कुदरत में छिपा है हर समस्या का समाधान, आयुर्वेद में हर बिमारी कर इलाज: स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज

अंबाला। अरिहंत फाउंडेशन की ओर से अंबाला में शुरू किए गए मेगा पौधा रोपण कार्यक्रम तीन दिवसीय अभियान के दूसरे दिन अंबाला शहर के गांव कई सरकारी स्कूलों में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी कड़ी के तहत अरिहंत फाउंडेशन के संयोजक स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज स्वयं स्कूलों में गए और बच्चों के साथ साथ स्कूल स्टाफ को पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया। अंबाला शहर के गांव मिया माजरा स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किए गए कार्यक्रम में स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज की अध्यक्षता में सैंकड़ों पौधे लगाए गए वहीं इस अवसर पर बच्चों ने पौधों की देख रेख करने की शपथ भी ली। महाराज ने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने में अंबाला प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है और अंबाला के डीसी विक्रम सिंह व एसडीएम हितैष कुमार द्वारा ली गई दिलचस्पी के कारण है कि इस अभियान को गति मिल पाई है।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों को संबोधित करते हुए अरिहंत फाउंडेशन के संयोजक स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि हर किसी को अपने जन्म दिवस पर पौधारोपण करना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस गति से पौधों को काटा जा रहा है, उस गति से पौधों को लगाने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह प्राकृति है और यह केवल देना जानती है, पौधे हमें आॅक्सीजन देते हैं, वर्षा देते हैं और बिमारियों से बचाते हैं। उन्होंने बच्चों व स्कूल स्टाफ को  बताया किया कि आयुर्वेद में स्पष्ट लिखा है कि जो व्यक्ति पौधे से प्यार करता है कुदरत उनकी चिंताओं का हर लेती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने माता पिता के नाम से और माता पिता को अपने बच्चों के नाम से पौधा लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई ऐसे पौधे हैं, जिन्हें लगाकर हम प्राकृति को तो बचाने का काम करते ही हैं, साथ ही उनसे दवाईयां भी बनाई जा सकती है, जिसके पत्तों की भी अपनी कीमत है। उन्होंने कहा कि अश्वगंधा, अशोक, अमरूद सहित अन्य फलदायक पौधे हैं, जिनसे हमें छाया तो मिलती है साथ ही अन्य फायदे भी मिलते हैं।

नशा छोड़ने में भी कुदरत निभाती है दायित्व: राजेश्वरानंद महाराज
स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि कुदरत नशा छोड़ने में अभी अपना रोल अदा करती है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी में नशा छुड़वाने के लिए कई तरह की दवाईयां दी जाती है, लेकिन नशा छोड़ने वाला फिर से नशा करने लगा है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यदि कोई आयुर्वेदिक दवाईयां से नशा छोड़ता है तो वह दोबारा नशा नहीं करता। स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने राजकीय उच्च विद्यालय गांव खैरा में नशा मुक्ति अभियान के तहत बच्चों को संबोधित किया। इस अवसर पर स्कूल प्रिंसिपल श्याम सुंदर प्रिंसिपल ने स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज का फूलों के साथ स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व मनने लगा है और अब केवल लोगों को इसे समझने की जररूत है। इस अवसर पर राकेश मक्कड, प्रिंसिपल राजेंद्र जिंदू, डॉ. सुनील गर्ग सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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