महिला डाक्टर सरिता दुहन पर दर्ज एफआईआर को हाइकोर्ट ने किया खारिज

हिसार,18 अगस्त 2022 – आज़ादनगर में स्थित दुहन अस्पताल व प्रसूति केन्द्र पर वर्ष 2016 में तत्कालीन डिप्टी सीएमओ डाक्टर तेजपाल शर्मा की टीम ने बिना किसी आधार के छापा मारकर कुछ मेडिकल ट्रीटमेंट में काम आने वाले चिकित्सा उपकरण बरामद किए थे। इस बारे में अस्पताल संचालक डॉ सरिता दुहन के खिलाफ कथित तौर पर गर्भपात करने का एक झूठा मुकदमा नंबर 186 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 की धारा 4 और 5 में सदर थाना हिसार में दर्ज किया गया था। इस बारे हिसार न्यायलय में अभियोग चला।

बाद में कथित तौर पर आरोपित डॉक्टर सरिता दुहन अपने ऊपर लगाए गए निराधार आरोपों के खिलाफ़ व इस मुकदमा को खारिज करने को लेकर 2017 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चली गई थी। माननीय हाईकोर्ट ने इस मामले में गहनता से विचार करते हुए इस मुकदमें के सभी आरोपों को निराधार पाया और अपने आदेश में कहा की उपरोक्त एफआईआर में जिन चिकित्सा उपकरणों का हवाला दिया गया है वो उपकरण प्रसूति केंद्र में रखना अपराध नही हैं। इस को आधार मानकर माननीय हाइकोर्ट ने दुहन अस्पताल व प्रसूति केंद्र की संचालिका डाक्टर सरिता दुहन पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए उन पर दर्ज मुकदमे को रद्द करने का आदेश 28 जुलाई 2022 को जारी कर दिया था जिसकी पालना करते हुए अब हिसार के जेएमआईसी अभिषेक चौधरी ने 17 अगस्त को डाक्टर सरिता दुहन के मुकदमे व एफआईआर को रद्द कर दिया है।

वहीं इस मामले से मुक्त होने पर डाक्टर सरिता दुहन ने कहा की उन्हें कुछ गैर जिम्मेदाराना अफसरों की वजह से सामाजिक व मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है। उन्होंने कभी भी अपने पेशे से खिलवाड़ नहीं किया है। उन्हें न्यायालय पर पूरा विश्वास था और यह सच्चाई की जीत है।

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