केवल अध्यापकों के पदों का ही रेशनलाइजेशन नहीं कर रही सरकार, बल्कि स्कूलों का भी रेशनलाइजेशन करके पद और स्कूल दोनों को खत्म करने का षड्यन्त्र रच रही है बीजेपी 20/8/2022 :- ‘नई शिक्षा नीति की आड़ में अव्यावहारिक रेशनलाइजेशन व ट्रांसफर ड्राइव में पोस्ट कैप्ट करके शिक्षा विभाग को बंद करने, ग़रीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने और शिक्षित युवाओं को बेरोजगार रखने की साजिश रच रही है हरियाणा सरकार।’ उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही, उन्होनें कहा कि तबादले तो सिर्फ एक बहाना है, इनका असली मकसद तो धीरे धीरे स्कूल बंद करना है, क्योंकि बाड़ ही खेत को खा जाने वाली इनकी नीतियां ही सार्वजनिक शिक्षा को बर्बाद करने वाली हैं। महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि सरकार स्कूलों को मर्ज करने की वजह अध्यापकों की कमी को पूरा करना बता रही है, जो की एक अनपढ़ों वाला कुतर्क है, जबकी अध्यापको की कमी पूरी करने के लिए स्कूलों को बन्द नही बल्कि स्थायी भर्ती करनी चाहिए सरकार को। वर्मा ने कहा कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी खोलते तो बहुत सी सरकारें देखी हैं पर बन्द करती मोदी-खट्टर-दुष्यंत की पहली सरकार देखी हैं। और इसे ही विकास बता रही है। स्कूलों को बंद करने और पद समाप्त करने का विरोध अब गांवों में पहुंच चूका है, प्रदेश में जगह – जगह सरकार की इस अव्यावहारिक शिक्षा नीति का विरोध हो रहा है। उन्होनें कहा की इनकी सोच है कि ‘अनपढ रहेगा इंडिया तभी तो बीजेपी को वोट करेगा इंडिया’ इसीलिय इस जनविरोधी सरकार द्वारा 196 स्कूल पहले बन्द किए जा चुके हैं और अब 105 स्कूलों को दुसरे चरण में बंद किया गया है जबकी प्राथमिक स्कूलों की रेशनलाइजेशन प्रक्रिया अभी बाकी है। सुनीता वर्मा ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को निजी हाथों में सौपने के लिए रेशनलाइजेशन और चिराग योजना के द्वारा सार्वजनिक शिक्षा के शिक्षा तन्त्र को साजिशन बर्बाद किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि हुड्डा सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को शिक्षा का हब बनाया था किन्तु वर्तमान बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार गरीबों व आम आदमी के हितों की न सोचकर, एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरहं काम करते हुए सिर्फ पूंजीपतियों के हितों के लिए काम कर रही है। महिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री ने कहा कि सबसे जरूरी है स्कूलों का बचना, अध्यापकों के पदों का बचना, सार्वजनिक शिक्षा का बचना, बाकी सब इनके बाद आता है। तबादले हों लेकिन व्यवहारिक तरीके से, पदों को समाप्त करने के उद्देश्य से नहीं। सभी कैप्ट पोस्ट खोले सरकार और हर बच्चे को हर विषय का अध्यापक उपलब्ध करवाए। Post navigation जातिवादी आतंकियों के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग अशोक स्तंभ प्रकरण…… पटौदी एसएमओ पर लटकी जांच की तलवार, जवाब भी देना होगा !