-उद्योगपतियों की तरह किसानों के नुकसान की भरपाई पर बने ठोस कानून : डॉ. महेन्द्र सिंह मलिक
-‘एग्रीकल्चर मार्केटिंग एंड प्रस्पैक्टिव प्लानिंग’ विषय पर सेमीनार आयोजित

चंडीगढ़ 27 अगस्त – किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा जाट सभा चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में आज यहां जाट भवन सेक्टर 27 चंडीगढ़ में ‘एग्रीकल्चर मार्केटिंग एंड प्रस्पैक्टिव प्लानिंग’ विषय पर सेमीनार आयोजित किया। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने शिरकत की जबकि सेमिनार की अध्यक्षता जाट सभा चंडीगढ़ के अध्यक्ष हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. महेन्द्र सिंह मलिक ने की।

सेमीनार में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा की पुरानी परम्परा के तहत खेती अब घाटे का सौदा बन गईं है, कृषि में अधिक पैदवार और मुनाफा कमाने के लिए नई टेक्नोलोजी के तहत किसानों द्वारा अपने आप को समृद्ध बनाने की जरूरत ह। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती की वकालत करते हुए कहा कि इसके लिए किसानों को जागरूक करने के लिए सरकार को सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर ऐसे सेमिनार गांव या ब्लॉक सत्र पर आयोजित करने चाहिए ताकि जागरूकता बढ़े। उन्होंने कहा कि इससे कृषि विशेषज्ञों द्वारा जो जानकारी दी जाएगी उसका लाभ सीधे तौर पर किसानों को मिलेगा। उन्होंने बेबाकी से कहा कि कोई भी सरकार अभी तक कृषि को बढ़ावा देने के लिए ठोस नीति बनाने में सफल नही हुई है।

चौधरी सिंह ने किसानों से भी आह्वïान किया कि वे कृषि विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करके अपनी भूमि की जांच करवाएं और उसी के हिसाब से फल, सब्जी या फूलों की खेती करें ताकि वे अपनी फसल से और अधिक मुनाफा ले सकेें।

सेमीनार की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ महेन्द्र सिंह मलिक ने केंद्र व राज्य सरकारों से मांग की कि जिस प्रकार उद्योगपतियों के करोड़ों रूपये का कर्जा माफ किया गया है उसी तर्ज पर किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए भी नीति बनाई जानी चाहिए ए इससे किसान की दशा और दिशा में सुधार आ सकता है। उन्होंने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एमएसपी पर भी कानून बनाने की मांग की। उन्होंने जमीन को लेकर किसानों के बीच होने वाले बेवजह के झगड़ों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट से निपटाना चाहिए ताकि किसान का समय व पैसा दोनों बच सकें।

इस अवसर पर पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव श्री रमेश इंद्र सिंह,पूर्व जस्टिस प्रीतम पाल, प्रो.रणजीत सिंह घूम्मन, कृषि योद्घा अवार्डी श्री देवेन्द्र शर्मा, डॉ. परस राम, प्रो. हरबन्स सिंह ने भी कृषि विषय पर अपने विचार रखे।