुकी है। फिर भी गन्दगी बरकरार है।

क्या कहते हैं नागरिक

सोहना के जागरूक नागरिक सर्राफा यूनियन पूर्व प्रधान अशोक गर्ग, व्यापारी अनुज गुप्ता, एडवोकेट अनुराग जिंदल, एडवोकेट मनोज गोयल, राजू, नवीन गोयल, चंद्र मोंगिया आदि ने आरोप लगाते हुए कहा है कि परिषद सभी टैक्सों को वसूलती है परंतु सुविधाएं देने में असमर्थ है। उन्होंने सफाई व्यवस्था दुरूस्त न कराने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

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