जरावता ने मानेसर में 1810 एकड़ जमीन रिलीज करने की उठाई मांग
एमएलए जरावता ने कहा कांग्रेस शासनकाल में किया गया था अधिग्रहण
2011 और मौजूदा समय में जमीनों के रेट में जमीन आसमान का अंतर

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे के साथ औद्योगिक क्षेत्र तथा नगर निगम मानेसर इलाके में 3 गांवों की जमीन का मामला मंगलवार को पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने राज्य विधानसभा में उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए निशाना साधा । उन्होंने कहा वर्ष 2011 में कांग्रेश शासनकाल के दौरान ही मानेसर क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इतना कहने पर कांग्रेसी विधायक आफताब अहमद के द्वारा विरोध किया गया। कांग्रेसी विधायक आफताब अहमद के विरोध किया जाने पर जमीनों के तथ्यात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए पटौदी के एमएलए एडवोकेट जरावता ने मजबूती से किसानों का पक्ष रखते हुए सरकार से अनुरोध किया कि मानेसर क्षेत्र के गांव कासन सहारावन और कुकड़ोला की 1810 एकड़ जमीन को रिलीज किया जाए ।

अनेक किसानों की छोटी.छोटी टुकड़ों की जमीन एकमात्र उनके जीवन यापन का साधन है । कांग्रेस के द्वारा मानेसर इलाके के किसानोंके साथ धोखा किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले भी जमीन के मुद्दे को लेकर एमएलए और ग्रामीण हरियाणा के सीएम, डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से मुलाकात कर जमीन को रिलीज करने की मांग कर चुके हैं ।

विधानसभा में पटौदी के एमएलए एडवोकेट जरावता के द्वारा 1810 एकड़ जमीन को रिलीज किया जाने के संदर्भ में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जमीन को रिलीज किया जाना संभव नहीं है । इस मामले को लेकर कुछ किसानों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में भी केस डाला गया है और अब जो भी फैसला होगा वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही संभव है । दूसरी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस मामले में सीधा दखल नहीं दे सकती और ना ही कुछ खास अलग से किया जा सकता है । लेकिन फिर भी प्रभावित किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन के बदले में दिए जाने वाले प्लाटों में छूट पर विचार किया जा सकता है ।

जिस प्रकार से विधानसभा में 1810 एकड़ जमीन को रिलीज करने का मुद्दा उठाया गया और जो कुछ भी सरकार की तरफ से जवाब दिया गया । दोनों पक्षों को देखते हुए अब इस बात की संभावना बहुत कम दिखाई देती है कि मानेसर क्षेत्र के गांव कासन , सहरावत और कुकड़ोला गांवों के किसानों की 1810 एकड़ जमीन को एचएसआईडीसी या फिर सरकार के द्वारा रिलीज किया जा सकेगा । ऐसे में जमीन का यह मामला कथित रूप से हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार के लिए भी आने वाले समय में एक चुनावी मुद्दा विपक्ष के द्वारा बनाया जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर सरकार की नई लैंड पूलिंग पॉलिसी भी एक ऐसा विकल्प मौजूद है, जिसके तहत प्रभावित किसानों को जमीन के बदले में होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई करते हुए राहत प्रदान की जा सकती है । अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा की प्रभावित तीनों गांवों के किसानों का अपनी 1810 एकड़ जमीन को लेकर क्या और किस प्रकार का फैसला करते हुए आगामी रणनीति बनाकर जमीन को बचाने का संघर्ष किस प्रकार से जारी रखा जा सकेगा।

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