धर्मपाल वर्मा चंडीगढ़ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का फरीदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का 3 दिन का प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को शुरू हुआ जो रविवार तक चलेगा। इस कार्यक्रम में सभी विधायक , सांसद ,प्रदेश कार्यकारिणी जिला कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व मंत्री आदि लगभग 400 लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस प्रशिक्षण शिविर को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ मुख्यमंत्री मनोहर लाल को संबोधित करेंगे ही, कहा गया है कि केंद्रीय संगठन से भी नेता इस प्रशिक्षण शिविर में पहुंचेंगे और अपने विचार रखेंगे। यहां एक बात साफ तौर पर यह कही जा सकती है कि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जनाधार के मामले में बेशक कमजोर हैं लेकिन पार्टी के कार्यक्रम आयोजित करने ,पार्टी कार्यकर्ताओं को काम पर लगाने के मामले में कुछ न कुछ नया करते रहते हैं ।यह अलग बात है कि पार्टी में उनके विरोधी इसे नंबर बनाना भी कह देते हैं। दूसरी बात यह कि श्री धनखड़ एक बात को बार-बार और लगभग हर मंच से प्रचारित और प्रसारित करने की कोशिश करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दम पर 2024 का लोकसभा का चुनाव फिर से जीतने वाली है और जब तीसरी बार केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाएगी तो फिर हरियाणा में उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में क्या होगा इसका सहज ही अनुमान यह लगाया जा सकता है। मसलन प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की हैट्रिक बनाने की स्थिति में होगी। तीसरी बात यह कि उन पर यह आरोप आमतौर पर लगता है कि वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पार्टी के विरोधियों को अपने पीछे खड़ा कर लेते हैं। लोग कहते हैं कि हरियाणा में भाजपा नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पक्षधर नेताओं को उंगलियों पर गिने जा सकता है परंतु उनके विरोधियों की अंडरस्टैंडिंग कथित तौर पर ओम प्रकाश धनकर से बनी रहती है। बहुत लोग यह मानकर चलते हैं कि श्री धनखड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने की योजना के तहत विशेष तौर पर इसलिए भी खास तरीके से काम करते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को प्रधान मंत्री मोदी पसंद करते हैं और शायद इसी मन स्थिति के कारण श्री धनखड़ यह दिखाने की कोशिश भी करते रहते हैं कि हरियाणा की सरकार में कमियां हो सकती हैं संगठन में कोई कमी नहीं है। श्री धनखड़ शायद इस बात के भी पक्षधर हैं कि भारतीय जनता पार्टी को जननायक जनता पार्टी के साथ लंबे समय तक तालमेल बनाकर नहीं चलना चाहिए। यही कारण था कि उन्होंने हिसार मे भाजपा के अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला करा लिया था परंतु बाद में केंद्रीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उसे पलट दिया गया था। अब जो 3 दिन का प्रशिक्षण शिविर है यह वास्तव में 2024 के चुनाव को जीतने की तैयारी का एक हिस्सा नजर आता है और ऐसा करके भी ओमप्रकाश धनखड़ हाईकमान में यह संदेश देना चाहते हैं कि वह इस मामले में बड़े गंभीर हैं और पॉलीटिकल एक्सरसाइज करने में लगे हुए हैं। इस समय यह स्थिति है कि राज्य में इस तरह के कार्यक्रम और कोई दल इतनी योजना के साथ नहीं कर पा रहा है। यह बात आसानी से समझी जा सकती है कि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश की पूरी क्रीम 3 दिन तक फरीदाबाद के सूरजकुंड में रहेगी तो कई तरह की अंडरस्टैंडिंग भी बनेंगी। प्रचार होगा। पार्टी के लोगों का उत्साह बढ़ेगा, भाजपा के प्रति जन सामान्य का रुझान भी बढ़ेगा मीडिया सोशल मीडिया से भारतीय जनता पार्टी को प्रचार मिलेगा । कार्यक्रम का आयोजन संगठन कर रहा है तो श्रेय भी ओमप्रकाश धनखड़ को मिलेगा। जहां प्रशिक्षण शिविर चल रहा है उसी क्षेत्र में जल्दी ही 3 नगर निगमों गुरुग्राम फरीदाबाद तथा मानेसर में नगर निगम के चुनाव होने हैं ।चुनाव के परिणाम राजनीतिक दलों के प्रति राय बनाने बिगाड़ने का काम करते हैं इसलिए फरीदाबाद के इस आयोजन का एक मतलब और प्रयोजन यह भी हो सकता है कि इस क्षेत्र में लोग भारतीय जनता पार्टी के प्रति और सकारात्मक सोच बनाएंगे । इसका निगम चुनाव में लाभ होगा और उस लाभ का सारे प्रदेश में राजनीतिक माहौल बनाने में उपयोग किया जा सकेगा। मतलब इस तरह के आयोजन लोकसभा के आगामी चुनाव के सिलसिले में माहौल बनाने के लिए भी हो रहा होगा। भाजपा के लोग माहौल बनाना जानते हैं और माहौल बनाना ही राजनीति कहा जाता है। राजनीतिक सोच रखने वाले लोग अभी से यह सोचने समझने लगे हैं कि आगामी चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस या किसी अन्य दल को अपना विकल्प नहीं बनने देगी और एक बार फिर हरियाणा में लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीत गई तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा। हां एक बात जरूर है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के पार्टी में जो विरोधी हैं उन्हें अब भी यह लगता है कि श्री धनखड़ के लिए 2024 में भी बादली की डगर आसान नहीं होगी। उन्हें इससे पहले बादली की नगर पालिका के चुनाव करा उसमें अपने समर्थक को चेयरमैन बनाने की लड़ाई भी जितनी होगी। वे कैबिनेट मंत्री रहते 2019 का चुनाव हार चुके हैं यदि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहते भी चुनाव हार गए तो फिर लोग यही कहेंगे कि दे दाल में पानी। Post navigation मुख्यमंत्री झूठ बोलकर खुद ही अपने को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने की बेशर्मी भी कर रहे है : विद्रोही मुख्यमंत्री की सद्बुद्धि के लिए हरिद्वार से लेकर आएंगे ‘मुख्यमंत्री सद्बुद्धि कांवड़ यात्रा’ – नवीन जयहिंद