कनीना और काठुवास को जंक्शन प्रस्तावित
अटेली विधानसभा के लोगों ने जताई खुशी
खींचतान करके अटेली विधानसभा क्षेत्र से छीनने का प्रयास ना करें: गोमला

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। अलवर से चरखी दादरी तक रेलवे लाइन बिछाने के लिए सर्वे का कार्य हो चुका है। इसकी मांग दस वर्ष से की जाती रही है। सर्वे का खुलासा आरटीआई रिपोर्ट से हुआ है। इस रिपोर्ट में अलवर से चरखी दादरी के बीच 17 स्टेशन दिखाएं हैं।

अगर अलवर और चरखी दादरी को जोड़ दिया जाए तो कुल 19 रेलवे स्टेशन होंगे। साथ ही कनीना और काठुवास को जंक्शन प्रस्तावित किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि रेलवे लाइन की सबसे अधिक मांग महेंद्रगढ़ एवं नारनौल की जनता ने की थी लेकिन इन दोनों स्टेशनों को सर्वे में दरकिनार कर दिया गया है।

नारनौल जिला मुख्यालय है। यहां से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग चंडीगढ़ जाते हैं। महेंद्रगढ़ में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय है जहां देश-विदेश के विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इसके अलावा महेंद्रगढ़ में आईएमटी भी प्रस्तावित है। इसके बाद भी दोनों केंद्रों को सर्वे में शामिल नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि 2011-12 में तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी अलवर से चरखी दादरी वाया नारनौल, महेंद्रगढ़ रेलवे लाइन सर्वे की घोषणा की थी। उसके बाद से रेलवे लाइन का सर्वे नहीं किया जा रहा था। यह घोषणा अखबारों की सुर्खियां बनती रहीं।

जिलेवासियों ने रेलमंत्री, प्रधानमंत्री के नाम अनेक ज्ञापन भी सौंपे। उसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मंडल के सहायक इंजीनियर (नि.) योजना की ओर से 2021-22 में इसकी सर्वे करवाई गई। इस सर्वे में नारनौल एवं महेंद्रगढ़ को इसमें शामिल नहीं किया गया जबकि रेलमंत्री की घोषणा वाया महेंद्रगढ़ एवं नारनौल की थी। बावजूद इसके दोनों केंद्रों को दरकिनार कर सर्वे किया गया है।

कनीना एवं काठुवास को दिखाया गया है जंक्शन

सर्वे रिपोर्ट में कुल 19 स्टेशन दिखाए गए हैं जिनमें कनीना एवं काठुवास को जंक्शन दिखाया गया है। इसके अलावा चरखी दादरी भी जंक्शन बनेगा जबकि अलवर पहले से ही जंक्शन है। सर्वे में रेलवे लाइन अलवर से शुरू होकर जिंदौली, ततारपुर, रनोथ, उल्हेरी, जाट बहरोड़, नीमराना, साजनपुर नयागांव, मांढन, काठुवास, नांगल जमालपुर, मौडी, गोमला, रामबास, कनीना खास, बाघोत, चिड़िया, रामनगर तथा चरखी दादरी तक दिखाई गई है।

दैनिक रेलयात्री महासंघ के सदस्य निखिल खुराणा ने मई 2022 में आरटीआई लगाई थी। उसमें सर्वे का पता लगा है। सर्वे रिपोर्ट में महेंद्रगढ़ और नारनौल को भी शामिल करना चाहिए था। नारनौल जिला मुख्यालय है और महेंद्रगढ़ में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय है। यहां आईएमटी प्रस्तावित है और पर्यटन केंद्र भी है। दोनों केंद्रों को शामिल करने के लिए आज स्टेशन अधीक्षक को प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, उत्तर पश्चिम रेलवे अधिकारियों के नाम ज्ञापन भी सौंपा है।- रामनिवास पाटोदा, प्रधान, दैनिक रेलयात्री महासंघ।

इस रेलवे लाइन सर्वे को लेकर प्रसिद्ध सर्व समाज मंच के अध्यक्ष, सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार राधेश्याम गोमला का कहना है कि 2011-12 में घोषित अलवर से चरखी दादरी तक की इलैक्ट्रिक रेलवे लाईन की सर्वे सही तरीके से की गई है । यह रेलवे लाईन अटेली हल्के के लिए बहुआयामी विकास के रास्ते प्रशस्त करेगी । इसलिए कृपया इसे आपसी खींचतान करके अटेली विधानसभा क्षेत्र से छीनने का प्रयास ना करें ।

उन्होने कहा कि उक्त सर्वे रेलवे विभाग ने बिना किसी दबाब के अपनी सहूलियत अनुसार की है जो अलवर से चरखी दादरी तक का सबसे छोटा मार्ग बनता है । जिसमें अलवर से शुरू होकर जिन्दोली, ततारपुर, रनोठ, उल्हेडी, जाट बहरोड, नीमराणा, शहाजहाँपुर, नयागाँव, मांढण व काठुवास आदि राजस्थान के स्थानों के बाद हरियाणा के नाँगल जमालपुर, ढाणी जोरावत, गोमला , ढाणा, रामबास, ककराला, कनीना खास, सीहोर व बाघौत आदि अटेली विधानसभा के गाँवों व कस्बे से होते हुए चिडिया, मोडी व रामनगर होते हुए चरखी दादरी तक का मार्ग दिखाया गया है ।

उन्होने कहा कि अब तक सर्वथा उपेक्षित रहे इस क्षेत्र को ले देकर रेलवे विभाग ने यह उचित और छोटा मार्ग सुझाया है तो इसे छीनने का अनावश्यक प्रयास नही किया जाना चाहिए । जिले में अन्य बहुत से बड़े प्रोजेक्ट आए और आने की सम्भावना है जिसमें उक्त गांवों के लोग बढ़चढ़ कर सहयोग करते हैं | इसलिए बाकि सभी नेताओं को भी अनावश्यक बयानबाजी करके इसे विवादित नही करना चाहिए |

उन्होने जिला के सभी दलों के नेताओं से मांग की कि इस रेलवे मार्ग की निर्माण गति में सब सहयोग करें ।

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