गुरुग्राम में कांग्रेस खड़ी कहां, आया सामने भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेसी कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उसी के अंतर्गत हरियाणा में भी सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए गए। गुरुग्राम में भी हुआ और गुरुग्राम में तो प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल भी पधारे लेकिन उस प्रदर्शन से ऐसा लगा नहीं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कमान सौंपने के बाद गुरुग्राम में कांग्रेस की स्थिति में कुछ अंतर आया हो। आज पहले कांग्रेस के कमान सराय कार्यालय पर कांग्रेसियों का एकत्र होना आरंभ हुआ। इसकी कमान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने संभाली हुई थी और वहां एकत्र होने वालों में पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया, स्व. राव धर्मपाल के पुत्र वीरेंद्र यादव, पटौदी से उम्मीदवार रहे सुधीर चौधरी, बादशाहपुर से उम्मीदवार रहे राव कमलबीर मिन्टू भी उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुराने समर्थक कुलराज कटारिया, सुशील कुमार टुल्लर आदि भी मौजूद थे। हां, कैप्टन अजय यादव के बारे में कांग्रेसियों ने कहा था कि वह कार्यक्रम में उपस्थित होंगे लेकिन वह कार्यक्रम में नजर आए नहीं। हां, उनके विशेष कृपापात्र पंकज डावर जरूर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। कुछ कांग्रेसियों का कहना है कि पंकज डावर की चाह गुरुग्राम का जिला अध्यक्ष बनने की है और शायद इसी कारण उन्हें कैप्टन अजय यादव से निर्देश मिले हैं कि कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज कराएं, तभी उनकी जिला अध्यक्ष बनने की कामना पूरी हो सकेगी। यह जिले का प्रदर्शन था, इसमें सोहना, बादशाहपुर, पटौदी और गुरुग्राम के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस उपस्थिति को देखकर कांग्रेस कार्यकर्ता हर्षित नजर आए। कुछ का कहना था कि आज बरसों बाद ऐसा अवसर आया है कि किसी कार्यक्रम में संख्या 500 के आसपास हुई है। यह तो उनकी खुशी की बात है लेकिन चर्चाकारों में यह चर्चा थी कि कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज सोहना से काफी संख्या में लोगों को साथ लेकर आए थे। इसके अतिरिक्त राव कमलबीर मिन्टू भी बादशाहपुर विधानसभा से लोगों को लाए थे। पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया तो यहीं के हैं। अत: जब उनकी उपस्थिति वहां थी तो उनके समर्थक भी रहे ही होंगे। इसी प्रकार पटौदी के विधानसभा प्रत्याशी रहे सुधीर चौधरी के और आगामी चुनाव में टिकट लेने के लिए प्रयासरत सुनीता वर्मा भी उपस्थित थीं तो वह भी अपने साथ लोगों को लेकर आए ही होंगे। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम में जो कार्यकर्ता संगठन में पद लेना चाहते हैं, उनका यहां उपस्थिति दर्ज कराना आवश्यक भी था अत: उपस्थित थे। इसी प्रकार कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, कांग्रेस सेवादल तात्पर्य यह कि कांग्रेस के सभी मोर्चों के लोग थे और फिर उपस्थिति लगभग 500 के आसपास तो इससे लगता है कि गुरुग्राम में वर्तमान में कांग्रेस अपना अस्तित्व खो चुकी है। इससे कहीं अधिक लोग तो चंद दिनों पहले हुए आप के प्रदर्शन में देखे गए थे। मंजिल तक नहीं पहुंच पाए प्रदर्शनकारी जैसा कि बताया गया था कि कांग्रेसियों का कमान सराय से होकर मिनी सचिवालय पहुंचने का कार्यक्रम था और वहां शायद ज्ञापन भी देना था लेकिन जिस समय कांग्रेसी प्रदर्शन के लिए सड़क पर निकले उस समय हल्की बूंदाबांदी भी हो रही थी और यह जब गुरूद्वारा रोड से निकल रहे थे, उस समय इनके प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल का आगमन हुआ और फिर ये जेल रोड की रैड लाइट पर पहुंचे और वहां न जाने क्या हुआ, कारण बरसात रहा या आपसी विवाद यह तो प्रदर्शन के आयोजक ही बेहतर बता सकते हैं परंतु वहां रेड लाइट पर यह प्रदर्शन समाप्त हो गया और उसके पश्चात कार्यकारी अध्यक्ष अपने रास्ते और प्रदेश प्रभारी अपने रास्ते निकल गए। प्रदर्शन में मौजूद लोग जिनमें नेता अधिक और कार्यकर्ता न के बराबर थे, वे भी प्रदर्शन छोड़ चले गए। तात्पर्य यह कि पहुंचना था मिनी सचिवालय और रह गए गुरूद्वारा रोड। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कमान संभालने के पश्चात कांग्रेसियों ने यह आशा जगी थी कि अब कांग्रेस के अंतर्विरोध कम होंगे और कांग्रेस एकजुट होकर शक्तिशाली होकर उभर जाएगी परंतु आज के प्रदर्शन से न तो एकजुट नजर आए और न शक्ति दिखा सके और न ही सड़क पर उतरे कांग्रेसी जो नारा दे रहे थे कि ना रूकेंगे-ना झुकेंगे वह पूरा कर पाए। चर्चा यह भी चल रही थी कि कार्यकारी अध्यक्ष सोहना नगर परिषद चुनाव में अपना एक भी पार्षद नहीं जिता पाए, जबकि वह खुद सोहना से हैं। तो अब निगम चुनाव में टिकट लेने के आतुर लोग इस प्रदर्शन में तो शामिल हो गए परंतु क्या कांग्रेस से इनको कुछ मदद मिल पाएगी? या मिल पाएगी। वैसे अभी प्रदेश अध्यक्ष चौ. उदयभान ने तो कहा है कि कांग्रेस निगम चुनाव अपने सिंबल पर लड़ेगी परंतु कांग्रेसियों में उनकी बात पर अभी विश्वास नजर आता दिखाई नहीं दे रहा। चर्चा यह भी चल रही है कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कमान सौंपी गई थी तो कहा गया था कि दो माह में संगठन खड़ा हो जाएगा लेकिन संगठन के बारे में आज भी स्थिति वही दो माह पुरानी है। Post navigation खिलाड़ी रितु यादव को ट्रेनिंग के लिए बोधराज सीकरी ने दिए 5 लाख रुपये गुरुग्राम में तीस हजार कमर्शियल वाहनों के मालिकों को बड़ी राहत, 28 जुलाई तक बकाया टैक्स भरने पर पैनल्टी पर मिलेगी छूट