झंडा फहराते हुए रखे आवश्यक सावधानियों का ध्यान, न हो झंडे का निरादर, डीसी ने की अपील
भारतीय ध्वज संहिता के तहत जारी निर्देशों का तिरंगा फहराते हुए ध्यान रखें आमजन
तिरंगा हर भारतीय का गौरव : डीसी

गुरुग्राम, 22 जुलाई । उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने आजादी के 75वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 13 अगस्त से 15 अगस्त तक चलाए जाने वाले ‘हर-घर तिरंगा’ अभियान को लेकर आमजन से अपील की है कि वे तिरंगा झंडा फहराते हुए आवश्यक सावधानियों का ध्यान रखें ताकि झंडे का किसी भी तरीक़े से निरादर ना हो।आमजन भारतीय ध्वज संहिता का ध्यान रखें और सम्मान पूर्ण तरीके से हर घर तिरंगा अभियान में भाग लें।

भारतीय ध्वज संहिता -2002 में इससे संबंधित सभी नियमों ,औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है।

उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रध्वज हमारे देश के गौरव व सम्मान का प्रतीक है जो हमारे देश की स्वतंत्रता को दर्शाता है। तिरंगा देश की अखंडता और लोगों में देशभक्ति की भावना को प्रेरित करता है, ऐसे में जरूरी है कि तिरंगे को लेकर निर्धारित नियमों व प्रावधानों का ध्यान रखते हुए सम्मान पूर्वक व गरिमा पूर्ण ढंग से इसका इस्तेमाल किया जाए। भारतीय ध्वज संहिता -2002 में इससे संबंधित सभी नियमों ,औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि जब भी तिरंगा फहराया जाए तो उसे सम्मान पूर्ण स्थान दिया जाए और उसे ऐसी जगह लगाया जाए जहां से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे। सरकारी भवन पर तिरंगा रविवार और अन्य छुट्टियों के दिन में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता है । विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फ़हराया जा सकता है। राष्ट्रीय ध्वज कभी भी फटा हुआ या मेला नहीं फहराया जाता है और इसे केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुकाकर रखा जाता है। किसी भी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रध्वज से ऊंचा या ऊपर नहीं लगाया जा सकता और ना ही इस के बराबर में रखा जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन सभा मंच पर यदि किया जाता है तो इसे इस प्रकार फहराया जाए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो ध्वज उनके दाहिने ओऱ हो। उन्होंने बताया कि भारतीयता के प्रतीक राष्ट्रध्वज का आकार 96 × 64 फीट होता है और यह 75 मीटर की ऊंचाई पर फहराया जाता है। भारतीय झंडा 2: 3 की चौड़ाई और लंबाई में बनाया जाता है। यह तीनों पट्टियां समान चौड़ाई और लंबाई की होती है।उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज सूती, पालिएस्टर, रेशम या खादी के कपड़े का बना हुआ फहरा सकते है। भारत की फलैग कोड ऑफ इंडिया वैब्साईट पर भी राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई है।

उपायुक्त ने कहा कि सभी बोर्डों, निगमों, सरकारी विभागों के कार्यालय परिसरों, विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थाओं पर भी राष्ट्रीय ध्वज लगाने के निर्देश दिए गए हैं । इस अभियान के साथ जिला के हर नागरिक को जोडने के लिए लोगों तक जानकारी पहुंचाई जा रही है । उन्होंने युवाओं से आहवान किया कि वे भारत को आजाद करवाने के लिए शहीदों के संघर्षो उनकी कुर्बानियों के बारे में जरूर जाने। उन्होंने कहा कि जब भी हम तिरंगा झंडा देखते है तो अपने आप में गर्व की अनुभूति होती है। हमें इसका सम्मान करना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज को किसी धार्मिक या समुदाय वाले झंडे के बराबर में नही फहराना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज को खंडित करने पर कानूनन कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ध्वज अपने-अपने मकानों , प्रतिष्ठानों व अन्य सार्वजनिक जगहों पर सम्मान के साथ फहराएं और आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को मनाकर उन सभी शहीदों व बलिदानियों का सम्मान करें जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर किया था।