राजस्थान के जालोर प्रकरण को लेकर किया गया विरोध प्रदर्शनडॉ भीमराव अंबेडकर सेवा समिति ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापनभीम आर्मी भारत एकता मिशन भी विरोध प्रदर्शन में रही शामिलपीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा व दो सदस्यों को नौकरीछात्र की हत्या के आरोपी दोषी अध्यापक को मिले कठोर सजा फतह सिंह उजाला पटौदी । दलित समाज पर हो रहे जातिगत अत्याचार के खिलाफ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेवा समिति हेली मंडी तथा भीम आर्मी भारत एकता मिशन के द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया गया । पटोदी के अंबेडकर भवन से प्रदर्शनकारी राजस्थान कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपने हाथों में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र और झंडे लेकर पटौदी के लघु सचिवालय परिसर में पहुंचे । पटौदी लघु सचिवालय परिसर में पहुंचने के दौरान भी प्रदर्शनकारियों के द्वारा दलितों पर अत्याचार बंद हो, दलितों पर अत्याचार बंद हो, जातिवादी आतंकवादियों के खिलाफ कानून बने, 9 वर्षीय छात्र के हत्यारे अध्यापक को कठोर सजा दी जाए, जैसे नारे लगाते रहे। पटौदी लघु सचिवालय परिसर में पहुंचकर डॉ भीमराव अंबेडकर सेवा समिति हेली मंडी और भीम आर्मी भारत एकता मिशन के द्वारा संयुक्त रूप से भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पटौदी के नायब तहसीलदार सुजीत कुमार को ज्ञापन सौंपा गया। नायब तहसीलदार सुजीत कुमार ने आश्वासन दिया कि जो ज्ञापन सौंपा गया है बिना देरी किए इसे राष्ट्रपति सचिवालय के लिए भेज दिया जाएगा। इस मौके पर रामकिशन रेवाडिया , पटोदी नगर पालिका के वाइस चेयरमैन जर्मन सैनी, पालिका पार्षद मनोज कुमार, मास्टर सूरजपाल, तिलक राज लोहचानिया, धनीराम माजरा, मंगतराम, जयप्रकाश, दयाचंद, महेंद्र सिंह नेहरा, सरजीत, धर्मचंद, जय भगवान, सतबीर पवार, गोरधनदास, दीपचंद, योगेश कुमार, विकास भारतीय सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे। महामहिम राष्ट्रपति ज्योति मुर्मू के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हम सभी लोग जातिगत भेदभाव के चलते जातिवादी आतंकियों का अत्याचार सहन करते आ रहे हैं । इस प्रकार के क्रूर अत्याचार की कीमत दलित समाज के लोगों को जान देकर भी चुकानी पड़ती है । हाल ही में राजस्थान के जिला जालौर गांव सुराणा के स्कूल में पानी पीने मात्र पर ही एक 9 वर्षीय मासूम छात्र की स्कूल के अध्यापक के द्वारा पिटाई करने से मौत हो गई । सीधे शब्दों में आरोप लगाया गया है कि मासूम छात्र की अध्यापक के द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई । इस प्रकार के जातिवादी मानसिकता सोच के अध्यापक के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए कम से कम फांसी की सजा दी जानी चाहिए । डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेवा समिति हेली मंडी के पदाधिकारी रामकिशन रेवाड़िया ने इस मौके पर कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है , लेकिन वास्तविक आजादी आज भी दलित समाज और एससी जाति जनजाति के लोगों को नहीं मिल सकी है । जिस प्रकार से समाज के पिछड़े कुचले दलित अनुसूचित जाति जनजाति के साथ में अत्याचार होता आ रहा है, यदि इस पर जल्द ही कठोर कानून बनाकर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाली इस समाज की पीढ़ियों को और भी अधिक प्रताड़ना सहन करनी पड़ेगी। इसी मौके पर अन्य वक्ताओं के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मांग करते हुए कहा गया है कि जातिवादी आतंकियों के खिलाफ कठोर से कठोर कानून बनाए जाने की जरूरत है। जिससे कि जातिवादी आतंकी और इस प्रकार की सोच रखने वाले लोगों पर लगाम कसी जा सके । सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को कम से कम 50 लाख का मुआवजा और बच्चे के इलाज में खर्च हुए 10 लाख का मुआवजा देने के साथ ही परिवार के 2 सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए। इसी कड़ी में भीम आर्मी भारत एकता मिशन के द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में जालौर घटना की निंदा करते हुए कहा गया है कि आजादी के 75 वर्ष के बाद देश से छुआछूत पूरी तरह से समाप्त नहीं हो सका है । यही कारण है कि समाज में दलित पिछड़े गरीब अनुसूचित जाति जनजाति पर अत्याचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भीम आर्मी भारत एकता मिशन के द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में जयपुर की एक शिक्षिका पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के वास्ते कठोरतम कानून और दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की गई है । दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि जातिवादी मानसिकता को लेकर जातिवादी आतंकियों के द्वारा किए जाने वाले हमले और मारपीट के कारण मृत्यु होने पर आरोपी को कम से कम फांसी की सजा फास्ट ट्रैक कोर्ट मे मामले की सुनवाई करते हुए दे दी जानी चाहिए। Post navigation डॉ सुधा के राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव का मिलेगा लाभ: जरावता बाड़ ही खेत को खा जाने वाली हैं खट्टर सरकार की शिक्षा नीतियां : सुनीता वर्मा